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Nil Sasthi Puja 2025 : नील षष्ठी व्रत 2025 इस साल 13 अप्रैल, रवि वार को मनाया जा रहा है। बंगाल समेत कई राज्यों में यह व्रत बेहद श्रद्धा के साथ रखा जाता है। इस दिन महिलाएं विशेष रूप से अपने बच्चों की लंबी उम्र, अच्छे स्वास्थ्य और जीवन में सुख-शांति के लिए उपवास करती हैं और भगवान शिव की पूजा करती हैं।

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~PR.115~ED.118~HT.336~
Transcript
00:00नील शश्टी पूजा बंगाली संस्कृति का एक खास पर्व है जो खास तोर से माताएं अपने बच्चों की भलाई और संतान सुख की प्राप्ति के लिए करती हैं
00:10इस दिन भगवान नीलकंड शिव देवी नील चंडिका और मा शश्टी की अराधना की जाती है
00:16नील शश्टी पूजा दोहजार पच्चिस की तिथी के बारे में बात करें तो यह 13 अपरेल दोहजार पच्चिस को है
00:22यानी चेतर की 30 तारिख को बंगाली पंचांक के मताबिक
00:25ये पूजा आमतोर पर चेत्र संक्रांती से एक दिन पहले यानि चरक पर्व की पूर्व संधिया पर मनाई जाती है
00:31इस दिन का कोई खास मोहरत नहीं होता लेकिन शाम के वक्त शिवलिंग पर जल चड़ाना और संतान की भलाई के लिए दीपक या मुंबती जलाना बेहद शुब माना जाता है
00:41पूजा विदी की बात करें तो महिलाएं इस दिन उपवास रखती है शाम को शिवलिंग पर जल बेल पत्र फूल और फल अरपित करती है
00:47अपराजिता फूल की माला पहना कर शिव की पूजा की जाती है संतान के नाम से दीप जला कर परातना की जाती है उपवास तोड़ने के बाद महिलाएं केवल फलाहार साबुदाना और सिंधनामक वाला भोजन करती है
00:59मानने ता है कि नील शष्टी के दिन वरत और पूजा करने से संतान की लंबी उम्र सुक और सम्रद्धी प्राप्त होती है और अगर संतान प्राप्ती में बादा हो तो वो भी दूर होती है
01:08निल शष्टी के दिन भगवान शिव और मा शष्टी को भक्ती और श्रद्धा से अरपित किया गया भोग बहुत फलदाई माना जाता है
01:15इस दिन खास्तोर से संतान की सुक, शान्ती और लंबी उम्र के लिए पूजा होती है
01:19इसलिए भोग भी सात्विक और सलर रखा जाता है
01:22निल शष्टी पर आप भगवान को बेल पत्र या बेल चड़ा सकते हैं जो की अनिवारे हैं
01:28इसके लावा धतूरा और भांग यदी वरती चाहे तो
01:32इसके लावा गंगा जल, दूद, दही, शहद और घी यानि पंचामरित
01:36केला और मौसमी फल भी आप चड़ा सकते हैं
01:39सादा खीरी या गुड से बनी खीर भी आप चड़ा सकते हैं
01:42सफेद मिठाई यानि रजगुला या मिष्टी दही बंगाली परंपरा में जो चलती है वो आप चड़ा सकते हैं
01:47इसके लावा मा शष्टी यानि नील चंडिका के लिए छोटे बच्चों के पसंदीदा फल और मिष्ठान चड़ाएं
01:53खाली बताशे हलवा या मीठा चावल गुड डाल कर साबुदाना खीर या फला हारी मिठाई नारियल और सूखे मेवे यानि काजू किश्मिशादी आप डाल सकते हैं
02:02द्यान देरे वाली बात यह है कि भोग सात्विक और नमक रहीत होना चाहिए अगर विरत रखा गया है तो पुवास के फल जैसे मखाना साबुदाना और सेंधा नमक से बनी चीज़े ही भगवान को अरपित करें
02:12पूजा में तुलसी का पत्ता शिव को ना चड़ाएं क्योंकि वो उन्हें अरपित नहीं की जाती है
02:16फिलाल इस वीडियो में इतना ही आपको जानकरी पसंद आई हो तो इसे लाइक करें शर करें और चैनल को सब्सक्राइब करना बिलकुल ना भूले

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