Hanuman Janmotsav Katha: उड़ते-उड़ते रास्ते में जब चील अंजना माता के आश्रम के ऊपर से गुजर रही थी तो माता अंजना ऊपर की ओर देख रही थी और उनका मुंह खुला होने की वजह से खीर उनके मुंह में गिर गई और उन्होंने उस खीर को गटक लिया। इससे उनके गर्भ में शिवजी के अवतार हनुमानजी आ गए और फिर उनका जन्म हुआ। Hanuman Janmotsav Katha:Hanuman Vrat Katha,Kaise Hua Tha Janm | AI Video
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00:00सत्य यूग का समय था धर्ती पर राक्षसों का त्याचार बढ़ गया था
00:11रावर जैसे असुरों ने धर्म की जड़े हिला दी थी
00:16देवता चिन्तित थे और तभी
00:23भगवान विश्णु ने श्री राम के रूप में अवतार लेने का निर्ने लिया
00:30लेकिन एक प्रश्न अब भी खड़ा था
00:33रावर जैसे बलचाली राक्षसों से राम की सहायता कौन करेगा
00:40देवताओं ने मिलकर निर्ने लिया
00:42उन्होंने कहा हम वानर सवरूप में अपनी शक्तियां धर्ती पर भेजेंगे
00:48और पवन देव से एक महान सहायकुत्पन होगा
00:52अनूमार
00:57एक परवत पर रहती थी अंजना
01:01जो एक अपसरा थी
01:03और श्राब के कारण वानिरी रूप में धर्ती पर थी
01:07उन्होंने भगबान शिव की कठोर तपस्या की
01:11हे प्रभू मुझे एक ऐसा पुत्र चाहिए
01:15जो धर्म की रक्षा करे
01:17जो बराकरमी हो
01:19तेजस्वी हो
01:20और आपका अईश हो
01:23शिव प्रसन्न हुए
01:25और आशिरबाद दिया
01:27तुम्हारा पुत्र
01:29मेरे अंश से उत्पन होगा
01:31और वो
01:32महाबली कहलाएगा
01:34उसी समय
01:36राजा दशरत आयोध्या में
01:39पुत्रेष्टी यग्य कर रहे थे
01:41जब अगनी देव ने
01:43उन्हें खीर दी
01:44तो आकाश मार्ग से उड़ती हुई
01:46उस खीर का एकंश
01:48अंजनी की गोद में आगिरा
01:50ये पवन देव का चमतकार था
01:53अंजनी ने वो खीर ग्रण की
01:57और कालांतर में हनुमान जी का जन्म हुआ
02:01इस तरह हां हनुमान जी केवल
02:03अंजनी पुत्र ही नहीं
02:05देवताओं के वर्दानों से पूजित एक महा शक्ती है
02:08उनका जन्म केवल एक लीला नहीं
02:11धर्म के स्थापना और अधर्म के विनाश की योजना थी
02:16और यही कारण है कि हनुमान जी को संकट मोचन कहा जाता है
02:21जै श्री राम जै बजरंग बली