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अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ का असर दुनिया भर के शेयर बाजारों पर देखा जा रहा है। भारतीय शेयर बाजार में सेंसेक्स 2000 से अधिक अंकों की गिरावट के साथ खुला। ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स और कृषि उत्पादों के शेयरों में सबसे अधिक गिरावट दर्ज की गई। विशेषज्ञों का मानना है कि यह गिरावट और भी लंबी हो सकती है हालांकि की अभी भारत की स्थिति अन्य एशियाई बाजारों की तुलना में बेहतर है क्योंकि भारत पर लगाया गया टैरिफ कम है यह वाकई में एक बड़ी खबर है! अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ का असर वैश्विक अर्थव्यवस्था पर बहुत गहरा पड़ रहा है, और इसका सीधा असर शेयर बाजारों पर देखा जा रहा है। भारतीय बाजार में सेंसेक्स में भारी गिरावट इस बात का संकेत है कि निवेशक इस अप्रत्याशित घटनाक्रम से चिंतित हैं और  खासकर ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स और कृषि उत्पादों से जुड़े कंपनियों के शेयरों में भारी नुकसान हुआ है, जो इन क्षेत्रों के लिए चिंता का कारण बन सकता है।

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Transcript
00:00यहाँ मुझे लगता है दर्शकों को यह बताना ज़रूरी हो जाता है कि भारत सरकार के तरफ से इन तबाम हालात को लेकर आठलन पहले ही किया गया था
00:06और इसी बज़ों से क्योंके ये जो बदले हुए टारिफ के नियम है ये लागू कब से होने है लागू होने है नौ अपरेल से
00:13आज क्या तारीख है साथ अपरेल है और भारत सरकार के तरफ से पिछले हफते ही हाई लेवल कमिटी का गठन कर दिया गया था
00:20जो इसमें चार अलग-अलग मंतराल्यों को शामल किया गया था इसका नित्वित्व जो है वो कॉमर्स मिनिस्ट्री जो वाड़जी मंतराल्य है उसको जिम्मा सौपा गया था
00:29कि वो इस पूरी की पूरी स्थिति का आंकलन करे और साथ ही इससे किस तरीके से निप्टा जाए इसको लेकर कोई गाइडलाइन या फ्रेमवर्क जो है वो सामने रखे
00:38एसे में फिलाल सबसे जादा असर और सबसे जादा मार अगर मैं इस शब्द का इसतिमाल करूं
00:44तो वो कहां पढ़ रही है? वो छोटे निवेशकों पर पढ़ रही है
00:47वो किसकी जेब पर पढ़ रही है?
00:49वो छोटा निवेशन जो स्मॉल सेविंग्स के लिए और छोटे मुनाफ़े के लिए
00:54शेर भाजार के रुक करता है उसकी जेब पर पढ़ रही है
00:57उसको लेकर एक्सपर्ट्स की तरफ से सनहक्या दी जा रहे हैं
01:00सीधे एक बार फिर से आपको लेकर चलेंगे
01:02हमारे साथ नमरता लगातार बनी हुए नमरता
01:09देखिए एक्सपर्ट्स का साफतार पर कहना है कि
01:11एक बार काम हुए मार्कट लगातार बनाio
01:15गोलढ को अब सर्वार्व करगे
01:17अपडा भारत से ये कीनमत बी डी
01:19जब अपडा बी मार्किटं दी
01:21क्यो जब गोलधी है सकता है
01:23एक अस्ट के अलेश की सिदी भारत के लिए है
01:25की अटो मा बाईल इलेक्टरणिक और कुछ आगरो पुर प्रडัक्ट की अलावा भारत पूरी तरह से डिपेंडंत नहीं है
01:31भारत के इतने भी जाधा प्रड़क्ट अमेरिका में नहीं जाते हैं
01:33तो बहुत ऐसे भी देश हैं जो भारत के कई बाकी प्रोड़ाक्स भी लेते हैं
01:38तो भारत के स्थिति उतनी जादा खराब नहीं हो सकती है अगर प्रोपरली मेनेज किया जाएं
01:43साती भारत सरकार ने भी कमेटी का गठन किया था
01:46उन्होंने पहले निवेशकों से बहुत सारी बैठेके की थी जिसमें उनके ओपीनियन लिया गया थे
01:51और 9 अपरिल को जब ही लागू किया जाएगा उसके बाद मार्केट की क्या स्थिति होती है
01:54इस पर भी एक्सपर्ट की नजर लगातार बनी हुई है
01:57तो ऐसे में फिलहाल मार्केट ज़रूर गिरा है एक्सपर्ट का कहना है कि एक हपता और देखना पड़ेगा
02:01लेकिन सबसे ज़ादा चौकाने वाली बात यह है कि निवेशकों ने उम्मीद की थी
02:06कि तैरिफ के तुरन्त बाद मार्केट टे उस तरह के असर नहीं दिखाये
02:09तो शायद ये थोड़ा सा एक स्मूर्थ प्रोसेस जाये इतनी तुरन्त वाली मार हमको ना लगे
02:13लेकिन जैसे ही सोमवार आया 2000 की नीचे अंग सीधे गिर गए
02:17जो हैं वो इस फ्रॉस्ट्रेशन में हैं कि आखेर क्या करें
02:20तो ऐसे में जब किसी एक चीस को ले की निवेशक परिशान होते हो
02:24तो दूसरी रास्थे की तरफ जाते तो बाकी प्रोड़क्स की कीमत
02:28बाकी प्रोड़क्स के जो शेर हैं वो बढ़ने वाले हैं और ऐसी स्थिती में
02:32अब निवेशक जो हैं वो भारत सरकार की तरफ टक टकी लगाय हुए देख रहे हैं
02:36कि आप अपनी तरफ से कोई बात कीज़े, आप अपना पक्ष रख गये
02:38क्योंकि चाइना ने एक अलग रुख अपना लिया, उन्होंने कहा है कि हम भी 34% लगाएंगे हमारे प्रोड़क्स को लेकर
02:43तो वो स्थिती भारत नहीं कर सकता क्योंकि भारत का एक relation अमेरिका से अलग है, चाइना का एक relation अमेरिका से अलग है
02:49तो भारत को पहले से एक soft zone में रखा है अमेरिका, तो भारत भी उसी तरह से एक अपनी तरफ से initiate लेगा
02:56जिसके तहट आगे की जो market की स्थिती है उस पर situation साफ हो पाएगी
03:03लेकिन फिलाल अभी जो ज़रूरी है ये समझना कि अगर इस तरह की आपदा है, तो इस में से अफसर कैसे निकालें
03:09क्योंकि बाकी देशों के मुकाबले भारत की स्थिती बहुत ही बैतर है
03:13इसको लगातार experts और market की तमाम निवेशक हैं, उस समझाने की कोशिश कर रहे हैं
03:18कि इस बाकी country की मुकाबले भारत को अगर छूट मिली है, तो उस छूट का कैसे फायदा उठाए जाए
03:23और वो फायदा उठाने के लिए सरकार को एक निती बनानी पड़ेगी
03:27मेंकिन इंडिया की जो निती है उसमें भी थोड़े से बदलाव करने पड़ेंगे
03:30तो इन तमाम चीज़ों का इंतिजार वो निवेशक कर रहे हैं
03:33और यहां पर जब आप market गिरा है, तो अब उनकी इच्छा ज़ादा बढ़ गई है भारत सरकार से
03:38कि वो एक बड़ा फैसला लें, अपनी तरफ से जो है, एक इनिशेट लें, अमेरिका से अपनी तरफ से बात करें
03:44ताकि बहुत सारी स्थिति सामान हो पाए
03:46लेकिन मैंने आपको बताया कि...
03:47आपकी बात सुनते, मुझे लगता है कि ये कहा जा सकता है कि साब ये जो गिरावट है, मतलब वो impact क्यूंके अन्य देशों के मुकाबले एक तो टारिफ भारत पर अमेरिका की तरफ से कम लगाय गया है
03:58दूसरा जानकार, ये मान कर चल रहे हैं कि ये एक आपदा में अफसर भारतिय कंपनियों के लिए हो सकता है
04:04वो अपना जो export है अन्य देशों को वो बढ़ा सकते हैं
04:08यहाँ पर एक मौका भारतिय कंपनियों के पास है
04:11तो फिलाल अभी कुछ भी कहना बहुत जल्दबाजी होगी और एक तरीके से ये जो शुरुवाती गिरावथ आज हम बाजार में देख रहे हैं
04:18या पिछले हाथे भी हमने बाजार में देखी
04:20एक तरीके से क्योंकि माना जाता है कि बाजार जो है वो sentiment पर चलता है
04:24तो ये sentiment की वज़े से और पूरी दुनिया भर के शेर बाजारों में जिस तरीके का sentiment है वो negative sentiment
04:30उस ही का ये impact है जो ज़्यादा महसूस हो रहा है भारती शेर बाजार पर
04:34नमरिता
04:36जिए बिलकुल क्योंकि टेरिफ आने से पहले टेरिफ को लेकर जो माहौल बनाया गया था वो बहुत ज़्यादा negative था उसके बाद अब जब टेरिफ आया तो शुरुवात में वैसे स्थीती देखने नहीं मिली लेकिन जैसे जैसे चाइना रियाक कर रहा है बाकी लेश रि
05:06क्योंकि टेरिफ आने से पहले टेरिफ को लेकर ज़्यादा

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