रामेश्वरम. रामेश्वरम में नया बना पंबन ब्रिज राष्ट्र को समर्पित होने के लिए पूरी तरह से तैयार है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले कुछ हफ्तों में रेलवे के इस नए ब्रिज का उद्घाटन करेंगे। उद्घाटन के साथ ही इस ब्रिज पर ट्रेनों की आवाजाही भी शुरू हो जाएगी। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि यह ब्रिज 2.05 किलोमीटर लंबा है। इस ब्रिज के शुरू हो जाने के मंडपम से पंबन द्वीप का सफर मात्र 5 मिनट में पूरा कर सकेंगे जबकि पुराने बने ब्रिज से करीब 25-30 मिनट का समय लगता है।
रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि मंडपम और रामेश्वरम द्वीप समूह के बीच पुराने औपनिवेशिक युग के पंबन पुल को पार करने में ट्रेनों को 10 किमी प्रति घंटे की गति सीमा के कारण 25-30 मिनट लगते थे। इसे 2022 में यातायात के लिए बंद कर दिया गया था। नए पुल पर ट्रेनें अधिकतम 75 किमी प्रति घंटे की गति से गुजरेंगी। नए पुल पर परीक्षण पूरा हो गया है और सुरक्षा प्रमाणपत्र प्राप्त भी मिल गया है।
104 साल पुराने पुल की जगह लेगा नया ब्रिज
नया पुल वर्तमान पंबन रेलवे पुल की जगह लेगा जो 104 साल पुराना है। हर साल लाखों तीर्थयात्री रामेश्वरम में विश्वप्रसिद्ध रामनाथस्वामी मंदिर के दर्शन के लिए आते हैं। नया पंबन ब्रिज पंबन और रामेश्वरम के बीच रेल यातायात को बढ़ाएगा। धनुषकोडी की यात्रा पर जाने वाले यात्री भी इस नए ब्रिज का इस्तेमाल करेंगे। नए ब्रिज पर दो रेल पटरियां बिछाईं गई हैं। पुराना ब्रिज सिंगल लाइन का है। नए ब्रिज में पिलर की गहराई 35 मीटर है। पुराने ब्रिज में एक सामान्य स्पैन 12 मीटर का है यानी दो पिलर की दूरी 12 मीटर की है जबकि नए ब्रिज में ये दूरी 18 मीटर की रखी गई है।
रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि मंडपम और रामेश्वरम द्वीप समूह के बीच पुराने औपनिवेशिक युग के पंबन पुल को पार करने में ट्रेनों को 10 किमी प्रति घंटे की गति सीमा के कारण 25-30 मिनट लगते थे। इसे 2022 में यातायात के लिए बंद कर दिया गया था। नए पुल पर ट्रेनें अधिकतम 75 किमी प्रति घंटे की गति से गुजरेंगी। नए पुल पर परीक्षण पूरा हो गया है और सुरक्षा प्रमाणपत्र प्राप्त भी मिल गया है।
104 साल पुराने पुल की जगह लेगा नया ब्रिज
नया पुल वर्तमान पंबन रेलवे पुल की जगह लेगा जो 104 साल पुराना है। हर साल लाखों तीर्थयात्री रामेश्वरम में विश्वप्रसिद्ध रामनाथस्वामी मंदिर के दर्शन के लिए आते हैं। नया पंबन ब्रिज पंबन और रामेश्वरम के बीच रेल यातायात को बढ़ाएगा। धनुषकोडी की यात्रा पर जाने वाले यात्री भी इस नए ब्रिज का इस्तेमाल करेंगे। नए ब्रिज पर दो रेल पटरियां बिछाईं गई हैं। पुराना ब्रिज सिंगल लाइन का है। नए ब्रिज में पिलर की गहराई 35 मीटर है। पुराने ब्रिज में एक सामान्य स्पैन 12 मीटर का है यानी दो पिलर की दूरी 12 मीटर की है जबकि नए ब्रिज में ये दूरी 18 मीटर की रखी गई है।
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