सवाईमाधोपुर. साहब!भुगतान के लिए नगरपरिषद के चक्कर काट-काटकर थक गए है। हर बार केवल आश्वासन ही दिया जा रहा है। ऐसे में बार-बार कभी नगरपरिषद तो कभी जिला प्रशासन को शिकायत कर रहे है। गत दिनों नगरपरिषद में करीब तीन करोड़ रुपए का बजट भी आ चुका है। इसके बावजूद भी समय पर भुगतान नहीं हो रहा है। मजबूरन सभी काम छोडक़र हड़ताल करनी पड़ रही है। यह कहना है नगरपरिषद के ठेके पर लगे अस्थाई सफाई कर्मियों का।
ठेके पर लगे अस्थाई कर्मचारी समय पर भुगतान नहीं होने से नगरपरिषद के चक्कर काट रहे है। कर्मचारियों ने बताया कि दिवाली से पहले सभी कर्मचारियों को भुगतान करने का आश्वासन दिया था लेकिन दिवाली पर भुगतान नहीं हुआ और कर्मचारियों को दिवाली भी फीकी ही मनानी पड़ी। वहीं दिवाली बाद कर्मचारियों को भुगतान करने का आश्वासन दिया लेकिन दिवाली बीते दो माह का समय बीत गया है, जबकि अभी तक कर्मचारी भुगतान का ही इंतजार कर रहे है।
बकाया राशि पहुंची दो करोड़ से अधिक
नगरपरिषद में एक ठेकेदार का नवम्बर २०२३ से मई २०२४ तक कुल १ करोड़ १० लाख का बकाया है, जबकि कर्मचारियों का जून से दिसम्बर तक बकाया चल रहा है। ऐसे में नगरपरिषद के ठेकेदार, अस्थाई सफाई कर्मचारी, ऑटो टिपर चालक, फायरमैर कर्मचारियों का बकाया भुगतान की राशि बढक़र दो करोड़ रुपए से अधिक पहुंच गई है।
शीघ्र भुगतान का कहकर टरका रहे
अस्थाई सफाईकर्मी सूरज, रामजीलाल, घनश्याम ने बताया कि ऐसा पहली बार हुआ है जब लंबे समय बाद भी कर्मचारियों को भुगतान नहीं किया जा रहा है। हालाकि जून-जुलाई माह का भुगतान सीएलसी संस्था ने कुछ कर्मचारियों को कर दिया था लेकिन कई कर्मचारी रह गए और उनको जून से ही भुगतान नहीं मिल पा रहा है। नगरपरिषद प्रशासन की ओर से कार्मिकों को शीघ्र भुगतान करने का कहकर टरकाया जा रहा है। इससे कार्मिकों को घर चलाने में भी आर्थिक परेशानी हो रही है।
मजबूरी में कर रहे हड़ताल
कर्मचारियों को समय पर भुगतान नहीं करने से पेट पालन आर्थिक परेशानी हो रह है। आर्थिक परेशानी को देखते हुए अब मजबूरी में हड़ताल पर जाने को मजबूर है। पिछले छह दिन से कई सफाईकर्मियों की हड़ताल चल रही है। भुगतान को लेकर नगरपरिषद आयुक्त, सभापति, सफाई निरीक्षक आदि से बात कर रहे है तो शीघ्र भुगतान कराने ही आश्वासन दिया जा रहा है। ऐसे में कर्मचारी अब मजबूरन हड़ताल करने पर मजबूर है।
फैक्ट फाइल...
- नगरपरिषद में ठेकेदार, अस्थाई सफाईकर्मी, ड्राइवर, हेल्पर का कुल बकाया-दो करोड़ से अधिक।
-पांच माह से एक ठेकेदार का एक करोड़ १० लाख का भुगतान बकाया।
- करीब १७५ अस्थाई सफाईकर्मी, ड्राइवर, हेल्पर आदि को नहीं मिला वेतन।
- सात माह से नहीं मिल रहा अस्थाई सफाईकर्मी व अन्य कर्मचारियों को भुगतान।
- गत दिनों नगरपरिषद में आया तीन करोड़ रुपए का बजट।
इनका कहना है...
बजट आया है। ठेके पर कार्यरत अस्थाई सफाईकर्मियों व अन्य कर्मचारियों को जल्द ही भुगतान कराया जाएगा।
मेघा वर्मा, कार्यवाहक सभापति, नगरपरिषद सवाईमाधोपुर
भुगतान नहीं होने पर देंगे धरना
नगरपरिषद के अस्थाई सफाईकर्मियों व अन्य कर्मचारियों का करीब सात माह से भुगतान नहीं हो रहा है। नगरपरिषद के अधिकारी हर बार केवल आश्वासन ही दे रहे है। भुगतान नहीं होने से कर्मचारियों को आर्थिक परेशानी झेलनी पड़ रही है। अब भुगतान नहीं होने पर सभी कर्मचारियों के साथ धरना दिया जाएगा।
बुद्धि प्रकाश कलौशिया, प्रदेश सचिव, अखिल भारतीय सफाई मजदूर कांग्रेस सवाईमाधोपुर
ठेके पर लगे अस्थाई कर्मचारी समय पर भुगतान नहीं होने से नगरपरिषद के चक्कर काट रहे है। कर्मचारियों ने बताया कि दिवाली से पहले सभी कर्मचारियों को भुगतान करने का आश्वासन दिया था लेकिन दिवाली पर भुगतान नहीं हुआ और कर्मचारियों को दिवाली भी फीकी ही मनानी पड़ी। वहीं दिवाली बाद कर्मचारियों को भुगतान करने का आश्वासन दिया लेकिन दिवाली बीते दो माह का समय बीत गया है, जबकि अभी तक कर्मचारी भुगतान का ही इंतजार कर रहे है।
बकाया राशि पहुंची दो करोड़ से अधिक
नगरपरिषद में एक ठेकेदार का नवम्बर २०२३ से मई २०२४ तक कुल १ करोड़ १० लाख का बकाया है, जबकि कर्मचारियों का जून से दिसम्बर तक बकाया चल रहा है। ऐसे में नगरपरिषद के ठेकेदार, अस्थाई सफाई कर्मचारी, ऑटो टिपर चालक, फायरमैर कर्मचारियों का बकाया भुगतान की राशि बढक़र दो करोड़ रुपए से अधिक पहुंच गई है।
शीघ्र भुगतान का कहकर टरका रहे
अस्थाई सफाईकर्मी सूरज, रामजीलाल, घनश्याम ने बताया कि ऐसा पहली बार हुआ है जब लंबे समय बाद भी कर्मचारियों को भुगतान नहीं किया जा रहा है। हालाकि जून-जुलाई माह का भुगतान सीएलसी संस्था ने कुछ कर्मचारियों को कर दिया था लेकिन कई कर्मचारी रह गए और उनको जून से ही भुगतान नहीं मिल पा रहा है। नगरपरिषद प्रशासन की ओर से कार्मिकों को शीघ्र भुगतान करने का कहकर टरकाया जा रहा है। इससे कार्मिकों को घर चलाने में भी आर्थिक परेशानी हो रही है।
मजबूरी में कर रहे हड़ताल
कर्मचारियों को समय पर भुगतान नहीं करने से पेट पालन आर्थिक परेशानी हो रह है। आर्थिक परेशानी को देखते हुए अब मजबूरी में हड़ताल पर जाने को मजबूर है। पिछले छह दिन से कई सफाईकर्मियों की हड़ताल चल रही है। भुगतान को लेकर नगरपरिषद आयुक्त, सभापति, सफाई निरीक्षक आदि से बात कर रहे है तो शीघ्र भुगतान कराने ही आश्वासन दिया जा रहा है। ऐसे में कर्मचारी अब मजबूरन हड़ताल करने पर मजबूर है।
फैक्ट फाइल...
- नगरपरिषद में ठेकेदार, अस्थाई सफाईकर्मी, ड्राइवर, हेल्पर का कुल बकाया-दो करोड़ से अधिक।
-पांच माह से एक ठेकेदार का एक करोड़ १० लाख का भुगतान बकाया।
- करीब १७५ अस्थाई सफाईकर्मी, ड्राइवर, हेल्पर आदि को नहीं मिला वेतन।
- सात माह से नहीं मिल रहा अस्थाई सफाईकर्मी व अन्य कर्मचारियों को भुगतान।
- गत दिनों नगरपरिषद में आया तीन करोड़ रुपए का बजट।
इनका कहना है...
बजट आया है। ठेके पर कार्यरत अस्थाई सफाईकर्मियों व अन्य कर्मचारियों को जल्द ही भुगतान कराया जाएगा।
मेघा वर्मा, कार्यवाहक सभापति, नगरपरिषद सवाईमाधोपुर
भुगतान नहीं होने पर देंगे धरना
नगरपरिषद के अस्थाई सफाईकर्मियों व अन्य कर्मचारियों का करीब सात माह से भुगतान नहीं हो रहा है। नगरपरिषद के अधिकारी हर बार केवल आश्वासन ही दे रहे है। भुगतान नहीं होने से कर्मचारियों को आर्थिक परेशानी झेलनी पड़ रही है। अब भुगतान नहीं होने पर सभी कर्मचारियों के साथ धरना दिया जाएगा।
बुद्धि प्रकाश कलौशिया, प्रदेश सचिव, अखिल भारतीय सफाई मजदूर कांग्रेस सवाईमाधोपुर
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