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मूक पशुओं व आवारा जानवरों को पकड़ने के लिए निगम के कांजी हाउस में हालात बदतर नजर आए। यहां करीब 15 बंदरों व कुछ लावारिस गायों के भूखे मरने की नौबत आ गई। बताया जाता है कि यहां कई दिनों से बंदरों के हाल बेहाल हैं। कई दिनों से पिंजरे में बंद कुछ बंदर घायल हैं। इनके चेहरे पर खून देखा जा सकता है। इस विदारक िस्थति की जानकारी मिलने पर शुक्रवार को एनजीओ संस्था व कुछ समाजसेवियों ने सक्रियता दिखाते हुए न केवल बंदरों व गायों को चारा व केले खिलाए वरन उच्च अधिकारियों को सूचना दी। इसके बाद बंदरों को रात्रि में ही छोड़ा गया। घायल बंदरों को पशु चिकित्सालय में ले जाया जाएगा।

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