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दुर्ग: छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में नगर निगम द्वारा संचालित श्री राधेकृष्ण गौधाम आत्मनिर्भर गौशाला है। इस गौशाला में गोबर और गायों के गोमूत्र से विभिन्न प्रकार की चीजें बनाई जाती हैं। इस आत्मनिर्भर गौशाला में गाय के गोबर से दीपक और विभिन्न प्रकार की मूर्तियां तैयार की जा रही हैं। इन दीयों का ऑर्डर दुर्ग समेत पूरे प्रदेश के साथ-साथ मध्य प्रदेश, राजस्थान और अयोध्या भी भेजा जा रहा है। इस गौशाला में 500 गाय पाली जाती हैं। आपको बता दें कि गाय के गोबर से तैयार दीपक का पूजा में इस्तेमाल करना काफी शुभ माना जाता है। गाय के गोबर से तैयार दीपक पानी में डूबता नहीं है, साथ ही दीपक जलने के बाद इसका खाद के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।

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00:00एकी साथ
00:30एक तरफों मही एक रूटनल केती है
00:35हमाँ वो पुरथीन पुर्द करते हैं
00:40भावने के लिए हमें की तरफों बनगता है
00:45फ्रापत बिंध्र जानी गी तद को पड़ते हैं
00:50हमें और पर यहाँ गाराण जानी दे सकते हैं
00:55अबी देखा जायं तो सत्ता परिवर्तन के बाद का दिमान पुरासा लोकल में कम हुआ है
01:05अबी धिरश्टिल कण में धिमान नहीं है
01:06हमारे यहां से जो बहारके ढिमान है वो वहाँ के ढिमान है
01:11जैसे भी कब 4 सारह में हमारी जो गौबर के प्रोडक्ट थे
01:15अमारे यहां से ज़िसे गंबले हैं
01:17भूक बत्ती हैं देखन आयाटम हैं
01:19सारे यो ढेमांड है
01:21छत्सकण में कम सके कम, सारे अपना राज़वें कम हो गया
01:23इस बार के राज्यों में ही अत्यातीक मात्रा में इसका डिमाण अभी भी है
01:27आस्टेलिया भी गया है, कुछ है अपने बरचित में
01:30तो वो जब आय थे तो वो तुरंट लेके गय थे
01:33अपने बरचित में आय थे तो वो जब आय थे तो वो तुरंट लेके गय थे
02:03अपने बरचित में आय थे तो वो जब आय थे तो वो तुरंट लेके गय थे
02:33अपने बरचित में आय थे तो वो जब आय थे तो वो जब आय थे तो वो जब आय थे तो वो जब आय थे तो वो जब आय थे तो वो जब आय थे तो वो जब आय थे तो वो जब आय थे तो वो जब आय थे तो वो जब आय थे तो वो जब आय थे तो वो जब आय थे तो वो �
03:03जब आय थे तो वो जब आय थे तो वो जब आय थे तो वो जब आय थे तो वो जब आय थे तो वो जब आय थे तो वो जब आय थे तो वो जब आय थे तो वो जब आय थे तो वो जब आय थे तो वो जब आय थे तो वो जब आय थे तो वो जब आय थे तो वो जब आय थे तो
03:33जब आय थे तो वो जब आय थे तो वो जब आय थे तो वो जब आय थे तो वो जब आय थे तो वो जब आय थे तो वो जब आय थे तो वो जब आय थे तो वो जब आय थे तो वो जब आय थे तो वो जब आय थे तो वो जब आय थे तो वो जब आय थे तो वो जब आय थे तो
04:03हम दो तीन और हैं हम लोग दिये पनाने लगते हैं
04:06हम लोग दिये पनाते हैं हम लोग
04:09दिये तो भी हैं ये 2020 से जब से गौठान चालू हुआ है
04:12तो समय से हमारे दिये, धूपत्ती
04:15गोबर से निर्मित जितने भी उत्पाद हैं
04:17वो यहाँ पे लगातार बन रहे हैं
04:19लेकिन एक बहुत दिक्कत वाली चीज अभी दिखने में आई है कि
04:23साड़े तीन, चार साल तक डियो की इतनी ज़्यादा डिमांड थी
04:26कि हम लोग सप्लाय नहीं कर पा रहे थे
04:28हमारे पूरे प्रदेश भी, तुसरे प्रदेश में ही नहीं
04:32अपने पूरे दूसरे प्रदेशों में, इवन विदेशों में भी हमारे दिये गया हैं
04:36लेकिन यह पिछले एक साल से डियो का और गोबर से निर्मित उतपादों का
04:40प्रदेशों में हमारे प्रदेशों में ही नहीं कर पा रहे थे
04:44हमारे प्रदेशों में ही नहीं कर पा रहे थे
04:48हमारे प्रदेशों में हमारे प्रदेशों में ही नहीं कर पा रहे थे
04:52हमारे प्रदेशों में हमारे प्रदेशों में ही नहीं कर पा रहे थे
04:56हमारे प्रदेशों में हमारे प्रदेशों में हमारे प्रदेशों में हमारे प्रदेशों में हमारे प्रदेशों में हमारे प्रदेशों में हमारे प्रदेशों में हमारे प्रदेशों में हमारे प्रदेशों में हमारे प्रदेशों में हमारे प्रदेशों में हमारे प्रदे

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