संघ और देश के नाते सब कुछ छोड़ दिया है: Mohan Bhagwat

  • 3 months ago
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत आज अमरोहा पहुंचे। यहां उन्होंने रजबपुर इलाके के गांव चोटिपुरा में स्थित श्री मद दयानंद कन्या गुरुकुल महाविद्यालय में शिरकत की। यहां उन्होंने यज्ञ में हिस्सा लिया, महाविद्यालय की 134 बच्चियों का एक अंग उपनयन संस्कार के बाद उन्हें आशीर्वाद दिया। संघ प्रमुख ने कहा कि यहां जितने भी हम आरएसएस के लोग बैठे है न, सब ऐसे ही है। कुछ होने के लिए हम इधर नहीं आए हैं। हम अपने आप को संघ में देने के लिए आए हैं। नही तो आदमी भी घर नही छोड़ सकता है। हमने सोचा हमारी क्या हस्ती है? देश बने इसलिए इसमें पूरा विलीन होकर काम करना है। अब किसी किसी को संघ बताता है यह करो, वह करो, वह करता है। देश के लिए अवसर है। मेरी इच्छा है में इस शाखा को अच्छे से चलाऊं। मेरी कोई इच्छा भी नही है और आकांक्षा भी नही है। जिसको जैसे संघ रखता है वो वैसा रहता है। हम व्यक्ति के नाते कुछ नही हैं। संघ के नाते सब कुछ छोड़ दिया है।

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Transcript
00:00क्योंकि हमारे जसी जो कारकत है यहाँ तब बेटे हैं न यहीं सब ऐसी है
00:06कुछ होने के लिए हम इधर नहीं आए
00:11हम अपने आपको खंगने पूरा गाड देने के लिए ही चाहते हैं
00:24नहीं तो आदमें घर नहीं छोड़ सकते हैं
00:27हमने सोचा हमारी क्या हस्ती है
00:31जेश बने इसलिए इसमें पूरा समरस होके विलीन होके काम करना है
00:37हम अलग न देखे
00:39थेरा वयभव अमर रहे मा अमर देने चार रहे न रहे
00:45तो इसलिए ऐसे सारे दर्वादियां हमने पहली बंग कर दी
00:50अब किसी किसी को संग ही बताता है ये करो करो करता है
00:57अपनी इच्छां से कोई नहीं वहाँ का जो आकरशन है
01:01जो वहाँ का एक वलै है आकरशन का ओरा जिसको कहते है एक लैमर जिसको कहते है
01:08कोई स्वेंच उसके कारण उधर नहीं जाता है
01:12देश के लिए अवच्छक है और तुमको वहाँ रहना अवच्छक है जब संग बताता है तो करता है जब तक संग बताता है तब तक वहाँ रहता है
01:24किसी भी स्वेंचों को किसी भी जो आदाम लिया अपने प्रदानमनी सब को पूछो आप विक्तिगर अकेले में
01:34वो यह बताएंगे कि मेरी तो इच्छा है कि मैं घर से अपना शाखा वेश पहन कर एक शाखा को चलाओं अच्छी तरह उसमें आना पड़ता है
01:48लेकिन गवस्था में ये सारे लेना पड़ता है तो हम अपनी इश्चा से नहीं करते हैं हमारी आकांशा भी नहीं हैं हमको जैसा संग रखता है वैसे हम रहते हैं जाही विदे रखे संग ताही विदे रही है यही हमारा जीवन का तरीका है इसलिए हम इसलोग से प्रेक्�
02:18हमने सब छोड़ दिया हमारा बस चले तो हम नामरोग को भी छोड़ देगी लेकिन अभी वो अलाउट नहीं है संग रखता है इसलिए उसको रखते हैं

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