कहानी शेरों के बीच पले राव सिंहा जी की। RAO SEEHAJI

  • 3 months ago
कहानी शेरों के बीच पले राव सिंहा जी की। RAO SEEHAJI

क्या आपने कभी सुनी है एक ऐसे राजा की कहानी, जिसने अपने ही बेटे को शेरों के बीच छोड़ दिया था? उत्तर प्रदेश के बदायूं में राजा शैतराम सिंह के सौ पुत्रों में से एक, रावसिंहा जी, का जन्म एक भयानक भविष्यवाणी के साथ हुआ। क्या इस भविष्यवाणी ने राजा को अपनी संतान की हत्या का आदेश देने पर मजबूर कर दिया? जल्लाद द्वारा जंगल में छोड़े गए रावसिंहा जी को शेरनी ने कैसे अपनाया और उसे किस तरह की परवरिश दी?

कहानी में एक मोड़ तब आया जब पालीवाल ब्राह्मणों ने इस मानव-शेर की अद्वितीय कहानी राजा के सामने रखी। और कैसे रावसिंहा जी ने राजस्थान की धरती पर कदम रखकर लुटेरों के खिलाफ भीषण युद्ध लड़ा?

इस अद्भुत और प्रेरणादायक कहानी में आपको पता चलेगा कि कैसे रावसिंहा जी ने अपनी वीरता और बलिदान से इतिहास में अमिट छाप छोड़ी। क्या आप जानना चाहेंगे कि इस कहानी से अंग्रेजी लेखक रुडयार्ड किपलिंग ने 'द जंगल बुक' जैसी किताब लिखी और हमें महंगी टिकटें खरीदने पर मजबूर किया?

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Have you ever heard the story of a king who abandoned his own son among lions? In Badayu, Uttar Pradesh, King Shaitaram Singh had a hundred sons, one of whom, Ravasinha Ji, was born with a terrifying prophecy. Did this prophecy force the king to order the death of his own child? How did the executioner, who abandoned Ravasinha Ji in the jungle, manage to let him survive by leaving him with a lioness? And how did the lioness raise him?

The story took a turn when the Paliwal Brahmins presented this unique human-lion tale to the king. How did Ravasinha Ji step onto the land of Rajasthan and wage a fierce battle against marauders?

In this extraordinary and inspiring tale, you will discover how Ravasinha Ji left an indelible mark on history with his valor and sacrifice. Would you like to know how this story inspired English author Rudyard Kipling to write 'The Jungle Book,' which compelled us to buy expensive tickets?

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Transcript
00:00उत्र प्रदेश के बदाइू नामक स्थान पर शेतराम सिख नामक राज़ाका राज्य था, ones sons were Bibbon Brothers
00:06उननेंमेंसे 51 बेटे का नाम रावचीहाजी था। and one son was Prince Raavshiha.
00:08रावशिहा जी के जन्म के समय, राजा शैतराम सिंघ ने दासी को समय याद रखने के लिए कहा, लेकिन दासी भूल गई.
00:14जब ज्योतिशी ने नवजात शिषु का भविष्य देखा, तो गलत समय के आधार पर उसने भविष्यवाणी की कि बालक का मुह देखते ही राजा की मृत्यू हो जाएगी.
00:22इस भयानक भविष्यवाणी से घबरा कर, राजा ने तुरंट बालक को मार डालने का आधेश दिया. जल्लाद बालक को जंगल में ले गया, लेकिन मात्र एक दिन के मासूम को मारने का उसका भी दिल नहीं माना.
00:32उसने बालक को शेरणी की गुफा में फेंक दिया यह सोच कर कि शेरणी उसे खा जाएगी. शेरणी ने हाल ही में अपने बच्चे को जन्म दिया था. बालक लुड़कता हुआ शेरणी के बच्चे के पास जा पहुंचा.
00:42शेरणी ने सोचा कि यह भी उसका ही बच्चा है और उसने दोनों की ममता से देखभाल करना शुरु कर दिया. समय के साथ बालक बढ़ा हुआ उसके शरीर पर बाल उगाए और वह शेरों के साथ घूमते और शिकार करते हुए बढ़ा हुआ.
00:54कुछ समय बाद राजस्थान के पालिवाल ब्राह्मन व्यापार के सिलसिले में जंगल से गुजर रहे थे. उन्होंने देखा कि पांच शेर आपस में लड़ रहे हैं और उनमें से एक इनसान यह देकर उनके होश उड़ गए और वे तुरंत राजा शैतराम सिंह के पास प
01:24बालको पकड़ कर लाने का आधेश दिया. पालिवाल ब्राह्मनों के अनुसार बालको पकड़ना आसान नहीं था लेकिन अंततथ सैनने टुकडी सफल रही और बालको राजा के समक्ष लाया गया. बालको समझाया गया कि वह इनसान है और उसे इनसानों के तोर तरीके सि�
01:54और इस तरह राथोड राजवंश के संस्थापक रावशेहा जी ने राजस्थान की पावन धरा में प्रवेश किया.
01:59वीर युद्धा रावशेहा जी ने पाली में आते ही लुठेरों और डाकूं का भी शननर संहार किया और उनका नामो निशान मिटा दिया.
02:06एक बार रावशेहा जी गौ रक्षा में अकेले ही एक सैनि टुकडी से भिड गए और इस मुठ भेड में उन्होंने अपने प्राणों का बलिदान दे दिया.
02:13आज भी उनकी वीर्टा और बलिदान की कहानियां सुनाई जाती हैं.
02:16इस वृतांत के पुराने हस्त चित्र आज भी जोदपूर के मेहरानगड किले में मौझूद हैं.
02:20मशुहूर अंग्रेजी लेखक रुदै आर्ट किपलिंग यहां आये और इन पेंटिंग्स को देख कर प्रेरित हुए.
02:25उन्होंने दजंगल बुक लिखी जिसके लिए उन्हें नोबेल पुरसकार भी मिला.
02:28कुछ समय पहले इसके उपर फिल्म भी बनाई गई थी जो सुपर हिट रही.
02:32दुख की बात है कि हमारे इतिहास से प्रेरित कहानियों पर अंग्रेज फिल्में बनाते हैं
02:36और हम महंगी टिकटें खरीद कर देखने जाते हैं.
02:39लेकिन जब हम जैसे क्रियेटर्स इस पर वीडियो बनाते हैं तो मजाक उडाया जाता है.
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