कर्म का फल कैसे मिलता है?

  • 2 months ago
आज किसी का बुरा नहीं चाहने पर भी हमे क्यों बुरा कर्म फल प्राप्त होता है? कर्म का फल कैसे भुगतना रहता है? कर्म भुगतता कोन है और कैसे?
Transcript
00:00आपको कर्म नहीं करते हैं, उसका भी फरल हमें कैसे भोगना पड़ता है?
00:22जैसे हम कोई बुरे कर्म ना करें, फिर भी हमारा result जो आता है वो बुरा क्यूं आता है?
00:30तो लगता है हम बुरा कर्मा, और कुछ भी पूर्वभव में बीच डालें, उसका फरल इस लाइफ में आता है.
00:37हरीफ लाइफ में नए बीच डालोगे, तो उसका फरल दूसरी लाइफ में आएगा.
00:41जैसे सर आपने कहा है कि हमने जो पिछले जन्म में बुरे कर्म किये, उसका फरल मुझे अब मिला है,
00:47तो पिछले जन्म में तो मेरा शरीर है तो बुरि कर्म किये उसकी
00:55बुरे फरल मुझे इस जन्म में ही भुगतने लगा।
00:59अगले जन्म में मेरा सुदात्मा है,
01:03यह सरीर क्यों भुगत रहा है?
01:08पिछले जनम का बुरे कर्म को सुधात्मा न भुफतेगा?
01:11हमारा सरीर तो पंच तत्व से बना हुआ है
01:15और यह पंच तत्व इसी काल में नस्ट भी हो जाएगा.
01:20फिर हमने जो कर्म किये वो इस जनम में कर्म किये
01:24तो इस जनम का कर्म के लाव या हानी
01:27तो हमें इसी जनम में मिलना चाहिए
01:29हाँ दोनों बातस चीजी है
01:31मगर हमने सरीर द्वारा कर्म कियेहै
01:35तो हमजो जो ्हाहइ ने
01:36उस श्रीर चौड़के दूस� espresso में जायेगा
01:54लकडि तेरे हाथ मे पगड़ें तुने मारा हैं।
01:56तुझे में देना.
01:57लकडि को नहीं कुछ करते।
01:58तो 5 इंद्रिय शरीर है।
02:01शरीर द्वारा कर्म होता है।
02:03ठर करने वाला एहंकार है।
02:05एहंकार, । इस जनम, । वह , इस शरीर दौरा ,। ५ कर्म करता है
02:09वही एहंकार दूसरे जनम में भी आत्मा के साथ आता होता है
02:13और दूसरे शरीर द्वारा, । वोई एहंकार कर्म। ना फल बुकठा है...
02:17तो इसमें एंकार को सजे कहा।
02:45तुमना धुखताये, तुमना धुखताये,लिए ऐहंकार धुख भूगताये।
02:49वो एयंजेक्षन क्यों देना पड़ताहें।
02:51तो दात में दर्ध होताएं, तुमना ऐहंकर को दुख होताये।
02:54तुमना ऐहनकर को जुदा करदीया,
02:56बादिमें दाथ को refaring करेंगे, वो injection देते,
03:00unconscious कर देते उसको।
03:02तो यह unconscious क्यूं किया?
03:04तो उसके दाथ, दाथ को दर्ध शरीब, एहंकीर को नह लगे,
03:08एहंकीर को जदा कर दिया,
03:09एहंकीर को वेभान कर दिया है.
03:11इसके लिए एहन्कार को अन्कॉंश्यस बना दिया,
03:15तो फिर दाद का रिपेरिंग करके बाद में उसको भाद में आएगा तो
03:19अब वो दुख न चालोगेगा.
03:20वो एहन्कार को दर्द होता है.
03:22दाद को कुछ नुखसान नहीं है,
03:24शरीर को कुछ मालूम भी नहीं है,
03:25उसको समझ में भी नहीं आता है.
03:27समझ और ग्याना एहन्कार में है,
03:28बुद्धी एहन्कार प्यास है.

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