जीवन का सदुपयोग

  • 2 months ago
अक्सर वृद्ध अवस्था में आत्मज्ञान मिलता है और फिर जीवन के बारे में सही समझ आती है| इससे कम समय होने के कारण हम जीवन का सदुपयोग नहीं कर पाते| युवा अवस्था मे ही जीवन का सदुपयोग कर लें और सही रास्ता पर ले जाएं, इसके लिए हमें क्या करना चाहिए?
Transcript
00:00मेरा कहना यहती जब जौवनी दे रहते हैं, तो हम सब उढटा ही काम करते हैं ना 99% हम सब उढ़्टा ही काम करते हैं.
00:09और हम बुड़ापे में जब आते हैं 60-70 के आसपास, तो थोड़ा बोत आत्मग्यान के बारे में कुछ पता चलता है।
00:19तो इसके बारे में थोड़ा सा जवानी में आदमी अच्छी तरह से कैसे रहे इसके बारे में ज़्यान देते हैं।
00:28इसके लिए सट्संग का एक परीचए होना चाहिए।
00:32क्योंकि जवानी में पैसे कमाने जाते हैं, शादी होती है तो थोड़ा धनी पना आजाता है।
00:38मैं हस्पन हूँ और विशेविकार का मो हो जाता है।
00:42मैं अभी एंजिनिर हो गया, मैं बड़ा हो गया, मैंने शादी किया, मैं स्वच्छन्दी थोड़ा हो जाता है।
00:52मैं कुछ भी करता हूँ, मेरी लाइफ, मेरे हाथ में मुझे कोई सला देने की ज़रूरत नहीं है।
00:58वडिल बुजर्ग माबाप है या सास असूर है या हमारे कोई वडिल है, कोई कुछ बताएंगे, तुम्हारे जमाने की बात नहीं चलेगी, अभी मौडर्म युग है।
01:09तो ये कोई सच्चंग मिले, सच्चंग समागम मिले, कोई संथ मिले, कोई गुरु मिले, तो कुछ गाइडन्स मिल सकता है उसको।
01:20या तो ये सच्चंग में आते हैं बादा भगवान के, तो उसको जीवन जीने की द्रष्टी मिलती है, जीवन का द्येई क्या है, उद्देश क्या है, हम जीवन जीते हैं, उसमें क्या हमारी गल्तियां हो जाती है,
01:37तो ये सब सच्ची समझ मिलने से आदमी उल्टे रस्ते से सिधे रस्ते पे चड़ सकता है, यानि मिठ्यात्व द्रष्टी है, अज्ञान द्रष्टी है, वो छूड जाती है, और ग्यान की समझ से सन्मार्ग में चड़ सकता है, और आत्मग्यान की प्राप्ति हो गई, तो
02:07जीवन सदू प्योग कर सकेगा जीवन में।

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