• 3 months ago
NASA has developed and launched a new telescope, known as the James Webb Space Telescope which will be able to see the universe back to 13.8 Billion Years. It's the world's biggest and the most powerful telescope now. But how does it work? Is this a live example of Time Travelling? I talk about all these things in this video and also compare it to the Hubble Space Telescope by NASA, which was to date the most powerful telescope in the world.

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00:00नमस्का, दोस्तों!
00:01दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे पावरफूल स्पेश टेलिसकों
00:04नासा के दौरा लॉज्ज किया गया आज से कुछ दिन पहले.
00:07इसका नाम है James Webb Space Telescope.
00:09और इसका इस्तिमाल करके आप एक तरीके से टाइम ट्रैवल कर सकते हों.
00:13मतलब समय में पीछे जाना तो पॉसिबल नहीं है
00:15लेकिन इससे आप इतिहास में पीछे की एक जलक देख सकते हों.
00:20और यहाँ 5-6 साल पीछे की हिस्टरी की बात नहीं कर रहा हूं मैं यापर.
00:23लिटरिली मिलियन्स, बिलियन्स व इयर
00:26इतिहास में देखा जा सकता है इस टेलिसकोप का इस्तेमाल करके.
00:30स्पेसिफिकली कहूं तो 13 बिलियन एर्स.
00:3313.8 बिलियन एर्स पहले बिग बैंग हुआ था, उनिवर्स की शुरुवात होई थी.
00:37और यह टेलिसकोप 13 बिलियन एर्स पहले देख सकता है.
00:400.7 बिलियन एर्स बाद उनिवर्स के स्टार्ट होने के.
00:44यह कैसे पॉसिबल हो सकता है लेकिन?
00:46आए जानते हैं आज के वीडियो में इसकी खासियत.
01:11सबसे पहली खास बात यह है इस टेलिसकोप के बारे में
01:14कि यह मेंली इंफ्रारेड लाइट को डिटेक्ट करने के लिए डिजाइन किया गया है.
01:18जब आप आसमान में देखते हैं, किसी भी छोटे-मोठे टेलिसकोप से,
01:21जो एक्स-रेज, अल्ट्रा-वायलेट-रेज, रेडियो-वेव्स, माईकरो-वेव्स,
01:25सब इंक्लूड़िद होती हैं इसमें, और बीच में एक छोटी सी रेंज होती है विजिबल लाइट की,
01:30जो आपको विजिबल लाइट की वेवलेंथ से दिखती हैं, मतलब जो लाइट, जो रौषनी, आपको अपनी आखों से दिख रही हैं.
01:36स्कुल में याद है पढ़ा था एलेक्ट्रो-मैंगनेटिक स्पेक्ट्रम के बारे में,
01:39कि एलेक्ट्रो-मैंगनेटिक वेव्स एक बहुत बड़े स्पेक्ट्रम पर होती हैं,
01:42जो एक्स-रेज, अल्ट्रा-वायलेट रेज, रेडियो-वेव्स, माईकरो-वेव्स, सब इंक्लूडिड होती हैं इसमें,
01:47और बीच में एक चोटी सी रेंज होती है विजिबल लाइट की, जो लाइट हमें अपनी आखों से दिख पाती है.
01:52आम तोर पर जो छोटे-मोटे टेलिसकोप्स होते हैं, जो आप किसी भी दुकान पर खरीच सकते हैं,
01:57वो विजबल लाइट की वेवलेंथ में देखते है.
01:59इस विजबल लाइट की रेंज बलु कलरसे लेकर रड़ कलर तक होती है,
02:02और रड कलर की सबसे बड़ी वेवलेंथ होती है.
02:04और Electromagnetic waves में क्या होता है आपको पता ही होगा
02:07जितनी ज्यादा बड़ी wavelength होती है
02:09उतनी ही आसानी से ये Electromagnetic waves
02:12किसी भी objects और obstacles के थूरू पास थूरू कर सकती हैं.
02:15जैसे कि Radio waves.
02:16जो radio आप सुनते हैं.
02:18Radio waves की kilometers लंबी wavelength हो सकती है.
02:21इसी reason से
02:22बिल्डिंग्स के थूरू पास थूरू करके आप अपने रेडियो पर रेडियो को सुन सकते हैं.
02:26अब Infrared की जो wavelength है वो Red से ज्यादा बड़ी wavelength होती है
02:30लेकिन Infrared हमें अपनी आखों से दिखती नहीं है.
02:32टेलिसकोप्स में क्या advantage है Infrared का
02:34यह आप इस फोटो में देख सकते हैं.
02:36Left वाली फोटो ली गई है Hubble Space Telescope के दूरा
02:39जो कि अभी तक का सबसे Powerful Space Telescope था.
02:42आप इसमें Space Dust देख सकते हैं
02:44और Gases के Clouds बनते हुए देख सकते हैं.
02:47लेकिन Infrared wavelength इन Dust और Clouds के बीच में से
02:51और हमें इनके पीछे क्या है, वो दिखेगा.
02:54Right वाली picture वो है, जो imagine किया जाता है
02:57हमें James Webb Space Telescope से दिखेगा.
02:59Basically, कहे सकते हो, और High Quality और HD Quality की image आएगी हमें.
03:03Infrared जो शब्द होता है, इसका basically मतलब होता है Below Red.
03:07Latin से इस शब्द आता है Infra, जिसका मतलब होता है Below.
03:10तो Infrared का मतलब हो गया Below Red, Red के नीचे.
03:13क्योंकि इसकी frequency जो होती है, वो Red के नीचे होती है.
03:16और frequency, wavelength के inversely proportional होती है, आपको याद हो गए.
03:20अब जो भी चीज़ Heat radiate करती है, वहां से Infrared waves निकलती हैं.
03:25इंसानों से, जानवरों से, सूरज से, या आग से, इन सब जगहों से Infrared waves निकलती हैं.
03:31और यही reason है कि night goggles में, अकसर soldiers को आपने देखा होगा night goggles इस्तिमाल करते हैं,
03:37वो Infrared detect करते हैं, basically.
03:39तो उनके night vision goggles से कुछ ऐसा view आपको दिखता है,
03:42जो Infrared cameras capture कर पाते हैं.
03:45क्योंकि telescope भी suns को देखेगा, galaxies को देखेगा,
03:49जो suns से बनते हैं, planets को देखेगा,
03:51वो सब heat radiate करते हैं,
03:53इसलिए यह Infrared waves को capture करके देखना possible है.
03:57एक वार एडवांटेज्ञ क्या है Infrared का,
03:59जब कोई telescope इतने दूर दूर के stars को देखता है,
04:02वो stars जो billions of kilometres दूर हैं हम से,
04:05light जब उन stars से telescope तक आ रही है,
04:08light इतना distance travel कर रही है,
04:10कि यहाँ आते आते, जैसा कि हम जानते हैं,
04:12universe धीरे-धीरे expand करने लग रहा है,
04:14तो light की wavelength है, वो भी stretch out हो जाती है,
04:17wavelength थोड़ी बढ़ जाती है,
04:19इस phenomena को कहा जाता है red shift,
04:22कि जो भी light की wavelength है, वो थोड़ी सी और ज़्यादा बढ़ गई है,
04:25red color की तरफ ज्यादा चली गई है.
04:26अच्छा, तेलिसकोप्स के लिए क्या है,
04:28कि जितना ज्यादा बड़ा mirror होगा उन पर लगा हुआ,
04:30उतनी ही ज्यादा light capture हो पाएगी.
04:33और उतनी ही ज्यादा high resolution की हमें image मिल पाएगी.
04:36इसलिए, जैसे-जैसे ज्यादा advanced टेलिसकोप्स बनाए जा रहे हैं,
04:39इनमें ज्यादा बड़े mirrors लगाए जा रहे हैं.
04:42Hubble Space Telescope का जो mirror था, वो इतना बड़ा था, आप देख सकते हो.
04:46और इसके साइड में है अभी के James Webb Space Telescope का mirror.
04:49वैसे ये पूरा का पूरा mirror, 24 carat gold से plated हैं.
04:53क्यूंकि gold सबसे अच्छे तरीके से red light को reflect करता है.
04:57जिसकी मदश से इस mirror की 98% reflectiveness है.
05:01अपर एक problem है, मैंने कहा था, हर चीज जो heat radiate करती है,
05:05वहाँ से infrared waves निकलती हैं.
05:07अब telescope जब खुद से काम करने लगेगा,
05:10तो telescope भी कुछ heat radiate करेगा.
05:13Telescope के खुद के अंदर से भी कुछ infrared waves निकलेंगी.
05:16जो interfere करने लग जाएंगी,
05:18उन galaxies से आने वाली infrared waves से.
05:21और फिर अच्छे से हमें high quality resolution की pictures नहीं मिल पाएंगी.
05:25इस चीज को avoid करने के लिए,
05:28सिरफ minus 223 degree Celsius की धंड में काम करेगा.
05:33इतना धंडा temperature होना चाहिए,
05:35इसे काम करने के लिए.
05:36धरती पर minus 89 degree Celsius से नीचे
05:39तो temperature कभी गया नहीं है.
05:41तो कैसे इतना धंडा रखा जाए इस telescope को?
05:44अब space में करना ये possible है?
05:46जरूर possible है.
05:49Unless sunlight आ जाए.
05:52अगर sunlight पड़ जाए space में आप पर,
05:54तो एकदम से बहुत जाधा गर्मी हो सकती है,
05:56जो moon पर होता है.
05:57क्यूंकि चांद पर कोई atmosphere नहीं है.
05:59वहाँ पर temperature minus 170 degree Celsius तक गिर सकता है.
06:03लेकिन जैसे ही धूब पड़ती है,
06:05तो temperature plus 120 degrees तक पहुंच जाता है.
06:19इस जेम्स वेब टेलिसकोप में एक sun shield लगाई गई है.
06:22इस sun shield एक kite की शेप में है,
06:24एक पतंग की शेप में है,
06:26और एक tennis coat जितनी बड़ी है,
06:28ताकि जो पूरा टेलिसकोप है,
06:30वो sun से protected रह पाए.
06:31और इसके लिए एक बहुत special material का इस्तिमाल किया गया है,
06:48पाँच layers capton की इस sun shield पर लगी होई है,
06:51और हर layer एक इंसान के बाल से भी ज़्यादा पतली है,
06:55और हर layer के बीच में vacuum की gaps है,
06:57ताकि इसकी effectiveness ज़्यादा हो सके.
06:59इसके लावा हर layer पर aluminium की coating भी है,
07:02और दो layers जो sun के सबसे पास हैं,
07:04उनमें doped silicon की coating भी है.
07:07अब इस पूरे space telescope को धर्ती के पास,
07:10बगल में ही नहीं deploy किया जा रहा है,
07:11जैसे Hubble Space Telescope को किया गया था,
07:13Hubble धर्ती के अराउंड orbit करते रहता है,
07:15पास में ही है,
07:16लेकिन ये जो deploy किया जाएगा,
07:18ये 1.5 million km दूर deploy किया जाएगा धर्ती से.
07:23ये एसे point पे जिसे कहा जाता है L2 point,
07:26L का मतलब है Lagrange point,
07:28ये point सूरज से दूसरी तरफ होगा,
07:30क्योंकि obviously सूरज से आने वाली गर्मी को और रोष्णी को
07:34जितना जादा रोका जा सके उतना ही अच्छा है इस telescope के लिए.
07:37और इस L2 point की खास बात ही है,
07:39कि ये एर्थ के साथ साथ ही चलता रहता है,
07:42तो सूरज को बिल्कुल hide करके रखता है, इसको orbit देखो कैसा है.
07:46एर्थ की shadow हमेशा सूरज को छुपा कर रखेगी.
07:48ये वैसी बात हो गई कि कभी आप सूरज की direction में
07:51आसपास देखते हैं,
07:53तो धूब की बाजे से आपको clearly दिखाई नहीं देता,
07:55लेकिन अब आप sun को cover कर लेते हैं अपने हाथ से,
07:58तो आपको ज़्यादा अच्छे से दिखता है.
08:00सेम चीज टेलिसकोब के साथ भी है.
08:02NASA ने गाये कि इस टेलिसकोब को बनाने का और लॉंच करने का
08:05प्रोसीजर इतना complicated है,
08:07कि इन्होंने 300 से ज़्यादा
08:09potential technical problems identify करी हैं,
08:11जो आ सकती हैं.
08:13300 से ज़्यादा single point of failures,
08:15अगर इनमे से एक भी गलती हो गई,
08:17तो पूरा का पूरा project खतम समझो.
08:19और इस पूरे project पर
08:2110 billion dollars spend किये गए हैं.
08:24इतना ज़्यादा पैसा है कि NASA को
08:36भी इसमें participate कर रही हैं.
08:38अब इसकी मदद से साइन्टेश्ट उमीद लगाए बैठे हैं,
08:40कि वो study कर पाएंगे कि
08:42Big Bang होने के बाद,
08:43stars और galaxies की formation कैसे होई थे?
08:46क्योंकि मैंने बताया है,
08:47इस telescope की मदद से,
08:48आप 13 billion years past में देख सकते होँ.
08:51जो Hubble Space Telescope था,
08:53वो 1 billion years पहले तक देख सकता था,
08:56उस समय के बाद जब से Big Bang हुआ था.
08:58तो 12.8 billion years पहले मान दो.
09:00लेकिन ये James Webb Space Telescope,
09:020.3 billion years पहले तक देख सकता है,
09:05Big Bang के बाद.
09:06जैसे आप इस diagram में देख सकते होँ.
09:08जब पहले stars की formation होनी शुरू हुई थी.
09:10आप पुछोंगे कि ये past में देखना कैसे possible हो सकता है?
09:13इसका अंसर बड़ा simple है,
09:15light जो है, वो कुछ समय लगाती है,
09:18distance travel करने में.
09:19और जब तक light पहुंचती एक जगहं से दूसरी जगहं,
09:22काफी समय बीच चुका होता है.
09:24Especially जब इतने लंबे distances involved होते हैं तो.
09:27जैसे कि Sun से लेकर Earth तक जो रोशनी पहुंचती है,
09:30उसे 8 मिनिट का समय लगता है, approximately.
09:32इसका मतलब ये हुआ कि अगर सूरज गायब हो गया,
09:35अचानक से मान लो,
09:36तो धर्ती पर लोगों को 8 मिनिट लगेंगे,
09:39उसे पता लगाने में, देखने में कि,
09:42यहाँ पर सूरज गायब हो गया.
09:43तो एक तरीके से कह सकते हो,
09:44कि हम 8 मिनिट पास्ट में देखने लग रहे हैं,
09:47जब हम Sun को देखते हैं.
09:49Similar logic को भी एक बड़े स्केल पर apply करो.
09:51जो stars और galaxies,
09:53हमसे millions of light years दूर हैं.
09:55जब हम उन्हें देखते हैं,
09:58दर्टी पर बैठे बैठे उन stars को हम देखते हैं,
10:01तो हमें वो actually में millions of light years
10:04पहले के time के दिखाई दे रहे हैं.
10:06तो universe इतना बड़ा है कि,
10:08कुछ stars जो हमसे 13 billion light years दूर हैं,
10:11उनकी रोष्णी जब तक यहाँ पर दर्टी पर पहुँचती है,
10:1413 billion years गुजर चुके होते हैं,
10:16और जो हमें actually में आज दिखरा होता है,
10:18वो 13 billion years पुराना होता है.
10:21इस तरीके से हम history में एक जलग देख सकते हैं.
10:24इसी logic से theoretically ये भी possible है,
10:28कि हम मानलो 100 million light years दूर चले गए धर्टी से,
10:32teleport होगा एक ऐसे planet पर,
10:34जो 100 million light years दूर है धर्टी से.
10:36और उस planet पर एक बहुत powerful telescope बना कर धर्टी की तरफ देखते हैं,
10:40तो हमें 100 million years पहले देखने को मिलेगा.
10:43हम dinosaurs को देख पाएंगे ऐसे.
10:45लेकिन practical problem ये actually में करने में यही आ जाती है,
10:48जब तक हम दूसरे planet पर जाकर धर्टी की तरफ वापस देखेंगे,
10:51तो दूसरे planet तक पहुँचने में कहीं ज्यादा लंबा समय लगेगा,
10:54वापस देखने से.
10:56तो teleport करके अगर यह possible हुआ,
10:58तो हम धर्टी में history को भी होते हुए देख सकते हैं.
11:01और actually में time travel कर सकते हैं.
11:03इसके लावा यह भी देखना बड़ा interesting होगा,
11:05कि यह James Webb Telescope कौन से नए planets को देख पाता है,
11:09और क्या कोई ऐसा planet ढूंड पाता है,
11:11जहाँ पर Earth जैसी conditions मौजूद हैं,
11:13जहाँ पर possibly life पाई जा सकती हैं.
11:16Time ही बताएगा यह,
11:17उमिद करता हूँ वीडियो आपको पसंद आया होगा,
11:19पसंद आया तो यह Space Tourism वाला वीडियो भी देख सकते हैं,
11:21अगर आपको Space की field में interest है तो,
11:24और मेरे Science related वीडियो को भी check out कर सकते हो,
11:27इस playlist में यहाँ click करके,
11:29मिलते हैं अगले वीडियो में,
11:30बहुत-बहुत धन्यवाद.

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