जीवन का हेतु क्या होना चाहिए?

  • 2 months ago
जीवन जीने का मुख्य हेतु क्या होना चाहिए? इस हेतु की प्राप्ति हम किस प्रकार कर सकते है?
Transcript
00:00कर्मबंदन से मोक्ष पाना वो अल्टिमेट गौल अपदर लाइफ है।
00:08हमें बंदन है इस संसार में कोई भी प्रकार से।
00:12कोई अपमान करें तो शान्ती होती है क्या शान्ती बढ़ जाती है।
00:16कोई अमार से चिटिंग करें विश्वास गात करें तमें दुख लगता है क्या सुख लगता है।
00:22तो यह सब संसार में बंदन है कि एकसिडन्ट हो गया, कर्म वाईफ के साथ जगडा हो गया।
00:28कितने सारे प्राब्लेम संसार में है न।
00:31तो यह प्राब्लेम वाला संसार उसे तमाम दुखों से मुक्ती पाए।
00:37वो पहला गोल है कि ऐसी स्थेज आ जाये तमाम दुखों से मुक्ती।
00:43कोई भी परिस्थिति में एकसिडन्ट हो गया, कुछ आकमान हो गया, कोई आक्षेप आ गया, कोई चोरी हो गयी।
00:49कोई परिस्थिति हमें दुखवाला स्थिति में न रखे, हम दुखों से मुक्त रह सके, वो पहला गोल का मुख्ष।
00:56इसे पॉसिबल है?
00:58पॉसिबल है, 100% पॉसिबल है, यहां पॉसिबल है, यह अध्यात्मविज्ञान से पॉसिबल है।
01:05क्योंकि यहां आपको, एक तो मैं खुद कौन हूँ, और सुमित जुदा है, मैं शुधात्मविज्ञान मिलता है, और सुमित की जो जो स्थिति हो रही है, वो कौजीज की इफ़ैक्ट है।
01:19नहीं, अभी आपको 72% आये हैं, तो हम समझ सकते हैं, कि मैंने लिखा, वो ही मुझे मिला, उसको 85 मिला, उसको 92 मिला, हम दुखे नहीं होते, हम महनत करेंगे दूसरी एक्जाम में, तो हम भी ला सकेंगे मार्क।
01:31तो हमें जीवन में जो जो मिल रहा है, हमारे ही कौजीज की, हमें इफ़ैक्ट मिली है, आपको इफ़ैक्ट बढ़िया चाहिए, तो नया कौजीज सुधारो, और यह एक्सेप्ट है, तो वो ही रहने दो कौजीज, और नहीं चाहिए इसी इफ़ैक्ट, तो नया कौजीज
02:01हम प्रिपेरेशन करेंगे, इसको तो एक्सेप्ट करेंगे, जो भी है एक्सेप्टेड, समझ में आता है न, तो नया
02:08सुधारने का, वो आपको यहां मिल जाएगा, दादा जी का ऐसा घ्यान है, कि नया कौजीज ही बंध हो जाएगा, हम आपको कौजीज सुधार कर सकते हैं, और आपको अच्छा करना है, तो कौजीज सुधार कर सकते हैं, क्योंकि कौजीज सुधार, कौजीज सुधार, उत
02:38तो यह समझ मिल गई, तो हम इफेक्ट को दुखी नहीं होईंगी, इफेक्ट को देखे, हम कौजीज के ऊपर जागरत रहेंगे,
02:44तो हम सुखी भी रहेंगे, और आत्मा की स्थिति में रहें, तो तो आनन में रह सकेंगे.

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