बेरोजगार (A Short Story in Hindi)

  • 3 months ago
a short story
Transcript
00:00बेवजगार। उसके हाथों में उसकी भारी सी फाइल की। उस फाइल में उसके अनभव और पढ़ाई के सभी काबर्स थे। ग्रेटा की उस दिन मिस्टर स्टेनले से मीटिंग थी। पर उस फाइल और अपने बैक को इस्टेशन के लॉकर में रखकर थोड़ा श
00:30वो अपने पर्श में लॉकर के लिए छुत्ते पैसे खुजने लगी। उसको सोचने के लिए भी समय चाहिए था। वो उस समय स्येटर के ट्रेन स्टेशन पर थी। उसने चारो तरफ देखा उस बड़े शहर के उस बड़े रेल्वे स्टेशन पर उस समय बहुत भीर थी�
01:00पर उसको नौकरी तो चाहिए ही थी। ग्रेटा ने मैस और विज्वल कुम्युनिकेशन में सनातक के डिग्री ली थी। उसने अपनी कखशा में सबसे अधिक अंक पाए थे। उसके अपने छोटे से शहर में उसकी पढ़ाई अनुसार नौकरियां थी ही नहीं। इसलिए
01:30वेस्ट कोस्ट के सभी बड़े-बड़े शहरों की बहुत सी बड़ी-बड़ी कंप्रीयों को भेजा था। और आज वो स्येटल में आय थी अपना पहला इंटरवीर देने के लिए। उसकी पीछ पर उसका भारी सा पिठु बैट था और हाथ में काग्जों वाली मोटी स
02:00प्रभावित हुआ। तुमने कॉलेज में भी बहुत अच्छा किया है। मैं चाहता हूँ कि तुम बुद्वार को मुझे दिन को दो बड़ी आकर मिलो। हमारे पास एक नई नौकरी है जो तुम्हारी योगिता के अनुसार ही है। इसमें तुम्हारा बहुत विकास होगा
02:30उसके गालों पर बढ़्धे दिखने रगे। उसने ग्रेटा की तरफ देखकर हाथ हिला दिया और जवाब में ग्रेटा ने भी अपना हाथ उसकी तरफ हिला दिया। ग्रेटा और वो नजवान रेल के एक ही डिब्बे में यात्रा करके आये थे। और रेल में भी वो नज
03:00पूरी यात्रा में ग्रेटा और उस नजवान की नज़रें बहुत बार मिली थी। और वो कई बार एक दूसरे को देखकर मुश्कुराए भी थी।
03:28ग्रेटा के पार सेटल सहर का नकशा था। वो इदर उदर घुमने लगी और कल्पना करने लगी कि वो उस सहर में ही रहती थी। लेकिन उसके ममी पापा चाहते थे कि उनकी बेटी उनके ही पास रहें। लेकिन वो सहर उसको आकर्षित करने लगा था। उसने खुद से ही क
03:58पहले लक्ष था नौपरी का इंटरीव्यूँ। शहर में दो घंटे घुंबने के बाद वो इस टेशन पर वापस आई और लॉकर में से अपनी फाईल और अपना बैग निकाल दिये और फिर आईने में अपने चेहरे को थोड़ा तिक्टा किया। ठीक दो बगे वो मि
04:28कुछी देर में एक सूट पहने वे पुरुष ने उस कमड़े में कलम रखा। उसने गृता से हाथ बिलाने के लिए अपना हाथ आगे बढ़ाया। मेरा नाम गौर्डन है। गौर्डन स्टेनले जी गृता मेथ्यूस। आप से मिलकर खुशी होई। कुछी देर म
04:58उसके अपने दस्तावज्यों की फाईल मेज पर रखते वो कहा मिस्टर स्टेनले मुझे और इंटरव्यू का ये मौका देने के लिए आपका बहुत शुक्रिया। तभी दर्वाजा खुला और एक नौजवान अंगर राखिल हुआ। वो उसको देखते ही हरान आ�
05:28अपने हाथ में ले लिया था और वो मुश्कुरा रहा था। गरेटा और उसकी नजरे काफी देध तर जूड़ी रही और फिर आचानक दोनों ही असने लगे। गरेटा समझ चुकी थी कि उसको नौकरे के साथ शायद बावी पती भी मिल गया था। और वो शायद उस
05:58के लिए अपने सपनों को साथार करने के लिए। बहुत-बहुत धन्यवादी।
06:28च्वंक से लोगों से बाचित करते थे और उनकी पतनी आने वाले लोगों की सेवा किया करती थी। एक दिन समय आया और उसकी पतनी की सासों ने जवाब दे दिया।
06:49उसकी पतनी की मौत की खबर वहाँ के राजा तक भी पहुंची। वहाँ का राजा च्वंक से का आजर करता था इसलिए वह उनके पास सम्बेदना के दो शब्द कहने पहुंचा।
07:05वहाँ राजा यहाँ देखकर हरान हुआ के च्वंक से एक धार के निथे बैठ कर खंजरी बजा रहा था जबकि सुबाही उसकी पतनी की मौत हुई थी। राजा ने फकीर से कहा ये तो बर्दाश्ट के बाहर है आप दुख ना मनाते इतना ही काफी था लेकिन आप खंजर
07:35दियों है उसने इस विदाई से कुछ पाया ही है खोया नहीं है तो बताये कि मैं खुशी मनाओ या की रोग। और फिर जिसके साथ इतने दिन रहा हूँ उसे आशू के साथ विदा करना क्या शुब होगा उचित है कि मेरे गीत की चाय में ही उसकी विदाई हो उसके आगे क
08:05याज रखना जब मैं मरों तो तुम भी गीत गाना क्योंकि मैं तो अपनी विदाई के चन की प्रतिक्षा कर रहा हूँ और फिर स्कूल से विदाई का वक्त दुख का थोड़े ही होता है यह तो एक प्रशिक्षन था जो पूरा हुआ और विदाई आ गई जीवन एक प्र�
08:35विदाई करना चाहिए यह सुनकर राजा उसके कदमों में गिर पड़ा और बोला आपने आज असली जीवन घ्यान देकर मेरी आखे खोल ली है बहुत बहुत शुक्रिया

Recommended