चैत्र नवरात्रि/Chaitra Navratri का शुभारंभ हो गया है। नवरात्रि/Navratri 2024 के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। पर्वतराज हिमालय के घर पुत्री के रूप में उत्पन्न होने के कारण मां दुर्गा जी का नाम शैल पुत्री/Maa Shailputri पड़ा था। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पूर्वजन्म में माता शैलपुत्री का नाम सती था और वे भगवान शिव की पत्नी थीं। सती के पिता दक्ष प्रजापति ने भगवान शिव का अपमान कर दिया था।
और तब सती ने अपने आपको यज्ञ अग्नि में भस्म कर लिया था। अगले जन्म में यही सती शैलपुत्री स्वरूप में प्रकट हुईं और भगवान शिव से उनका विवाह हुआ। मां शैलपुत्री नंदी पर सवार होती हैं। मां शैलपुत्री को दूध से बनी सफेद वस्तुएं बेहद प्रिय होती हैं। इसलिए इस दिन मां शैलपुत्री/Maa Shailputri को सफेद वस्तुएं, सफेद फूल और सफेद बर्फ़ी का भोग लगाएं। मां शैलपुत्री/Maa Shailputri की आराधना करने से बीमारियों से मुक्ति मिलती है और आरोग्यता का वरदान प्राप्त होता है।
https://www.vinaybajrangi.com/festivals.php
https://www.youtube.com/watch?v=M0oJg2kdo2w
और तब सती ने अपने आपको यज्ञ अग्नि में भस्म कर लिया था। अगले जन्म में यही सती शैलपुत्री स्वरूप में प्रकट हुईं और भगवान शिव से उनका विवाह हुआ। मां शैलपुत्री नंदी पर सवार होती हैं। मां शैलपुत्री को दूध से बनी सफेद वस्तुएं बेहद प्रिय होती हैं। इसलिए इस दिन मां शैलपुत्री/Maa Shailputri को सफेद वस्तुएं, सफेद फूल और सफेद बर्फ़ी का भोग लगाएं। मां शैलपुत्री/Maa Shailputri की आराधना करने से बीमारियों से मुक्ति मिलती है और आरोग्यता का वरदान प्राप्त होता है।
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