राजस्थानी लोक साहित्य आज भी प्रासंगिक

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जोधपुर. लोक कल्पना नहीं करता बल्कि वो अपने अनुभव से प्रमाणित करता है। लोक सृष्टि का प्रामाणिक आधार है। राजस्थानी लोक साहित्य सम्पूर्ण विश्व में अद्भुत, प्रामाणिक और वैज्ञानिक है। राजस्थानी लोक आज भी प्रासंगिक है।
यह विचार कवि-आलोचक डॉ.अर्जुनदेव चारण ने संत श्री राव

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