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  • 8/19/2022
सागर, 19 अगस्त। 'कृष्णवट' धरती का वह चमत्कारिक वृक्ष है जो भगवान श्रीकृष्ण के बाल्यकाल में उनका पवित्र स्पर्श पाकर अलौकिक हो गया था। कान्हा ने मां यशोदा से छिपाकर एक बार इसके पत्तों में माखन रखा था, उस के बाद से इसका पत्ता-पत्ता भगवान के लिए समर्पित हो गया। आज भी "कृष्णवट" के पत्ते कटोरी-चम्मच का आकार लेकर उगलते हैं। सागर में डाॅक्टर हरीसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय के वानस्पतिक उद्यान में यह पवित्र वृक्ष संरक्षित है। इसका वानस्पतिक नाम भी भगवान कृष्ण के नाम पर ''फाइकस कृष्नाई'' है।

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