बढ़ता सरकारी खर्च फिर भी सतपुड़ा के घटते जंगल
सतपुड़ा के घने जंगल उंघते अनमने जंगल... भवानी प्रसाद मिश्र की सतपुड़ा के जंगलों पर लिखी कविता तो अमर है। मगर सतपुड़ा के जंगल शायद अमर नहीं है... क्योंकि मप्र जिस तेजी से जंगल कम होते जा रहे हैं उसकी बानगी आईएसएफआर यानी इंडियन स्टेट ऑफ फॉरेस्ट रिपोर्ट से होता है.. इस रिपोर्ट के मुताबिक मप्र में 143 स्कवेयर किलोमीटर घना जंगल कम हुआ है... फॉरेस्ट डिपार्टमेंट जंगलों को तीन कैटेगरी में रखता है.. बहुत घना जंगल, मध्यम रूप से घना जंगल और खुला जंगल.. जबकि खुला जंगल मतलब एक तरह से मैदानी इलाका मान सकते हैं।
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