जयपुर, 25 जनवरी। राजस्थान का बूंदी जिला। यहां करीब 30 गांव ऐसे थे, जहां आजादी के बाद से अब तक दलित दूल्हे को घोड़ी पर नहीं बैठने दिया गया। अगर कोई दूल्हा घोड़ी पर बैठ भी गया तो उसकी बिंदोरी गांव में से नहीं निकलने दी गई। वर्षों से चली आ रही इस रिवायत को बूंदी की कलेक्टर रेणु जयपाल ने खत्म कर दिया। चड़ी गांव में 27 साल के श्रीराम मेघवाल सफेद शेरवानी, पगड़ी और तलवार लिए घोड़ी पर बैठकर विवाह स्थल पहुंचे। श्रीराम ने कहा, ''मैं इन सड़कों पर घोड़ी की सवारी करने वाला पहला दलित दूल्हा हूं।'' दूल्हे ने कहा, यह उस मानसिकता को बदल देगा जो 'दलित नीचे है, तो नीचे ही रहने दो'। यह समानता की दिशा में एक कदम है।
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