Mrutyu Death

  • 4 years ago
मनुष्य सभ्यता का सबसे बड़ा प्रश्न है की मृत्यु के बाद क्या होता है। दरअसल मृत्यु की परिभाषा भी समय के साथ बदली है। पहले सिर्फ सांस रुक जाने पर व्यक्ति को मृत घोषित कर दिया जाता था। परन्तु विज्ञान के आधुनिक होने पर मस्तिष्क की ऐसी छति जिस से व्यक्ति अपना व्यक्तित्व भूल जाए उसे मृत घोषित करने का मापदंड माना गया है।

पैगम्बर मुहम्मद मृत्यु के होने के बाद एक तालाब का जिक्र करते है जहाँ मरे हुए व्यक्ति को चार प्याले मिलते है। उसमे से दो प्याले उठाने होते है और दूसरे हाँथ में कुरान शरीफ रखनी होती है। ये दो प्याले सोने और चांदी के बने होते है। स्वर्ण और चांदी का शास्त्रों में एक अलग महत्त्व है। चांदी आत्मा को दर्शाती है और सोना विवेक को। महाभारत में ये दो किरदार भीष्म और कृष्ण के रूप में दिखाए गए है। आत्मा का विवेक के साथ रहना मोक्ष प्राप्त कराता है। यदि आत्मा ग्लानि, क्रोध, इच्छाओं आदि में बंधी होगी तो उसे पुनर्जन्म लेना पड़ेगा। यानी सिर्फ दो विकल्प है मोक्ष या पुनर्जन्म। पुनर्जन्म ही नर्क है।

मितेया कहते है कि स्वर्ग जैसी कोई चीज़ नहीं है। ये सिर्फ आपके मन को बहलाने के लिए बोल दिया गया है।

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