Divya Kakran was born in Purbaliyan, Muzaffarnagar in Uttar Pradesh. She is studying in Noida College in Physical education. Kakran had famously defeated Geeta Phogat in the semifinal of the Bharat Kesri Dangal. She later defeated Ritu Malik in the final to win a cash prize of Rs 10 Lakh. She had won a bronze medal in Commonwealth Games 2018 as well. Kakran defeated Sherin Sultana of Bangladesh by a margin of 4-0 to clinch the medal. Her heroics saw Bangladesh’s wrestler losing the match in just 19 seconds.
दिव्या काकरान की कहानी. दिव्या का परिवार बहुत तंगहाली में गुजरा. उसने पहलवानी भी घर चलाने के लिए शुरू किया था. जब पहलवानी ही पेट पालने का सहारा बन जाए तो मुमकिन है कि मिट्टी से सोना ही निकलेगा. दिव्या मुजफ्फरनगर की रहने वाली है. उनकी मां पहलवानों के लिए कपड़े सिलती हैं और पिता सूरज काकरान आज भी लंगोट बेचते हैं. दिव्या भी गीता फोगाट की तरह 10 साल की उम्र से ही लड़कों के साथ पहलवानी में मुकाबला कर रही है. आपको बता दें, अब तक दिव्या काकरान 60 से भी ज्यादा मेडल जीत चुकी है. जिसमें 17 गोल्ड मेडल है. इसके अलावा वो आठ बार भरत केसरी चैंपियन भी बानी. दिव्या ने साल 2020 के एशियन चैंपियनशिप और 2017 के कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता था.
#DivyaKakran #Wrestling #GeetaPhogat
दिव्या काकरान की कहानी. दिव्या का परिवार बहुत तंगहाली में गुजरा. उसने पहलवानी भी घर चलाने के लिए शुरू किया था. जब पहलवानी ही पेट पालने का सहारा बन जाए तो मुमकिन है कि मिट्टी से सोना ही निकलेगा. दिव्या मुजफ्फरनगर की रहने वाली है. उनकी मां पहलवानों के लिए कपड़े सिलती हैं और पिता सूरज काकरान आज भी लंगोट बेचते हैं. दिव्या भी गीता फोगाट की तरह 10 साल की उम्र से ही लड़कों के साथ पहलवानी में मुकाबला कर रही है. आपको बता दें, अब तक दिव्या काकरान 60 से भी ज्यादा मेडल जीत चुकी है. जिसमें 17 गोल्ड मेडल है. इसके अलावा वो आठ बार भरत केसरी चैंपियन भी बानी. दिव्या ने साल 2020 के एशियन चैंपियनशिप और 2017 के कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता था.
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