On June 18th 1858, Rani Lakshmibai of Jhansi, one of the most important figures of India’s First War of Independence, died while fighting against the British in Gwalior. Upon her death on June 18th 1858, her body was cremated as per her wishes. Three days after the death of Lakshmibai, the British captured the Fort of Gwalior. Know what were the last words of Rani Laxmibai and other facts on her demise!
झांसी की रानी की वीरता और शौर्य को हमारे देश में वो स्थान नहीं मिला जो मिलना चाहिए था. जबकि 21वीं सदी में झांसी की रानी वाले तेवरों की बहुत ज़रूरत है. इसलिए आज हम इतिहास के आईने पर जमी धूल को साफ करेंगे और आपको झांसी की रानी लक्ष्मी बाई के शौर्य के बारे में बताएंगे. ये एक ऐसी बहादुर लड़की की कहानी है जो अपने जीवन की मुश्किलों के सामने टूटी नहीं. उसने अपने जीवन को किस्मत के हवाले नहीं किया....बल्कि अंग्रेज़ों से मुकाबला किया. जानें अंतिम साँस लेते समय क्या बोला रानी लक्ष्मी बाई ने!
#RaniLaxmibai #manikarnika #KanganaRanaut
झांसी की रानी की वीरता और शौर्य को हमारे देश में वो स्थान नहीं मिला जो मिलना चाहिए था. जबकि 21वीं सदी में झांसी की रानी वाले तेवरों की बहुत ज़रूरत है. इसलिए आज हम इतिहास के आईने पर जमी धूल को साफ करेंगे और आपको झांसी की रानी लक्ष्मी बाई के शौर्य के बारे में बताएंगे. ये एक ऐसी बहादुर लड़की की कहानी है जो अपने जीवन की मुश्किलों के सामने टूटी नहीं. उसने अपने जीवन को किस्मत के हवाले नहीं किया....बल्कि अंग्रेज़ों से मुकाबला किया. जानें अंतिम साँस लेते समय क्या बोला रानी लक्ष्मी बाई ने!
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