जयपुर। राजस्थान के कोटा, बारां और पाली व उदयपुर जिलों में बारिश का कहर जारी है। कोटा, बारां व पाली जिलों में बाढ़ के हालात हैँ। उदयपुर के कोटड़ा में शुक्रवार को बारिश से एक कच्चा मकान ढह जाने से पति-पत्नी की मौत हो गई। बारां व झालावाड़ जिलों में जिला कलेक्टर ने शुक्रवार को स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी। बारां जिले के केलवाड़ा में गुरुवार को बहे व्यक्ति का शव शुक्रवार को मिल गया। यहां के कवाई में 33 यात्रियों से भरी एक बस पानी में फंस गई। यात्रियों को शुक्रवार सुबह रेस्क्यू कर निकाला गया। जिले में कालीसिंध, पार्वती और परवन उफान पर हैं। बारां का राज्य से संपर्क कटा हुआ है। जिला कलक्टर के अनुसार जिले मैं आर्मी की एक टुकड़ी को बुलाया गया है। उल्लेखनीय है कि लहसी बांध से पानी छोड़ने और वर्षा जारी रहने के तहत एहतियातन ये कदम लिया गया है। कोटा में चंबल के सभी बांध लबालब हैं। कोटा के कैथून कस्बे में करीब पांच फीट तक पानी भरा हुआ है। कस्बा टापू बन गया है। जयपुर में भी तीन दिन से रुक-रुक बारिश जारी है।
उदयपुर : जिले में अच्छी वर्षा हो रही है। जिले की कोटड़ा तहसील के नयावास ग्राम पंचायत के गांव वेराकातरा में शुक्रवार को कच्चा मकान ढह गया। वहां सो रहे अधेड़ पति-पत्नी की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे का पता चलते ही तहसीलदार भाणाराम मीणा नायब सुरेश मेहता मौके पर पहुंचे। एसडीआरएफ टीम भी पहुंची और शवों को मलबे से निकाला।
कोटा : जिले का कैथून कस्बा टापू बन गया है। यहां पांच फीट तक पानी भर गया है जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। वहीं चंबल नदी पर बने सभी बांध लबालब हैं। शुक्रवार को कोटा बैराज के 13 गेट पांच-पांच फीट तक खोलकर 90 हजार क्यूसेक पानी की निकासी की गई। वहीं झालावाड़ में भी बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। यहां भी बीते दो दिनों से लगातार बारिश हो रही है।
शुक्रवार को कालीसिंध के 11 गेट खोलकर ढाई लाख क्यूसेक पानी निकाला गया। इस बची एक अच्छी खबर भी है। बीसलपुर बांध से इस बार जयपुर, अजमेर व टोंक जिले को भरपूर पानी मिलेगा। आसपास हो रही बरसात से बांध का गेज बढ़कर 311.30 आरएमएम हो गया है। त्रिवेणी का गेज 7 मीटर से ज्यादा चल रहा है। यहां प्रति घंटे 5 सेंटीमीटर पानी की आवक हो रही है।
बारां : अटरू क्षेत्र में बीते 36 घंटों से हो रही लगातार बारिश से परवन, पार्वती, ल्हासी, भूपसी, नदिया व नाले उफान पर है। अटरू के 3 किलोमीटर दूर किशनपुरा बांध पर पार्वती नदी का विकराल तांडव रूप देखने को मिल रहा है। बड़े-बड़े पेड़, पशु बहे हैं। अटरू के किशनपुरा में बांध में 14 फिट पानी तथा देंगनी स्थित पुलिया पर 20 फिट पानी चल रहा है। नदी के विकराल रूप के चलते लगभग 20 गांव टापू बन गए हैं।
मध्यप्रदेश से लगते प्रदेश के बारां जिले में हालात खराब हैं। जिले की तीनों प्रमुख नदियों के उफान पर होने से बाढ़ के हालात हैं। कवाई में गुरूवार दोपहर खजुरिया डैम के गेट खोलने से कवाई सहित आस-पास के क्षेत्र में बाढ आ गई। इलाक़े के घाघोनिया, मुकन्दपुरा, फुलबड़ौद, कवाई टापू बन गए। ल्हासी व चरख नाले के बीच 33 यात्रियों को ले जा रही एक निजी बस फंस गई। सिविल डिफेंस टीम वहां पहुंची लेकिन उनकी बोट ही पानी में बह गए। बस रातभर फंसी रही और सभी ने भूखे-प्यासे रहकर रात गुजारी। करीब 15 घंटे के बाद शुक्रवार सुबह एनडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू कर सभी पीड़ितों को सकुशल निकाला।
कस्बे सहित आस-पास के क्षेत्र में पिछले दो दिन से मुसलाधार बारिश हो रही है। छीपाबड़ौद तहसील के खजुरिया डैम से करीब 13500 क्यूसेक पानी छोड़ दिया। अचानक ल्हासी नदी व चरस खाल्ल (नाले) का जलस्तर बढ़ गया। इससे दो बसें अंधेरी व ल्हासी नदी के बीच फंस गई जिन्हें मुकन्दपुरा गांव के लोगों ने संभाल लिया। साथ ही खानपुर-छबड़ा जाने वाली हाड़ा बस ल्हासी व चरस खाल्ल के बीच फसी गई। बस में 5 बच्चे, 10 महिलाएं एवं 18 पुरुष सवार थे।
वहीं गुरुवार को राजेंद्र मेघवाल अपनी पत्नी और आठ साल की बेटी हिना के साथ राखी मनाने मंडावरी गांव जा रहा था। हीरान गांव के नाले में हिना बह गई जिसका शव रेस्क्यू टीम ने निकाल लिया। अटरू में एक कच्चा मकान झह जाने से एक बच्ची की मौत हो गई। छीपाबड़ौद के तूमड़ा गांव में खेत पर गए मां बेटे बाढ़ में फंस गए। जिन्हें रात को निकाल लिया गाय। बारां के जिला कलक्टर इंद्र सिंह राव ने जिले में भारी वर्षा के चलते सभी विद्यालयों मैं 16 अगस्त का अवकाश घोषित किया है। मौसम विभाग की और से जिले सहित हाड़ौती भर में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है।
उदयपुर : जिले में अच्छी वर्षा हो रही है। जिले की कोटड़ा तहसील के नयावास ग्राम पंचायत के गांव वेराकातरा में शुक्रवार को कच्चा मकान ढह गया। वहां सो रहे अधेड़ पति-पत्नी की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे का पता चलते ही तहसीलदार भाणाराम मीणा नायब सुरेश मेहता मौके पर पहुंचे। एसडीआरएफ टीम भी पहुंची और शवों को मलबे से निकाला।
कोटा : जिले का कैथून कस्बा टापू बन गया है। यहां पांच फीट तक पानी भर गया है जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। वहीं चंबल नदी पर बने सभी बांध लबालब हैं। शुक्रवार को कोटा बैराज के 13 गेट पांच-पांच फीट तक खोलकर 90 हजार क्यूसेक पानी की निकासी की गई। वहीं झालावाड़ में भी बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। यहां भी बीते दो दिनों से लगातार बारिश हो रही है।
शुक्रवार को कालीसिंध के 11 गेट खोलकर ढाई लाख क्यूसेक पानी निकाला गया। इस बची एक अच्छी खबर भी है। बीसलपुर बांध से इस बार जयपुर, अजमेर व टोंक जिले को भरपूर पानी मिलेगा। आसपास हो रही बरसात से बांध का गेज बढ़कर 311.30 आरएमएम हो गया है। त्रिवेणी का गेज 7 मीटर से ज्यादा चल रहा है। यहां प्रति घंटे 5 सेंटीमीटर पानी की आवक हो रही है।
बारां : अटरू क्षेत्र में बीते 36 घंटों से हो रही लगातार बारिश से परवन, पार्वती, ल्हासी, भूपसी, नदिया व नाले उफान पर है। अटरू के 3 किलोमीटर दूर किशनपुरा बांध पर पार्वती नदी का विकराल तांडव रूप देखने को मिल रहा है। बड़े-बड़े पेड़, पशु बहे हैं। अटरू के किशनपुरा में बांध में 14 फिट पानी तथा देंगनी स्थित पुलिया पर 20 फिट पानी चल रहा है। नदी के विकराल रूप के चलते लगभग 20 गांव टापू बन गए हैं।
मध्यप्रदेश से लगते प्रदेश के बारां जिले में हालात खराब हैं। जिले की तीनों प्रमुख नदियों के उफान पर होने से बाढ़ के हालात हैं। कवाई में गुरूवार दोपहर खजुरिया डैम के गेट खोलने से कवाई सहित आस-पास के क्षेत्र में बाढ आ गई। इलाक़े के घाघोनिया, मुकन्दपुरा, फुलबड़ौद, कवाई टापू बन गए। ल्हासी व चरख नाले के बीच 33 यात्रियों को ले जा रही एक निजी बस फंस गई। सिविल डिफेंस टीम वहां पहुंची लेकिन उनकी बोट ही पानी में बह गए। बस रातभर फंसी रही और सभी ने भूखे-प्यासे रहकर रात गुजारी। करीब 15 घंटे के बाद शुक्रवार सुबह एनडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू कर सभी पीड़ितों को सकुशल निकाला।
कस्बे सहित आस-पास के क्षेत्र में पिछले दो दिन से मुसलाधार बारिश हो रही है। छीपाबड़ौद तहसील के खजुरिया डैम से करीब 13500 क्यूसेक पानी छोड़ दिया। अचानक ल्हासी नदी व चरस खाल्ल (नाले) का जलस्तर बढ़ गया। इससे दो बसें अंधेरी व ल्हासी नदी के बीच फंस गई जिन्हें मुकन्दपुरा गांव के लोगों ने संभाल लिया। साथ ही खानपुर-छबड़ा जाने वाली हाड़ा बस ल्हासी व चरस खाल्ल के बीच फसी गई। बस में 5 बच्चे, 10 महिलाएं एवं 18 पुरुष सवार थे।
वहीं गुरुवार को राजेंद्र मेघवाल अपनी पत्नी और आठ साल की बेटी हिना के साथ राखी मनाने मंडावरी गांव जा रहा था। हीरान गांव के नाले में हिना बह गई जिसका शव रेस्क्यू टीम ने निकाल लिया। अटरू में एक कच्चा मकान झह जाने से एक बच्ची की मौत हो गई। छीपाबड़ौद के तूमड़ा गांव में खेत पर गए मां बेटे बाढ़ में फंस गए। जिन्हें रात को निकाल लिया गाय। बारां के जिला कलक्टर इंद्र सिंह राव ने जिले में भारी वर्षा के चलते सभी विद्यालयों मैं 16 अगस्त का अवकाश घोषित किया है। मौसम विभाग की और से जिले सहित हाड़ौती भर में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है।
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