आपने देखा होगा कि सिक्ख लोग लंबी दाढ़ी और घना मूंछ रखते हैं। यह अपने केशों को भी काफी सलीके रखते हैं और कभी बाल कटवाते नहीं हैं। इसका न सिर्फ धार्मिक कारण है बल्कि यह स्वास्थ्य से भी जुड़ा मामला है।
गुरु गोविंद सिंह जी ने कहा है कि सिक्ख की पहली पहचान है केश। इसलिए सिक्खों को अपने केश को नहीं कटवाने चाहिए। इस संदर्भ में गोविंद सिंह जी ने एक बार अपने एक भक्त नो निद्घि राय को बताया था कि केश प्रकृति का अमूल्य उपहार है।
अब केवल ऋषि मुनि या संत जन ही केशधारी शेष रह गये। जबकि प्रकृति ने हमे केश दिए हैं तो इसका कोई बड़ा कारण है। केश कटवाकर हम प्रकृति के नियमों का खंडन करते हैं
गुरु गोविंद सिंह जी ने कहा है कि सिक्ख की पहली पहचान है केश। इसलिए सिक्खों को अपने केश को नहीं कटवाने चाहिए। इस संदर्भ में गोविंद सिंह जी ने एक बार अपने एक भक्त नो निद्घि राय को बताया था कि केश प्रकृति का अमूल्य उपहार है।
अब केवल ऋषि मुनि या संत जन ही केशधारी शेष रह गये। जबकि प्रकृति ने हमे केश दिए हैं तो इसका कोई बड़ा कारण है। केश कटवाकर हम प्रकृति के नियमों का खंडन करते हैं
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