• 6 years ago
Eight men made accused falsely in illegal arms supply case in Kanpur

कानपुर। उत्तर प्रदेश समें कानपुर के चकेरी सर्किल के डीएसपी ने प्रेस कॉफ्रेंस करके आठ युवकों को मीडिया के सामने पेश किया था और उन्हें अवैध हथियारों का कारोबारी बताया था। पुलिस ने दावा किया था कि ये आठों युवक दस अवैध हथियारों को लेकर आ रहे थे, तभी कानपुर की सीमा पर पुलिस ने इन्हें पकड़ लिया। पांच पुलिस अफसरों ने सभी को जेल भेजकर महकमे की गुड बुक में अपना नाम दर्ज करा लिया। लेकिन कहते हैं कि अपराधी कितना भी चालाक क्यों न हो, अपने जुर्म का कोई न कोई निशान छोड़ जाता है। अपराधी की भांति काम कर रहे ये पुलिस अधिकारी भी एक चूक कर बैठे और अपने गुनाह के निशान सीसीटीवी कैमरे के सामने छोड़ आये।

दरअसल पुलिस ने जिस संजय केसरवानी को गिरोह का सरगना बताकर कानपुर सीमा पर पकड़ा जाना बताया था, उसे उसके फल के गोदाम से उठाया गया था। पुलिस ने उससे पांच लाख रुपये की मांग की और पैसा न मिलने पर उसे थाने लाकर असली गुनहगार की जगह जेल भेज दिया। ये सारा वाकया सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया। जमानत पर जेल से रिहा होने के बाद पीड़ित परिवार मीडिया के सामने आया और पुलिस द्वारा संजय को गोदाम से उठाने का वीडियो रिलीज कर दिया।

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