• 10 years ago
देश का चुनावी तापमान लगातार बडता चला जा रहा है. और इसी के साथ नेताओं की हल-चल भी तेज हो गयी है. सियासत के मंच पर रिश्ते बनने और बिगड़ने का खेल ब्दस्तूर चालू है. कौन सोच सकता था की 2002 में बीजेपी को अपना तेवर दिखा कर उससे अलग होने वेल रामविलास पासवान उसी बीजेपी का पल्लू थाम लेंगे. यहा बात सिर्फ़ पासवान की ही नही है यहाँ ऐसे कई नेता है जो मौका देख पार्टियाँ बदल चुके है. इसी पर देखिए हमारी ये खास रिपोर्ट.

Category

🗞
News

Recommended