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Trascrizione
00:00:00झालब झालब कर電 Papर 2
00:00:06चलको को
00:00:10श्रीया कॉ
00:00:13उश्रीया कॉ
00:00:13क्याको
00:00:17खालब क्या ये वो
00:00:19झाल झाल
00:00:49झाल झाल
00:01:19झाल
00:01:29मासंगी
00:01:31झाल
00:01:33झाल
00:01:35झाल
00:01:39कि झाल
00:01:43प्रुट दोस्तार चौट येड़ बारप आंश्टाइब और अप्रुट द जए आंश्टाइब इसाइब।
00:02:04इस प्रुट खार एक्रेड़ प्रुट जऑने करें अखए अगर आंश्टाइब।
00:02:08श्रुट सी अपने कहा है
00:02:11अफगान फॉज जिस कचहरे को देखकर भाग रही है ये कोई आम कचहरा नहीं हरी सिंग नल्वा का कचहरा है
00:02:30अरी सिंग नल्वा की मौत के बाद अफगान फॉज जब भी उनके किले पर हमला करने पहुचती तो उनके सिंग अरी सिंग नल्वा का कचहरा सुखने डाल देते
00:02:46अरी सिंग नल्वा का कचहरा देखकर अफगान फॉज की सासी सूचाती
00:03:00तेरे पंजाम की शाइब!
00:03:10अरी सिंग नल्वा की माग के बाद।
00:03:13वैसे तो महाराजर अरणजीच सिंग पुरी तरह तूचुके थे
00:03:18और फिर भी उन्होंने अपने जीतेजी
00:03:21अपनी मजबूत तलवार के तम पे उने पंजाब को सभाल कर रखा।
00:03:30कि शेरे पंजाब के आख मूधने के तेर थी यू लगने लगा जैसे सारा पंजाब अनाथ हो गया ऐसे समय में जब पंजाब का अपना कोई वारिस नहीं था पंजाब को खुटने पर लाने के लिए अंदरूनी ताकतों के साथ-साथ बाहरी ताकते भी सुवरास माने लगी
00:04:00दो रुचक्के टाकू लुटेरे इन सब से उपर एक और ताकता रही थी मार खाने जिनका ना कोई धर्म था आई मार इंसान के पांच तुश्मां काम, क्रोध, लो, भुमों, आहंकार इनके पक्ये साथ ही थे
00:04:22दरिया पार से कहर मचाता आ रहा ये नश्कर
00:04:26सामने आए एक किसी भी उमर के इंसान का लिहाज नहीं करता था
00:04:30जहान जीतने का सपना लेकर निकला था मार खानों का सरदार जंगी जहाना
00:04:39जंगी जहाना का इतना रोप था एक नजर वो आसमान की तरफ देख लेता
00:04:52वो आसमान को भी हामी भरनी पड़ जाती
00:04:56जहत्य लोगों पर प्रहार करना बढ़ासान है
00:05:01जिले
00:05:03भगवान मुझे ताकत दे
00:05:06जिले
00:05:07जनाब मेरे पिथा जी को बख्षता जिनाब
00:05:11पिथा जी को बख्षता हो जे गहने रख लो जनाब
00:05:14मेरे पिथा जी को बख्षता हो पहले लेकर आना था
00:05:18पिथा जी
00:05:20पेथा जी, पेथा जी
00:05:23तुझ से अनाज थोड़ी लोगा
00:05:34तरिया के एक तरफ जंगी का क्याहर था
00:05:42और दूसरी तरफ पहली बार अपना आतनक मचाने अपने लशकर के साथ पहुची
00:05:50कट्रों जंगी के बड़ी बहन और ये है तारवक्ष कट्रों का पतिव और जंगी जहाना का चीजा
00:05:59ये है तीना तारवक्ष का छोटा भाई
00:06:05क्यों पार दिया है
00:06:15ये रहने दो
00:06:16लाओ भी खाना
00:06:21ले आई जी आई तो भूख के मारे चांड निकल रही है
00:06:25ये काउं की परधानगी करना भी काउंसी असाम बात है
00:06:28अपने पास तो नाम की रहेगी परधानगी
00:06:31चल ली तो फिर बाबा हुजूरा सिंग की है
00:06:34बास नो
00:06:35दाल थोड़ी फीकी बनाया करो
00:06:37दान सिंग की जबान तो पहले बहुत तीकी है
00:06:40हमारा शेर वेड़ा बजना कहां है
00:06:43उसे खूब भी शकर खिलाया करो
00:06:45मेरे बाद इस गाउं को उसी ने संभालना है
00:06:48हाँ पर फिर चले गया काल सिंग की
00:06:50ये तेरी जबान है के बिच्चू की पोंच
00:06:53जो हर वक्त जहर उगती रखी है
00:06:55परधान की मिलनी और संभालनी
00:06:57दो अलग लग बाते हैं भाई गुलाब सिंग
00:06:59आपको तो पता ही है बाबा हुजूरा कितना आडियल है
00:07:01वैसे उसका शिश्य आताल है
00:07:03अपने बच्चने को पांटिक में देंगे है
00:07:05मेरी बास सुन बंदो बस करते हैं दोनों का
00:07:08और री तो अपने बच्चने के लिए सही
00:07:10माँ
00:07:11ठाना दे दो
00:07:12बहुत भूक लगी है
00:07:14आज आपने मेरी तलवार चलती नहीं देखी
00:07:17शाबाश
00:07:18बच्चने की माँ
00:07:19इसे सतनाज की रोटी मक्षन लगा कर दिया करो
00:07:21अच्छा याद रखना कुछ हो जाए
00:07:23अकाल सिंग से नहीं दबना
00:07:25कभी वक्त पढ़ने पर मेरे हाथ चलते देखना बाकू
00:07:29अकाल सिंग के तो बाप पैर नहीं लगने दूगा
00:07:32और हजूरा सिंग के मैं नहीं लगने दूगा
00:07:35तो फ्रकर मत कर
00:07:36इनका मैं कुछ बंदोबत करता हूं
00:07:39रंजीत नगाड़ा बज रहा है इतनी सुबह सुबह
00:07:47अगर प्रधान के होकम के बिना रंजीत नगाड़ा बजने लग जाए
00:07:52तो फिकने सी प्रधान की
00:07:53प्रधान की साबित करने के बहुत कम मौके होते भाई गुलाब सिंग
00:07:57और आज वो मौका है
00:08:23बाबा हजूरा सिंग के हुकम से ही रंजीत नगाड़ा बजाया गया
00:08:38जरूर कोई खास वजाओगी
00:08:40मार खाने
00:08:42ठीक है हजूरा सिंग जी
00:08:48मैं दान सिंग और यहां खड़े सारे सिंग
00:08:52आगे जाकर दुश्मन का हम पहले संबा करते हैं
00:08:55आप बचन सिंग और हमारे गाउं से आने वाले सभी सिंग
00:08:59यहां रुक कर हमारे अगले अधेश का इंतजार करें
00:09:12कि वाहे गुरुजी का खाल्सा और वाहे गुरुजी की बते है कि मेरे ख्याद से अगर और और बच्चे यहीं रुक जाएं तो
00:09:28मुसीबत में इनकी हिफाज़त करना हमारे लिए आसान होगा हम अपनी हिफाज़त खुद कर सकते हैं चाचा जी नाम के साथ
00:09:34सिंग और कॉर्श अब जुणने के बाद अगर मगर या किंतु प्रंतु के लिए खाल्सा के मन में कोई भी जगा नहीं बच्चती यह सिंग्नियों का अटूट फैसला है हम जंग में हिस्सा बराबरता ही लेंगी बेशक्स सहज कॉर्ची
00:09:47पंत की मर्यादा है कोई किसी की सेवा नहीं चीन सकता बाकी सब बाते तो ठीक है पर अगर प्रधान जी की रनीटी को मान के चला जाए तो इसी में सब की भलाई होगी
00:09:59ठीक है हजुरा संग जी सिंगनियां भी आपके साथ यहीं रुकेंगी सिंगों याद रखना काउं की तहलीज पे खड़ा दुश्मन एक पल भी चैर की सास्रा ले पाए तो इस दुनिया में आया है उसका मरना तया है यह मारने माराने का शुप कारज मार खनों के इसे आ है
00:10:29इसमार पर इन खार्सों को जमराज के साथ पर हम बठाएंगे तुनारी शान के खिलाफ उठने वाला हर एक सर्थ मुझे तुम्हारे बर्चों की नौक पर तंगा दलाना चाहिए
00:10:51पहले मार में दीने की तुकड़ी सामने से हमला करेगी और दूसरे हमले की अगवाई में खुद करूँगी जिसकी जरूरत नहीं पड़ेगी
00:11:09दीना काल का दूसरा नाम है दुश्मन के गले से हाई हाई की अवासे दीना को सुननी चाहिए
00:11:19के अगवाई थार ने दूसरे यह दो कि अगवाई फ्रड़ेगी जरुद के अगवाई दुश्मन के अगवाई नाम है आगे अमारे लिए क्या देश है
00:11:45कि अन्तजार करो
00:11:47वो बच्केना जाए
00:11:56मुझे उसका सर चाहिए
00:12:15कि अन्तजार करो
00:12:20कि अन्तजाओ
00:12:43कि अन्तजार
00:12:44उनकी तो औरते भी मदाने जंग में मर्दों की तरह लड़ती हैं
00:12:49उनकी एक औरत ने दांसे का सर एक ही जटके में कल्म कर दिया
00:12:54मेरी बात मानो बच्चों बूडों और और अरतों की जान बिचाने के लिए हम यहां से भाग चलते हैं
00:13:00रड़ छोड़कर भागने वाले को धरती भी माफ नहीं करती चाचा और इतिहास गवा है
00:13:04कुद्रत ने ऐसा कोई मैदान नहीं बनाया जहां से एक भी सेंग पीच दिखा कर भागा हो
00:13:10चल चाचा आगे चल जाकर दुश्मन को यह बताएं कि खाल सा का यह असूल है
00:13:18दर पे आए को देख पकी और चड़के आए को देख पकी
00:13:22बोले इसो नहाओ
00:13:48पा पाएं को अिइन आए तौ आपाएं को और रे इसो यह वा-ख और तीना काई तो हमाजे
00:14:05अवा-वा-ओार्थ
00:14:11कुझ खाल से दिखाल दोंगे मन सदली वरकिये पर मन दान नदान रखिये
00:14:20कॉझ भोड़ नतन वारा दे जठ दखडें नदान दे आतन नदे इसा रुट धाल आ तैंक तजारा दे
00:14:39हुआ दूनादा लोडे, कि दिस्टे मेई रे, बाया मारे दिए, बाया मारे दिए
00:15:09हुआ कोजि दूनादा लोडे केस।
00:15:36मोरे सिंह इंघ आदे, क्वार पारी अकर अजय आदे
00:15:40खार कि मुंखारा कि पर सिंह निम कुदे, चाप जादे, परस ते दियो जो कुदे
00:15:45आई अधा कमान, सक्षा भार्च पुसाडे नाल
00:15:50आगाले नहीं देखाने जोड़े
00:15:53आगाले जोड़े
00:15:54आगाले जोड़े
00:15:55आगाले
00:15:58झाले
00:15:59आगाले
00:16:11जिय tow देखे हैं
00:16:13यूँ जो देना
00:16:17तार!
00:16:19मैंने वार!
00:16:21झालॉ
00:16:23पंगा
00:16:25व।
00:16:27工作
00:16:29वुए
00:16:31Nut
00:16:35वुए
00:16:37झै
00:16:42वुए
00:16:43लुए
00:16:44वो ऺणकेष्गा!
00:17:14में कमा सम्मीर सोथ कर से लिखा रंचे घरवाना वोगाँ आपकारी शपैद्धर लेवेजयर से लिड़न खत्रारी शड़ पखाओ Mouse
00:17:24हलाद हु इसने अजक एग्यां घरभाव।
00:17:31अकाल से पोफ शची की पख्षी हुई या शंषीर इस यह औरत्राक से रंडी जाया
00:17:41
00:17:45कर दूब जो��, बोर्ट जोर्ट जी अपने जूटने
00:17:55pencil कार झें � Wave
00:18:01मन नकोव कुर मेचा बेल मून,
00:18:03कोवी कि ख».
00:18:14वो साड़ा मोहें खंड़े आगत गया
00:18:34वो साड़ा मोहें खंड़े आगत गया
00:18:44वो साड़ा मोहें खंड़े आगत गया
00:19:14वो साड़ा मोचे भी सिंदक जुदेने
00:19:24हताल सिंदक पुदर यह के और भागे
00:19:28वो साड़ा मोहें खंड़े आगत गया
00:19:38वो साड़े आगत गया
00:19:48वो साड़े आगत गया
00:19:58अगत गया
00:20:02तर भाक्षन गड्रों के हांको में
00:20:32ऐसी चुप पहले कभी नहीं देखी।
00:20:35सारी सिंदगी मेदानों में काटने के बाद, ऐसा मेदान पहली बार देखा है।
00:20:43कौन है यह लोग, जिनकी तासीर उस खुखार चीते जासी है, जो घर जाने पर और बेखदरनाव हो जाता है।
00:20:53कर देख़ा है।
00:20:54कर देख़ा होकर जंदगी का हर रस्त बड़े स्वाद से चखा है।
00:21:00पर इस तर नाम के रस्त से वाकिफ नहीं थी।
00:21:05तर का एहसास पहली बार इस जवान सदार ने कराया।
00:21:11यह कट रोग है री।
00:21:14जब दुश्मन इतना ताकतवर हो।
00:21:19ना ताकत्वर हो, तो द्रणनी के बजा है, शांती बनाये नखने में ही समझधार है, शंकी को है,
00:21:40पायल पहनने की देरी है, कबूतरी की चाल बदल जाती है,
00:21:45इस कबूतर के सारे लक्षम, मेरे जैसे ही है,
00:21:55मामा, बहुत अर्से के बाद आए हो आपे से,
00:22:02नूरा, तेरा ही इंतजार कर रहा था, मैंने सुना, आस पास के गाउं में, देरी तलवार का कोई दोड़ नहीं,
00:22:12मामा, बाद जा किसका हूँ,
00:22:16बहादुरी रिष्टे में नहीं, गुर्दे में होती है,
00:22:20और जिसके गुर्दे में तम होता है,
00:22:23वो सामने वाले को ये बताने का मौका नहीं देता,
00:22:27कि वो बाद जा किसका है,
00:22:28चल नूरा उठा तलवार,
00:22:40चल नूरा उठा तलवार,
00:22:58मामा, ये तलवार इसलिए रुख गई,
00:23:20क्योंकि ये तेरे मामा के हाथ में है,
00:23:25मामा, ये तलवार मेरी गर्दन तक इसलिए पहुच गई,
00:23:28क्योंकि मेरे मामा के हाथ में है,
00:23:30अगर किसी आम इंसान के हाथ में होती न,
00:23:33तो अब तक ये तलवार हाथ समेच तर्थी पे होती,
00:23:58आम लोगों से अपनी तुलना आम लोग करते हैं नुरा और तेरी जानकारी के लिए बता दूं के हम आम लोग नहीं हैं,
00:24:12रहना धर्ती पर और काम यम राज वले,
00:24:17ये आम लोगों के काम नहीं है,
00:24:19अपनी कमी और अपनी काबलियद जानना भी एक होनार होता है,
00:24:24और इसका ग्यान अर एक को होना चाहिए,
00:24:28जना, जना, जना, जना जल्दी आइके दावाखाने की तरफ, जल्दी.
00:24:58आपको बोलने की ज़रूरत नहीं,
00:25:06सिर्फ इशारे से दुश्मन की दिशा दिखाएए,
00:25:12मुझे जनक नहीं चाहिए,
00:25:15अगर कर सकता है तो कुछ बादे कर,
00:25:20हुकु, मेरे बाद,
00:25:22जनके अपने मेहन की हर बाद को हुकम चाहिए कर लानेगा,
00:25:31वक्त नहीं है,
00:25:32मुझे जुबान चाहिए,
00:25:35दी जबान,
00:25:37आज की बाद,
00:25:38कट्रों की मुँ से निकला हुआ अर लफज,
00:25:41मेरे लिए हुकम होगा,
00:25:46नोरा को अपना फिर्टा मान कर,
00:25:50जनके उमर बारे ही वाज़ित करेगा,
00:25:54नोरा की तरफ उठी,
00:25:56हर तलवार,
00:26:00जनका एदान होगी,
00:26:03रहरम बाद,
00:26:06तर्या के,
00:26:07इस पार हमारी सल्दनत होगी,
00:26:10जनके खलशकर,
00:26:14तर्या पार नहीं चलाएगा,
00:26:16अमारी सल्दनत की हदबंदी वाली बात,
00:26:24दारा की जबान पर चच्चती नहीं,
00:26:28मैं देने जो कहा है,
00:26:30मुझे, मुझे, मुझे होगा,
00:26:31जो,
00:26:31गाउं की बाग डूर,
00:26:56पाबा हजूरा सिंग के समालने के देर थी,
00:26:59फिर किसी ने गाउं की तरफ आँक उठा कर नहीं देखा,
00:27:02जारों और खुशियां,
00:27:04और खुशाली थे,
00:27:05गुरू गोविन सिंग की गोद का अनन्द पाना,
00:27:16आसान काम नहीं बच्चो,
00:27:19तलवार की धार पे चलके,
00:27:22तयार होता है खाल्सा,
00:27:24बच्चो,
00:27:26खाल्सा अताल पुरक की फौज है,
00:27:28खाल्सा वो जो जो जुल्म का डटकर सामना करे,
00:27:33खाल्सा वो जो महसूम और गरीबों का पहरेदार हो,
00:27:38खाल्सा वो जो जन्ग में शाह सवार और गुरसंगत का सेवादार हो,
00:27:43खाल्सा वो जो नाचना जानता है तल्वार की धार पे,
00:27:49खाल्सा अजीत है,
00:27:52खाल्सा अभीत है,
00:27:55खाल्सा मर के भी जीता है,
00:27:57उस परमात्मा का फर्संद है खाल्सा,
00:28:00क्या समझे मेरे बच्चों,
00:28:05बाबा जी यही कि खाल्सा हो,
00:28:08जो गुरसंगत आगे सर चुका कर हाथ जोडता है,
00:28:11और मैदाने जन्ग में शम्शीरों के मूँ मोडता है,
00:28:15दुरुस परमाया जुरा सिंग जी,
00:28:18सिंग नहीं डरते सर कटवाने से,
00:28:21मुड जाएं मू तलवारों के,
00:28:25सदमो तराने गाती है,
00:28:28इन शीश कटे सरदारों के,
00:28:33बाबा दीप सिंग तेरी रीस नहीं,
00:28:36धड लडता है धड़ पे सीस नहीं,
00:28:39कोई बीस नहीं, कोई तीस नहीं,
00:28:42तुने काटे सर हजारों के,
00:28:45सदमो तराने गाती है,
00:28:47इन शीश कटे सरदारों के
00:28:50पले सा नहार सा जियादा
00:28:54क्या बहाच मेरे जवान
00:29:12हजूरा सिंग क्या ब्रह्मास्तर त्यार किया तुने
00:29:16सूज बूज और फलादी जिग्रा लेकर ही बैदा हुआ था काल सिंग
00:29:23जो उम्र बच्चों की केलने कूदने की होती है
00:29:28इस शेज ने तब हाध्यारों को साधी बना लिया
00:29:31और कोई है जिसने अपनी तलवार परखनी हो
00:29:33इजाज़त हो तो मैं आऊ सरदार जी
00:29:46मेरी आखों देखी बात है
00:30:09इसके पैदा होती इसके माँ अब क्यल बसे
00:30:11तब ऐसा लगता थै इसका क्या होता
00:30:14इस यतीम को मैंने गोद लेना चाहा
00:30:18तो कहता है माफ करना बाबा जी
00:30:20वैसे तुग आपका भी बेटा हो
00:30:22पर गुरु गुविन सिंग का बेटा
00:30:24यतीम कैसे हो सकता है
00:30:27कभी भी इतना नस्दीग नहीं
00:30:28कहने लगा बाबाजी
00:30:38मुझे शेस्त्र वित्या का दान बख्ष दो
00:30:41इस गुरू के बेटे को मैं
00:30:42दो कदम चलना सिखाता
00:30:44तो ये चार चल के दिखाता
00:30:49इसके हाथ में पकड़ा हुआ तो
00:30:52हतियार भी आग उगलता
00:30:57वाँ माता जी बहुत अच्छे है
00:31:16जोरा सिंग जी मुझे नहीं पता था
00:31:18क्या आप यहाँ पर भी अपनी माता जी की तरफ से हैं
00:31:20जोरा सिंग जी तो हमेशा से मा की तरफ ही थे
00:31:22आपने कभी ध्यानी नहीं दिया
00:31:24हुआ
00:31:54मेरी बेटी का घर जाडने वाले दाला पक्षने टुक्डे टुक्डे करते, मेरी ती शेश्ट्र वित्या की कीमत अदा कर दी थिया काल सिंबे.
00:32:08पिता जी, मुझे आपसे कुछ पूछना था, हमारी किसी से कोई दुश्मनी है?
00:32:13बेटा जी, किसी से निज्जी वैर विरू तो हमारे असूलों के खिलाफ है?
00:32:19अगर ये बात है, तो आप सारे गाउं को तेहवार बाजी की सिखाते हो?
00:32:24अपने उम्र से बड़े सवाल है इसके, दीजे जवाबब.
00:32:27बेटा खाल साब ने असूलों की पूर्ती के लिए हर वक्त तयार पर तयार रहता है.
00:32:33और खाल साब का यही असूल है, दर पे आई को देख पकी, चड़के आई को तेख पकी.
00:32:42दर पे आई को देख पकी, चड़के आई को तेख पकी.
00:32:57तर्दा अंग अंग रोम रोम पंचापी
00:33:05अंदर दी पीर पकीरा वन यादी ये
00:33:13वाहिपुर जेशु अल्ला ओम पंचापी
00:33:18तर्दी मर्देवा लानू
00:33:22उस जड़ खंडिया चावानू
00:33:25ओ यारा दिल दाला रवदे सामने देख लिखाए
00:33:31गन गन देविची रव बगदारे
00:33:35उस देश जड़ आजाए
00:33:39हासया जड़ खंडिया
00:33:45उस देश जड़ आजाए
00:33:55जड़ आजाए
00:34:01जित्थे आरिया तो जा वारी जांदी बारी जांदी गल उत्थो दें करा
00:34:22जित्थे फद्द आते उंके सोना चांदी सोना चांदी गल उत्थो दें करा
00:34:33देखे ले आगे वो सुड़ने नके हवावी कीक पाई ये गावे और जेड़ा थे आवे अपुड के नचावे सुद्धी गोर सुड़ी होई जाए
00:34:45पूर बने दो देखा दू सजण ठली आखा दू सुद्धी गल उत्थो देखा दू
00:34:52ओगारा दिल दारा रभुज सामने एले खिली पाई ये गाण करदे मिछ रपकर दाए
00:35:00उत्मेस देया रह जाएगा
00:35:07रुकता त्योहर दियार हमेच्छा
00:35:17रहन हमेच्छा समखो दीवी होई
00:35:22अथे घसना सिखोंते लोग दिल को आयक चाहे रूई वी होई
00:35:33सुपा जद खोली पिठी जेरी पोली अवान जीवे हुंती रवाम दिये
00:35:39समाद के जावे समझ नावे सोनी गल प्जाब दिये
00:35:45रबने मन दिर मारूं जजड़ तकिया चाहरूं
00:35:52वो जयारा दिल तारे रबने सामने लेख लिखाए
00:35:57या कन-कन दे विच्रब पसदाए
00:36:00उसने शित यारा चाहरूं
00:36:06है जीतों तेरे लिए मोर पंक्या सूट और तेरे घर वाले के लिए पगली हूँ
00:36:17पाकी के कपड़े लट्टे भी इसके मैने ही करने है नातिन है गाउं की हमारी भी तो बेटी हुई
00:36:22देख ले सहच मेरी बेटी की डोली भी इसी गाउं से जानी है और मेरी डोली भी इसी गाउं से गई थी पिताजी मान नहीं रहते मुझे दरिया पार भेजने को पर जीतों के पिता सर्तारा सिंख उन्हें पसंदी इतने थे कि मुझे दरिया पार बसना पड़ा जीतों और �
00:36:52जोरा से भी छोटा था जब मात खानों के सर्दार दारा बक्ष ने अपने लशकर समेथ हमारे गाउंपर हमला किया
00:37:03जीतों के पिता अपने साथियों समेथ उनसे चटान की तरह भेड़ गए
00:37:09मौके पर हालात को देते हुए काउं के समझदार बड़े बच्चों और अवरतों को बचाने के लिए दरिया पार कराने लगे
00:37:19दरिया पार करते हुए जीतों के पिता हमारी आँखों के सामने शहीद हो गए
00:37:24पर उन्होंने मा और खानों को हम तक पहुँचने नहीं दिया
00:37:39हमारी है आप फिकर मत करो ठीक है तुम्हारे होते हुए भला मुझे कैसी फिकर है बस मुझे तो अब ये है कि मेरा चीची तुम्हारी गाह पे चले वह बबा हजुरा सिंग जी का नाती और सरदारा सिंग का बेटा है शेरों के बच्चे शिकार करना मा की कोक से जीख गयाते ह
00:38:09के बेटे चीची पर भी मान करेगा जापाश मेरा शेर किसी को भी सामने टिकने नहीं देता मेरा जवान अबाजी वो दूख साजड़के तयार है
00:38:39जी जी जी जा बेटा पकड़ के लेया बंदू आज निशाना मेरा योधा लगाएगा
00:38:46मुझे लगता है बाबा ने ठीक कर लिये बंदू आज तो जरूर चलेगी खाक चन्नन सिंग बाबा तो यूहीं सड़ी लगडी चमकाने की कोशिश कर रहे
00:38:57बाबा जी ठहरा दो पचने को जूटा ये तो कह रहा है आज भी नहीं चलेगी बंदू चलेगी जरूर चलेगी
00:39:08चल मेरे जवान लगा कर निशाना तबा दे घुड़ा
00:39:38फिर नहीं चले यार धन तेरी देखा कहा था ना बाबा जी पंदूख भी पूड़ी होगी आपके जैसी यह नहीं चलने वाली
00:39:55बचन सिंग हत्यार कभी अपना एक्स्वभाव और किरदार होता है हत्यार मौके पे कभी धोका नहीं देता
00:40:05नहीं यकीन तो आजमा के देख ले अध्यार की भी परख हो जाएगी मैं तो कहता हूँ परख करी लेते हैं
00:40:12अपनों पे चलाने का तो बहुत दुजुर्बा है आपको अपनोंने हरकती कोई ऐसी की होगी
00:40:30बाबा ना एका चली थी ना एकन को चलेगी पते की बात तो ये है के चलेगी ही नहीं
00:40:37चलेगी जरूर चलेगी सई समय पड़ चलेगी
00:40:41खुदा ना खासता बंदूक कर से ही समय आज होता तो थेरा तो अंतिम समय आ गया था बचना
00:40:46किसके दंपे इतना उड़ रहे हो तुम लोग ये अकाल सिंगे जो घरवाली के साथ डानिये के जपिर है जो तुफार आ रहा है ना हम सब को उड़ा के लिए जाएगा बाबा पहले वाली बात दी रही अब उनकी गिंती हसारों में है एक एक आग भी पूरा बकरा खा जात
00:41:16तो फिर बचन सिंग तुम चमकौर की गड़ी की उस सर्द रात को भूल दे हो जब एक एक खालसा सवा सवा लाख से भिड़ गया था हमने तो लाखों को कुछ नहीं समझा तो फिर ये चार लुटेरे हमारी किस गिंती में आते हैं बाबा वे है मैं तेरा जब वो पूरी त
00:41:46कि युकि इने चलाने के लिए मजबूत बाजों वड़े शरीर चाहिए जिरके पैर भी वज़र उठा सके लड़ना तो दूर की बाद बाबा तुमसे तो इस नकली टांग से भागा भी नहीं जाएगा
00:42:07और ये बल्राम और बशीर अखे हम कौन जी हम खाम खा लड़ाई उनकी हमारे साथ सिक्खों के साथ और ये हिंदू और मुसल्मान ऐसे ही अपने पूछ को आगले गए फिर रहे हैं
00:42:22बजन सिंग जबाद तुने
00:42:37हिंदू मुसल्मान और सिक्खों की की है
00:42:40हमारे लड़ाई किसी धर्म या जादबाद के खिलाफ नहीं है
00:42:44ये लड़ाई सत्ते की है गलत के खिलाफ
00:42:48ये लड़ाई इनसानियत की है वहशत के खिलाफ
00:42:52और तेरे जैसे कमजर्फ लोग
00:42:55कि हमारे भारी चारे को बांट नहीं सकते हैं और रही बात मेरे पैर की
00:43:04पैर भागने के लिए नहीं खड़े रहने के लिए होते हैं
00:43:18वो अंग पेर दाना देडे आउ बंदे क्यारत देरा ठर जाते हैं
00:43:30तोसी ओस लहूदे बार सिहां जैडे पिडासी इस तो लड़ जाते
00:43:41बंदूक या जूग गई तु तो बारूत से खेलने लगा
00:43:48सबान और घोड़ा लकाम में रहें तो अच्छे रहते हैं
00:43:55बंदूक सीधी चले तो छाती भार देती हैं
00:44:05उल्टी चले तो खोपड़ी
00:44:08बाबाजी आपको पहरे पे आने की क्या ज़रूरत थी हम लोग है न आप आराम करते हैं
00:44:22अकाल सिंग जिने आरामी धोड़ों की काठियों पे मिलता है वो पलंग पे कब सोते हैं
00:44:29पहचार बोल अरे चननन सिंग हूँ अकाल सिंग जी आदी रात को कहां अपने साथियों को लेके जंगल में गूम रहे हो
00:44:43अरे कुछ नहीं आकाल सिंग हम तो शेहद लेने गये थे हलवाई के बस ख़त्म हो गया था अपनी जीतों की शादी में मिठाईया बन रही है न उसके लिए और हां उस पर हमने मार खानों का लशकर निखा हमारे देखते देखते उन्होंने आखरी गाउं तैस नहस कर दिय
00:45:13हमारी कमाने जगी हैं और ना ही हमारी किरपानों की धार को जंग लगी है हम अमन पसंद कौम है और जब जालिम जुम से ना टले तो कल गीधर पात्षा का फर्मान है चूंकार अज हमां हीलते दर घुजश्ट अलाल अस्त बुर्दन बाशंशीर तस्क
00:45:34क्या लगता है बिलोरा क्या हो गया दरिया के उस पार दरिया के उस पार भी हमारी तरह दो पहरा और दो हाथ वाले इंसान है देखला बाबाजी किसी को जंग चाहिए और किसी कौमन बेश्ट उनके सर पर भी
00:46:03आस्मान की यही च्छत होगी तुझे क्या लगता है उन्हें डर होगा हमारा खाल्चा के खेमे में डर्म नाम के शक्त की तो गुदरती तोर पर मनाही है
00:46:19वो द्रियाग बारवालों के कभी हम से हाथ बढ़ेंगे तो खाल्चा सब वहम दूर करतेगा दिल तो मेरा भी बहुत करता है कि मैं खाल्चा के बाजूं का सोर परकूँ
00:46:33जनन जहाना आँ जंद शहद इससे क्या होगा चननन सिंग दर्याब बार कराने के लिए तीरबारी करना पड़ेगा चनन सिंग
00:47:03है रानी की बात है जिनाब तीर इस पार आ गया शुकर है पीछे रहा गया
00:47:24तीर पीछे रहा नहीं रखा गया है यह हमला नहीं जेतावनी है दर्या से दूर रहने की
00:47:38खालसा ने हम लोगों को हमारी हद पता ही है उन्होंने तीर मिठास के साथ बेजा है
00:47:48शहद से भारी करके लेकिन उन्हें यह नहीं पता
00:47:54कि मुझे शहद नहीं लहू से लिपटा हुआ तीर पसंद है
00:48:02दुश्मन का अंदा जबया पसंद है पर मैं वादा के लाफी नहीं कर संदा
00:48:09नहीं तो जंगी के सिर्फ गोर्ने से दर्या रास्ता छोड़ देता है
00:48:24युझे वादा युझे वादा वादा के लिए नहीं कर सकती सा honestly
00:48:31कि मारसा के लजेता है
00:48:32कि मारसा भी वादा दूने अर्श आंदा वादा
00:48:36कि मारसा पसंदा देताट था ओ Celt Cas
00:48:42कर दो कर दो .
00:48:46हुआ !
00:48:50लूब एक्षी 0
00:48:53खुछ खुछ
00:48:55क्षप खुछ
00:48:58लूआड़
00:49:00आगया मेरा जंगी जहाना
00:49:25तर्या का आखरी का उफ पतै करके
00:49:29ताकत होना अच्छी बात है
00:49:41और ताकत की हद बंदी होनी ज़रूरी होती है
00:49:44वाह एकदम सहीगा
00:49:46आज जमाना तलवार का है
00:49:49और जब जमाना ताकत और तलवार का होता है
00:49:53तो हद बंदी की बातें कमजोर लोगों के बहाने होते हैं
00:49:57ये दारा बख्ष का हुकम था जंगी जहाना के घोड़े दर्या के सिर्फ इस पार खास चरेंगे
00:50:04ये कट्रो नहीं सिखों का डर बोल रहा है हमारे कबीले की जुबान पे आकर
00:50:10वो डर जो एक कमजोर औरत की रंडीती का नतीजा था
00:50:14खबरदार दिना तू तो बहुत अच्छी तरह जानता है कि हार और जीत सदियों से लड़ाई का एक हिस्सा रही है
00:50:24रही हूंगी साल बीट गए उस बाप को सिखों का दिया हुआ जखम आज भी मेरे चेहरे पे हरा है
00:50:32ध्यान से देख चली इस कटे हुए नाग को साल बीट गए मैंने कभी शीशा नहीं देखा
00:50:42सिर्फ इस उमीद में कि तलवार का बदला तलवार से लूँगा
00:50:49मैं मानता हूं दिना कि तेरी बात सोने की तरह करी है
00:50:54लेकिन मैंने तेरे मरे हुए भाई को सबान दी थी
00:50:58काश जुबान देने की बजाए मेरे भाई का बदला लिया होता
00:51:11धती से लेकर आजमान तक जिसकी तलवार का कोई तो नहीं जंगी जना मेरा मामा
00:51:18मेरा मामा क्या लेक रहा है मेरे लिए
00:51:23ये क्या है मर्दों की यही किलाने होते है नुरा
00:51:29पर मर्द इन किलानों का करे क्या गास कटे दर्या के इस पार वाले सारे गाउं तो जीत लिए और उस पार हम जानी सकते हैं
00:51:39कौन क्या बोलता है कैसे बोलता है और क्यूं बोलता है चंगी को सब पता है
00:51:56चौकीदार का लालच पहरेदारी भूलता है गदार गून वफादारी भूलता है
00:52:11और जंगी का गुसा रिश्टेदारी भूलता है
00:52:19कभी कभी ना नुरा तु मुझे बिलकुल मेरे जैसा लगता है
00:52:40मैं सारी उमर इस तख्त की जी हुजूरी करता रहा
00:52:44पर वक्ताने पे इस पे जंगी बैठ गया
00:52:47फिर मैंने सोचा चल कोई बात नहीं
00:52:50मेरा बतीजा तो बैठे गए एक दिन
00:52:52पर अपसोस तुमारी किस्मत उस पाल तु कुते जैसी है
00:52:59जो घर का हिस्सा होने के बावजूद भी रहता कुता ही है
00:53:05अब मुझे कुसा रहा है और भगवान को मानने वाले लोग दूआ करते हैं के नुरे को कुसा ना आए
00:53:12गुसा ना चाहिए नुरा तुम तक्त के असली वारिस होने के बावजूद भी तरस्ते रहते हो दरिया पारवाले हुसन को
00:53:24इतिहास गवा है राज भीक में नहीं राजा का सर काट के लिए जाते हैं
00:53:33ठीक है चाचा नुरा के गोडे का पाऊं धरिया पारचंक का पहला कदम होगा
00:53:41शाबाश शाबाश मेरे योताओ जंगल में एक शेर होता है सब राजा कहते हैं उसको तुम तो सारे कल्की धर के सजाए हुए शेर हो
00:53:52जिस गाउं में इतने शेर हो उस गाउं की और कैसे कोई आख उठा ले
00:53:57आख उठाने की बात कर रहा है हो अरे वो तो आख रखे बैठे हैं
00:54:01तुम लोग बताओगे नहीं तो क्या हमें बतानी चलेगा
00:54:05कि जंगी जहना कलश का दरिया पे आगे बैठ गया
00:54:07देखता जाओ जालिम के हरवार को टक कर देने के लिए
00:54:12हमारी फाउजें जंगी मश्कें कर रही हैं
00:54:16मुझे समझ नहीं आरा तुम क्यों बचारे लोगों को बैखा रहा हो
00:54:19और जिस दिन उनका मन किया ना वो आएंगे
00:54:22और देखते ही देखते हैं सब टेस्नेश करते हैंगे
00:54:25जांग लडेंगे
00:54:27तुम्हें पता है कौन आएगा पता है
00:54:29जंगी जोहना हाँ जंगी जोहना बार के खाने वालों के सर्दर
00:54:34असल में अकाल सिंग को पता है
00:54:38जब समय आएगा ना सबसे पहले बच्चे और अरतों वालों को पिछे टा लिया जाएगा
00:54:43और बले किसकी चड़ेगी हमारी तुमारी और मुझ्जासों की
00:54:47बचना
00:54:47अकाल सिंग रुख जा
00:54:51अगर बचन सिंग के पास कोई और अच्छा हल है
00:54:55तो हमें उसकी बात सुन लेनी चाहिए
00:54:58दरिया पार्क के गाओं वाले खुश रहते हैं
00:55:01क्योंकि वो अपनी साल की कमाई में से थोड़ा बहुत अनाज
00:55:04वीश-पचीश भेडे और ज़रूरत का कुछ और थोड़ा बहुत समान देकर
00:55:08जानकी बक्षीश मांग लेते हैं इसमें बुरा ही क्या है
00:55:12बजन सिंग वो लोगों की सिरफ भेड़ बक्रिया नहीं
00:55:18लोगों के घरों की इजद को भी घुलाम बना कि अपने साथ ले जाते हैं
00:55:22तुम मान या ना मान बाबा थोड़ी बहुत कीमत चुका कर
00:55:25अगर लड़ाई से बचा जा सकता है तो इसमें गलत क्या रहा है
00:55:28बजना जो तू बोल रहा है न वो शहद में लिप्टी होई गुलामी की भाषा है
00:55:34वो गुलामी जो हमारे गुरू ने अमरत के पांच गुट पिलाकर और पांच आँखों में डालकर खतम की थी
00:55:42वो समय और था आज समय का हवाला कायर देते हैं गुलामी हर तावर में गुलामी होती है बचना हमारे मुजरू खेलते खेलते नहीं मरे हैं
00:55:52अनोंने तलवारे लहु से नहलाई है, बुर्बानियती है, और राज क्राप किया है.
00:55:57राज क्राप किया है? मेरे बाप को परड़ागर?
00:56:00अगर उसे मेरे बाप की बाद मांगे पीछे हटी होते हैं तो सारे गांगी बेध्री थी.
00:56:05पर नहीं, अपने प्रधांगी जाड़ने के लिए तूने मेरे बाद और मेरे चाचा की पली चड़ा दी, अब हमारी चड़ाना चाता है, ये मेरे ही होने दूंगा
00:56:14अकाल सेंग
00:56:17नहीं
00:56:20पिता जी, ये किसकल हो है?
00:56:31जोरा सिंगी, ये एहनकार कलहू है
00:56:35एहनकार कलहू? पिता जी, एहनकार इनसान होता है या जानवर?
00:56:42यही तो इसकी माया है बेटा, ये इनसान को जानवर बना देता है
00:56:46पिता जी, ये कहीं मुझे में ना आ जाये, मुझे क्या करना चाहिए?
00:56:53जोरा पेटा, इसलिए तो मैं कह रही थी
00:56:56कि वाहिगरू का नाम लेना बहुत ज़रूरी है
00:56:59ये एहंग कार सिर्फ ओनी में आता है
00:57:01जो वाहिगरू के नाम से दूर होते हैं
00:57:04अपने अंदर सचाई और वाहिगरू का नाम इतना भर लो
00:57:07कि एहंग कार के लिए कोई जगा न बचे
00:57:10वाहिगरू वाहिगरू
00:57:14मैं आज के बाद भूल कर भी गलती नहीं करूंगा
00:57:16रोजपाट करूंगा
00:57:17वुझे अवन बच्चे समझ कर माफ कर दो बाबाजी
00:57:21वाहिगरू
00:57:37वाहिगरू
00:58:07वाहिगरू
00:58:09सत्या
00:58:11सीम देविच सत कुरू अन खाती जोत जगागर
00:58:18वाहगा गुरू मेरे याचिडिया तो बाज बनागर प्यारे
00:58:25केसर चत जी
00:58:33मैं तेरे बंदग जी
00:58:35वोत को सिसिकत तेले दान जी
00:58:41जोशिन माणतिया
00:58:44अठाने परतिया
00:58:47लेके जाए साडे जित जान जी
00:58:51वोत की करा मैं देलिया
00:58:55वड्याईया मरे मालिका
00:58:57बाद शाहा बंड बाद शाहिया
00:59:01मरे मालिका
00:59:03रब ची
00:59:13रब ची
00:59:20वाहिनों, सतना, वाहिनों, सतना, वाहिनों, सतना
00:59:41दिना चाचा बीना, कहता दिरिया पार बहुत हुसन है
00:59:46मुझे लगता समय से वापिस चलते हैं
00:59:51तेरे मामा को बता लग गया न, तो शामत आ जाएगी
00:59:54चलो उठाओ देरा
00:59:56हुई, हाथ भुजा दो, कोई सबूत नहीं रहना चाहिए
01:00:01कि अच्छाए
01:00:05कि अच्छाए
01:00:07कि अच्छाए
01:00:11कि अच्छाए
01:00:13कि अच्छाए
01:00:29कि अच्छाए
01:00:34राव राव जी डोली बेज भी दी वो जाना बहुत दूर था ना रास्ते में जंगल भी पड़ते हैं बड़े बज़र्ग कहते डोली जल्दी विता करूँ मैं तो महराज की स्वारी चोड़ने गया था जितों को मिल भी नी पाया उसके साथ कौन गया है वो चीची और बचन
01:01:04यहीं दम तोर दो अगर जरा भी चूटका हूँ लड़कर चीते केले का द्रवासा खोलने का अपना ही मसा है
01:01:20हो जानूरा इस तोली पर ते रही हग बंता है
01:01:34अरे जान बच्चे जवाली के मजेले इसी मैफिल में बैढ़ कर हीरसओं अभी तेरी मिर्जा बने की उर नहीं है
01:02:01हुआ हुआ हुआ है
01:02:31बेशक नजर नहीं आया होगा पर तेरा जोश देखकर नुरा हैरान हुआ है बच्चे
01:02:42चाल तुझे एक और मागा दिया बाग जा
01:03:01बागा परको नहीं आया है
01:03:13कर दोले है लोग्से अल्या आप्छां पर अबादी कर दोले है
01:03:19यह बादी कर दोले है
01:03:24कर दोले है
01:03:28जग जग जीती, कोई याद नहीं रखता, पर कोई जीता, सब याद रखते हैं.
01:03:56जीची, अब भी जीची, अब तो नूरा नूरा होनी चाहिए.
01:04:26तीर ही चलाने आते हैं, याद बाजू में भी दम है, सरदारा.
01:04:34यगीन मान, तो कुछ समय बाद अपने आप कहेगा, कि अगर तीन इसे मर जाता तो अच्छा था.
01:04:42मेरी गर्दन में, बहुत अकड़ है.
01:04:58खाल साद में की अकड़ निकालने की सेवा, मुफ्त करता है.
01:05:16लगता है तो इतिहास से वाकिप नहीं, बहन बेटी की चुनरी उतारने वाले की सिंग गर्दन उतार देते हैं.
01:05:28करि mi घतिहास सेयार मेंग है.
01:05:37सेरी की औररते हैं.
01:05:44कि अर्द है.
01:05:48करिया है बंदें वा показывाफ पर्कार है.
01:05:51वाने लोड़ेज।
01:06:00लोड़ेज।
01:06:04आरी
01:06:11लोड़ेज।
01:06:21चिची, मेरेवाच त्थीक है न्हातू?
01:06:24त्थीक और दादा答ा जी
01:06:30सिंगो ... इसे
01:06:32और झारे जख्मी सिंगो को बाट जी के पांज हे पुचे के पुचे
01:06:36चिची
01:06:38ठीक है प्ये
01:06:41कौन थे वो?
01:06:43पबाची
01:06:51मारकाने
01:07:21अकाल सिंग इसका दर्याग बार कर जाना जंग को न्योता देने वाली बात है
01:07:43पर बाबा जी आपने खुदी सिखाया है कि खाल सा पीट पर वार नहीं करता
01:07:49हुआ हुआ हुआ है

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