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वक्फ कानून पर SC में कहां फंसा पेंच? देखें इसके अनसुलझे सवालों पर 'श्‍वेतपत्र'

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00:00क्या ये समाज और कानून में सुधार की कोशिश है या फिर एक धर्म विशेश से छेड़ छाड़ का प्रयास वक्फ संशोधन के बाद से यही बड़ा सवाल देश को मत रहा है और अब तो देश की सर्वोचा दालत भी इसका जवाब तलाशनी की कोशिश में है नमस्कार मैं
00:30ये अंतरिम विराम ही हो क्या सुप्रीम कोर्ड देश के संसथ से पारित एक कानून पर रोक लगा सकता है और अगर ऐसा नहीं होता है तो क्या ये विरोध करने वालों को स्विकार होगा वक्फ कानून के पेचीदा पहलूँओं पर पेश है श्वित्पत
00:45वक्फ बोड अगर धार्मिक संस्था नहीं है फिर आरोक धर्म से छेड़ चार देए
01:02आप मुसलिम वक्फ बोड में जो प्योरली रिलियस इंस्टूशन है यहां पर आप गयर मुसलिम को मेंबर नहीं मना सकते
01:12अगर सुधार का प्रयास है तो इतने बड़े पह्माने पड़ कानून का विरोध क्यों यह जो विल पासूशन कैनल गलत है कंगेर कानून इंस व्रिन
01:27क्योंकि हमारे ग्र�भयात हो हमारी दर्गाह हूं हमारे तो हमारी मुसलिम वक्फ के अंधर जो
01:34प्रॉपर्टीज आप लिए उनके अग्यान्स किया है यह पूरा रिजिट कर दे और हम पहले जैसे रह रहे थे जैसा हमारा प्रॉपार्टी था वसा हम लोगों के ही रहने दीजिए
01:49क्या यह धर्म के नाम पर एक समुदाय को बर्गलाने भड़काने की कोशिश है
01:56और अगर यह केवल कानूनी सुधार का इमानदार प्रयास है तो हिंदू पक्ष की घूमिका क्या
02:21देखें यह अगर हम इसको एक लिगालिटी में देखें तो एक तरीके से की जो एक्ट है उसको सर्वोच नियाले ने मंजूर कर लिया है
02:29तो सर्वोच नियाले ने आज जो अपना एक हफते के लिए जो एंतरिम रोक लगाई है वो इस चीज़ पर रोक लगाई है कि कोई भी वक्ष की प्रापर्टी जो नोटिफाइड है
02:39रजिस्टरड है और गैजटेड है उनको डी नोटिफिकेशन उनका नहीं होगा
02:45तो यहाँ पर हमें यह समझना होगा कि जो वक्ष बाई यूजर में जो ओरल वक्ष था
02:50वक्ष बाई एक ओरल स्टेटमेंट था उन सभी जो एक अधिकार थे या फिर एक जो मालिकाना हक था
03:00तो आज सर्वोच नियाले ने उस चीज़ को निरस्त कर दिया है जो की अमेंडमेंट में उसे हटा दिया गया था
03:07सबसे पेचीदा मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में सबसे बड़ी सुनवाई और जवाब देने के लिए सरकार को साथ दिन का वक्ष दिया गया
03:21इस बीच सरकार को सुप्रीम कोर्ट के तीन निर्देश मानने होंगे
03:29वक्ष बोर्ड पर केंद्र के जवाब तक वक्ष संपत्ती की स्थिती नहीं बदलेगी
03:40कोर्ट से वक्ष भोशिद संपत्ती डी नोटिफाई नहीं होगी चाहे वो वक्ष बाई यूजर हो या वक्ष बाई डीन
03:46वक्त बोर्ड और केंद्रिय वक्त परिशद में कोई नई नियुक्ती नहीं होगी
04:16भारत सरकार को अपना जबाब और उनको जो भी डॉक्त देने होंगे
04:21और उसके बाद उनको रिजुएंडर का जो पेटिशन से उनको मौका दिया गया है
04:25साथ ही साथ जो एस्टेट गॉर्मेंट्स हैं वो भी अपना रिस्पोंस देंगे
04:29सुप्रीम कोट ने दो बड़ी रहाते दी है
04:31एक रहात तो यह है कि कोई भी वर्फ डिकलेर्ड, नोटिफाइड, रजिस्टर्ड या वर्फ बाई यूजर
04:36वो उसमें कोई इंटरफेरेंसी कानून नहीं करेगा
04:39उन वर्फ पे कोई इस कानून का एफेक्ट नहीं होगा
04:41दूसरी रिलीफ उन्होंने ये दिये कि जो सेंटल वर्फ काउंसल और स्टेट वर्फ बोर्ट्स के अपॉइन्मेंट्स है
04:45उसमें कोई मदाखला तभी नहीं होगा एक तरह से पॉइन्मेंट्ट फ्रीज हो गाएं तिल दे नेक्स टेट
04:49मुसल्मान परेशान हैं कि ये उनके धार्मिक अधिकारों में दखल अंदाजी है
05:07सरकार का कहना है कि वक्फ के नाम पर बड़ा भष्टा चार हो रहा है इसलिए बदलाब चाहिए
05:12ऐसे में श्वेत पत्र में हम आसान भाशा में आपको विवाद और तत्थ समझाएं
05:17वक्फ पाई यूजर होता क्या है क्या वक्फ बोर्ड में गएर मुसलिम सदस्य होने चाहिए
05:26वक्फ बोर्ड में महलाओं को लेकर क्या तत्थ्य है और पोर्ड के रुख से ये मामला किस ओर जाता दिख रहा है
05:33वक्फ में मुख्य रूप से तीन पार्टियां होती है
05:38पहला वक्फ करने वाला यानी वाकिफ
05:42दूसरा जिसको इस वक्फ से फाइदा मिले यानी मौकूफ अले
05:47जैसे कोई मस्जिद या कब्रस्तान या यतीम खाना
05:50और तीसरा मुतावल्ली यानी वक्फ की प्रॉपर्टी का केर टेकर
05:56लेकिन कोई भी संपत्ती दान कैसे की जाती है
05:59पहले उसका तरीका क्या था और अब उसका तरीका क्या है
06:03वैसे तो वक्फ करने का कोई तैशुदा तरीका नहीं बताया गया है
06:07लेकिन कुछ खास बातें अगर पूरी हो जाएं तो संपत्ती वक्त मानली जाती है
06:13जिन्दा रहते हुए संपत्ती वक्त की जा सकती है
06:17मौत के करीब हो शक्स तो संपत्ती वक्त कर सकता है
06:21लेकिन इस हाल में सिर्फ एक तिहाई संपत्ती वक्त की जाती है
06:25वसीयत के जरिये भी संपत्ती वक्त की जा सकती है
06:29मुख्य तोर पर यही कारण है मुसल्मानों के मन में डर का
06:39डर ये की कानून के तहट उनकी मस्जदें उनके कबरस्तान उनसे चीन लिये जाएं
06:44ना मसजित की जमीन जाएगी ना इदगा की ना कफिस्तान की ना खांका की ना मजार की
06:53कहीं भी एक इंज जमीन जाने वाली नहीं हैं।
06:55लेकिन जो लोग कबज़ा किये बएठے, जो लोग की जादात को लूटे बयपए है ん
07:02उनको डर लग रहा है इसलिए वो आम मुसलमानों को उक्सार हैं।
07:06साफ कर देना चाहता हूँ कि इस बिल से ना ही कोई मंदरसा जाना है,
07:10ना कोई मस्जिश जानी है, ना कोई कब्रिश्टान जाना है।
07:12ये केवल गरीबों के कल्यान के लिए, महलाओं के सम्मान के लिए,
07:16और सबका साथ, सबका विकास, सबके उश्वास की नीती के साथ और साफ नियत के साथ भी लाग गया है।
07:21कुसलिम पक्ष की तरफ से अब इशेक मनू सिंग्वी ने कोट में दलील दी कि देश भर में 8 लाख वक्फ संपत्तियां हैं,
07:28जिन में से आधी यानि 4 लाख से अधिक प्रॉपर्टी वक्फ बाई यूजर के तौर पर रिजिस्टर है।
07:34दरसल जो संपत्तियां बगएर किसी कागजी कारवाई के सालूं से वक्फ मानी जा रही हैं,
07:43यानि जिनका कोई लिखित रिकॉर्ड नहीं है, वो वक्फ बाई यूजर मानी जाती है।
07:48ये प्रथा ब्रिटिश काल से भी पहले की मानी जाती है।
07:51दूसले बख्ष की तरफ से दलील दी जा रही है कि इसे कई भारत्य अदालतों ने भी समय समय पर मान्यता दी।
08:21हमें उमीद है कि इसमें हमें राहत मिलेगी।
08:24लेकिन वक्फ संशोधन अधिनियम में सरकार ने वक्फ बाई यूजर संपत्यों को सीमत कर दिया।
08:29अब यदि संपत्ती सरकारी जमीन है या विवादित है या उसे विवादित कह दिया जाता है तो उसे वक्फ बाई यूजर नहीं माना जाएगा
08:38मुसल्मानों का मानना है कि इससे हजारों संपत्यां खत्रे में आ जाएंगी
08:43क्योंकि हर पुरानी संपत्य का दस्तावेज नहीं मिल पाएगा
08:46फिलहाल 17 अप्रेल को सुनवाई के बाद कोट ने कहा है कि कोट से वक्ष घोशिद संपत्य
08:53फिलहाल दी नोटिफाई नहीं होगी वो चाहे वक्ष बाई यूजर हो या वक्ष बाई डीड
08:58अब बारी है श्वेत पत्र के प्रशन पत्र की जहाँ पर हम सीधे सवाल पूछते हैं
09:09उसके सटीक जवाब आते हैं एक तरीके से हमारा रापिट फायर राउंड है जिसमें सटीक जवाब छोटे जवाब आपके लिए हम लेकर आएंगे असगर खान जी जो की आड़ोकेट है सुप्रीम कोट में एक एक करके मैं सवाल वक्ष बाई यूजर को आसान भाशा में क
09:39तो अगर नए संचोधन में इसमें बदलाव है तो इसमें एतराज क्या है बहुत सारी समस्या है अब कुछ तो इनकी अपने जो सवाल है वो खुद में सेल्फ कंट्रडिक्रिक्री है जैसे दो नौन मुसलिम के इनोंने इंड़े की बात कही है और दूसरी तरफ कहने कि सब
10:09कर रहे हैं वक्फ करने के लिए तो फिर आप उसमें इंड़क्ट भी क्यूं कर रहे हैं अदरवाइस भी वो क्या करेंगे उसमें वो शरीयत के खानून से इतना वाकिफ नहीं है अगर है भी तो उनसे ज्यादा वो लोग है जो उसमें 20-22 दूसरे लोग बैटे शरीत असे �
10:39अब है पिर किया नहींँ सकते हैं अब अफ़ाइस जालों से हम आजादी हैं वर यह वाजब वजह नहीं है कि अगर एक गैर गैर मुसलिम का वख का मामला अता है तो वह भी इसी बोर्ड के पास जाता है तो क्यों गैर नहीं है रखा जाए और पॉक्त है यह ढूंग रहे ह
11:09वक्फ में ऐसा क्यों करें दूसरे वक्फ में कुछ जरूरत भी नहीं है उसकी वो बोजा बताईगे ना कि जिससे कि आप यह कहें कि सब नहीं इनकी खास जरूरत है उस वक्फ पॉपर्टी का तालुक मुस्लिम से है
11:20भी मुसलिम की अच्छा उस चीज पर धेहन नहीं देखे कि जिससे उस उसका थालुक है उसका तालुक तरी दॉकेशन से है उनकी मदब से ऊस चीज पर बात करें उस पर बात करते है अप दूसरें के इंड़त करें कि आपको लगता है वाक्फ में करॉप्शन है तो यह कुछ
11:50चाहिए को चाहिए हम कहते हैं सिफारिश करते हैं कि अगर कही ऐसी कोई करफशन नजर आता है करफशन तो अगर देखिए मैं कहा हूं तो कहने में अच्छा नहीं लगता आपके चैनल को बोल रहे हैं मुझे वो जगा बताई जहां जहां बिल्कुल नहीं है लेकिन ये कि सब
12:20मर्त के लिए अलग अलग दर्जा दिया गया है ये शरीयत के कानून को मदे नजर रखते हुए चुकि जैसे मैं एक छोटी से मिसाल दूं कि अगर कहीं गवाई देना है तो मर्द एक हो उसकी जगा अगर औरतों को देनी है तो दो औरतों की गवाई पहाँ चलेए तो इसक
12:50मुसल्मानों के लिए शरीयत या सम्विधान क्या पहले मैं तो यह कहता हूं कि हमारी दो आखे हैं हम किशी को भी नजर अंदास नहीं कर सकते हैं अगर आप मेरी दाई आख फोड़ देंगे तो भी मैं बद्नुमा और रुकाना हो जाओं और बाई आख को तबी हमारी दू
13:20कि अगर उसके कोई खास जरूवत तो पहले सामने नजर आए ना कि उसका बदा या तो यह कहां कि साब महिलाओं को बिल्कुल अवाइड किया गया वांगोड ने इससे पहले तीन सो सालों में बलकि उनके साथ बदसुलूगी की गई उनके हागों को मारा गया अगर यह वा
13:50कि मुझे तो कोई चीज जरूवत के लहाज से नजर नहीं कोई ऐसा नजर नहीं जिसको कि मैं यह कहूं कि नहीं इसकी बहुत सख जरूवती शायद कोई बहुत टैलेंटेट बहुत क्वालिफाइड महिला भी होगी जिल वक्षबूर्ण में अपनी जगे बना सकती है नही
14:20जालेंट मर्दों में मिल जाता है तो इसको इसको इस्तेमाल करें चुकि उसमें और भी बहुत सरी अर्चन आने का अदेशा है कि उनके फिर बुर्खा परदा बहुत सरी चीजे अदालत में उमीद जगी है अदालत में अपने कानूनी चीजों को मद्द नजर रखते हु�
14:50इसको देखना चाहिए बहुत सरी चीजों कि मैंने कहीं देखा था या पड़ा था मुझे देहान नहीं आ रहा है कि 67% लेंड दिली की भी वक्त लेंड जिसे बहुत सारे बड़े बड़े होटल बनी है और बहुत सारी चीजे बनी तो इन चीजों में बलकि गवर्मेंट को
15:20हमारा मकसद दरसल श्वेत पत्र के प्रशन पत्र के जरीए यही है न की कॉंटरिक्ट या फिर इत्तफाक रखें किसी बात से बलकि उनकी बात सीधे आप तक पहुंचाएं और फैसला आप करिये
15:30मुस्लिम पक्ष की बात आपने सुनी थोड़ी देर में हम दूसरे पक्ष की भी बात सुनेंगे और सुप्रीम कोर्ट में वकील विश्नु शंकर जैन से बात करेंगे इस पर
15:42पर पूरा मसला दरसल एक बात पर आकर रुक जाता है कि वक्ष बोर्ड धार्मिक है या वैधानिक यानि स्टेचूटरी और लीगल क्योंकि वक्ष बोर्ड में गयर मुसल्मानों की नियुक्ति वाला संशोधन दरसल मजहब में दखल अंदाजी के तौर पर देखा जा रह
16:12मुसल्माज की बेटिया ये बेहने आए तो अच्छी बात है आप अगर देखेंगी तो उसमें जो इंपॉर्टन्ट लोग जो हैं एकैडमिशन हैं क्वालिफाइड लोग हैं मरजवन के एक्सपर्ट हैं उसमें आने में क्या दिक्कत है
16:24सम्विधान की धारा 26 क्या कहती है अलग अलग धर्म के लोगों को अपनी धार्मिक माननिताओं के हिसाब से धार्मिक संपत्तियों के प्रबंधन और पूजा अर्चना उपासना अबादत प्रेयर करने की आजादी होगी तो वाधिकार आप कैसे चिन सकते हैं
16:39वक्ष बोर्ड में गैर मुसल्मानों को शामिल किये जाने का मामला सुप्रीम कोट में सुनवाई के दौरान चाया रहा
16:55सुप्रीम कोट के जजों ने गैर मुसलिमों को वक्ष प्रशासन में अनुमती देने के पीछे के तर्ग पर सवाल उठाया और पूछा कि क्या हिंदू ट्रस्टों में मुसल्मानों को शामिल किया जा सकता है
17:06अदालत में मुसलिम पक्षकारों की ओर से बहस कर रहे वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा
17:17कि केंद्रिय वक्ष परिशद में गैर मुसलिम सदस्यों को शामिल करना बोड के धार्मिक चरित्र को कमजोर करता है
17:25जो और लोग होते हैं उनके लिए प्रावधान अक्सर यही होता है कि वो उसी धर्म के हो
17:33वक्ष तो वो मुसलिम धर्म से ही संबन दित हो
17:37तो ऐसा प्रयास हो रहा दिख रहा था कि जो अभी जो शंशोदन हुए हैं उसमें इसको समाप्त किया गया है
17:47कि और लोगों को भी डाला गया है और किसी और धर्म से संबन्दित लोग भी डाले गया है तो उस पर बहस यह हो रही थी
17:54कि जैसे गुर्द्वारों से संबंदित जो भी वो हैं प्रावधान है या किसी मंदिर का कोई संस्था है
18:04उनमें आप दूसरे धर्म के लोगों को नहीं रखते हैं तो यहां क्यों रख रहे हैं
18:09वहीं वक्फ पर बनी जे पीसी के चेयर्मैन जगदंबे का पाल का कहना है
18:24वक्फ को धार्मिक नहीं बलकि कानूनी संस्था माना है तो इस बार क्यों नहीं
18:29वक्फ बोड एक स्टैचुरी बॉड़ी है एक यूनियान आफ इंडिया वरसेज राजस्तान वाकिप मुस्लिम बोड का केस था उसमें फैसला हुआ है
18:42फिरीम कोड है स्टैटेट के बात कर आए बहुत है वरक बोड इजै इस स्टैचुरी बॉड़ी इस नोट आ एंडियास बॉड़ी
18:56work board is constituted under work act
19:00it may deal religious work property
19:04but it is not an intuitive body
19:06तुक्रे एक ब्रेक के लिए
19:08ब्रेक के बाद आपको दिखाएंगे
19:10कौन होता है एक practicing Muslim
19:13क्या ये तै किया जा सकता है
19:15कि कोई कितले सालों से
19:17और किस तरीके से Islam का पालन कर रहा है
19:19और ये संशोधन लाने के पीछे
19:21सोच क्या रहे है देखते रहे है
19:23श्वेत्पत गेर मुसल्मानों को
19:26work board में क्यों होना चाहिए
19:27नहीं होने चाहिए
19:29मैं आपके सामने बात admit कर रहा हूँ
19:31कोड में भी ये बात कहूँगा
19:32कि non muslims work board work council में नहीं होने चाहिए
19:35सबसे बड़ा मुद्दा जिस पर
19:38नए कानून को लेकर मुसल्मानों में एतराज है
19:41वो है वक्फ बाई यूजर
19:44अदालत में भी इस मुद्दे पर बहस हुई
19:46लेकिन ये वक्फ बाई यूजर होता क्या है
19:49आईए हम आपको समझाते हैं
19:52मिसाल के तौर पर कोई ऐसी संपत्ती
19:54जिस पर 50 साल से या 100 सालों से कोई मस्जिद बनी हो
19:58लोग वहाँ नमाज पढ़ते चले आ रहे हो
20:00या फिर किसी कब्रिस्तान की जमीन
20:03जिसे पीडियों पीडियों से दफनाने के लिए इस्तिमाल किया जा रहा हो
20:06निकिन इन जमीनों का कोई लिखित दस्तावेज नहीं हो
20:11यानि वो इन कामों के लिए यूज हो रहे हैं
20:14यानि इस्तिमाल हो रहे हैं
20:16इसी लिए वक्फ माने जा रहे हैं
20:17ऐसी संपत्ती वक्फ बाई यूजर कहलाती है
20:21सीधे समझे तो लगातार इस्तिमाल यानी यूज होने के कारण वक्फ ये है वक्फ बाई यूजर
20:29कुछ संपत्यां वक्फ नामे या वक्फ डीड के जरिये वक्फ की जाती
20:48ये वक्फ डीड एक कानूनी डिकलरेशन होता है जिससे वाकिफ की मन्शा जाहिर होती
20:53एक वक्फ नामे या वक्फ डीड में वाकिफ की जानकारी प्रॉपर्टी की लोकेशन उसकी पूरी कानूनी जानकारी होती है
21:04संपत्ती किस लिए वक्फ की जा रही है इसकी जानकारी होती है
21:09अगर एक वक्फ नामे के जरिये संपत्ती वक्फ की जा रही है और वो संपत्ती एक सौ रुपए से उपर है तो उसको Registration Act 1908 के सेक्शन 17.1 बी के तहट संपत्ती रजिस्टर कराना अनिवार्य है
21:21जबकि नए कानून में वक्फ को डोनेट की गई हर जमीन का ओनलाइन डेटाबेस तैयार करना होगा
21:34जिससे प्रॉपर्टी के बारे में कोई भी जानकारी छिपाई नहीं जा सकेगी
21:37इस डेटाबेस में जमीन को किस व्यक्ति ने डोनेट किया उसके पास जमीन कहां से आई वक्फ बोर्ड को उससे कितनी इंकम होती है
21:47और उस प्रॉपर्टी की देख रेक करने वाले मुतावल्ली को कितनी तनख्वाह मिलती है जैसी जानकारियां देनी होंगी
21:54और श्वेत पत्र का आगला प्रशन पत्र हम रखने वाले हैं अब विश्नु शंकर जैन के सामने हिंदू पक्ष को क्यों दिल्चस्पी है वक्फ में बदलाव में
22:06यह सबसे बड़ी दिल्चसपी इसलिए है क्योंकि वफ एक्ट 1995 हिंदू समाज के उपर लागू होता है यह सबसे बड़ा मुद्दा है और यह बात मैं बिना रिसर्च के नहीं कह रहा हूं सुप्रीम कोर्ट का जज्जमेंट है 2022 का राशिद वली बेक का जिसमें सेक्शन 6
22:36के बाद भी एक्जिस्ट करती है तो जो वफ एक्ट है वो जब नॉन मुस्लिम पर लागू हो रहा है तो हमें दिल्चस्पी इसलिए है कि सबसे पहली बात हमारा यह कहना है और अगर आप देख ले तो शिया और सुनी के इंटरसी मैनेजमेंट बना था हिंदू किसी भी औ
23:061995 यह अमेंडमेंट आना चाहिए कि यह नॉन मुस्लिम पर लागू नहीं होता है जैसे सेक्शन 3E आया कि शेडूल ट्राइब के यह एक लागू नहीं होगा उसी तरह से नॉन मुस्लिम पर लागू नहीं होगा यह हमारा सबसे पहला बोन अफ कंटेंशन है गेर मुसल्मान
23:36होगा और नॉन मुस्लिम पर लागू होगा यह कैसे हो सकता है या तो आप यह कहिए कि वर्फ एक 1995 कर दीजे कि नॉन मुस्लिम पर लागू नहीं होता है नो प्रॉबलम आज मैं आपसे आपके माधने में सवाल पूछना चाहता हूं कोई भी मुझे हिंदू एंडॉमेंट
24:06में पर में आपकी बासे सहमत हूं दो नॉन मुस्लिम मेंबर नहीं होने चाहिए और वो नॉन मुस्लिम पर लागू भी नहीं होना चीज़ वक्फ बाइयूजर मैं बदलाव की जरूरत क्यू है लिगे वफ बाइयूजर सबसे ड्रेकोनियन और वेक कंसेप्ट है वब बा�
24:36और उसके बाद अपनी ही संपत्ति यह मैं नहीं कह रहा हूं मुल्ला का मुहम्द लॉय बेली का मुहम्द लॉय अपनी ही अर्जित की हुई संपत्ति आप वफ कर सकते हैं पर अगर आपके पास कोई डॉकुमेंट नहीं है तो एक नया कंसेप्ट इंटेड्यूस किया गया
25:06जहां जहां जहां डॉक्मेंट नहीं है वह बाद यूजर किसी ने सुना है मौस्क बाद यूजर गुरुद्वारा यूजर सुना है अगर किसी और समाज के लिए यह जहां तो क्या यह आर्टिकल 14 21 301 अउलंगन नहीं उतने पुराने दस्तावेज लाइंगे कहां से
25:30मैं क्या रहा हूं पहली बात इसलामिक लोग है कि आपको एक चोटे चोटे चोटे चोटे चोटे चोटे चाहिए आपको दर्च करना है वक्फ दीट चाहिए और अगर आगर आप प्रेजिंट अमेंटमेंट अगर देखेंगे सेक्शन 36 तो उसमें यह लिखा है कि आज के �
26:00क्या पूछना जाता हूं यह किसी और समाझ के लिए किसी और वर के लिए है क्या सर्कारी दखलनाजी नहीं बढ़ जाएगी एक कोई सर्कारी दखलनाजी नहीं हो रही है पहली बात इसको पुरे एट की सिक्म को समझना पड़ेगा मैं आपके मादेम से पूछना चाहता ह�
26:30मैनेजर कौन होता है मुत्वल्ली मैनेज करेगा संपत्ती को और अभी वह वक्ष क्रियेट करने वाला ही कर रहा है कि सरकारी हस्तक्षेप बढ़ जाएगा यह कोई हस्तक्षेप की बात नहीं है आप मुझे बताइए
26:51सरकार का हस्तक्षेप हो रहा है सिर्फ वर सिर्फ इसके प्रॉपर मैनेजमेंट के लिए सब मुस्लिम समाज से वह व्यक्ति रखे जा रहे हैं जिसमें सुप्रीम कोड के रिटायर्ट जज्ज एड्रोकेट और नेशल इंपॉर्टेंस मेंबर ऑपार्लेमेंट मुस्लिम समा�
27:21सब्सक्राइब काफी चीजें क्लैरिफाइब हुई हैं और सबसे महत्पूर्ण बात यह है कि जो वर्फ में ड्रेकोनियन प्रोविजन थे जो इस अमेंडमेंट में ने खतम किये हैं उसको सुप्रीम कोड ने भी कहा कि इसमें बहुत सारी अच्छी बाते हैं फॉर एक्ज
27:51गद्सक्राइब के इसमिफेल कोड़ीवक ठाथ ने कोई कर चाए हैं चृट कोइस में पीर कोड़ था खार क मुझाळा कश्रूंक में बाते हैं टो सहां ने के लिए झाल ट्रूनियन के तर दिए बाते हान के इसमें बर्चां तो काफिए आगे इसमें बड़े हैं चुक्र
28:21ने कानून में एक और क्लॉज है जिस पर काफी विवाद है वो है प्राक्टिसिंग मुस्लिम का यानि सिर्फ वो ही शक्स संपत्ती वक्फ कर सकता है जो कम से कम 5 साल से इसलाम धर्म का पालन कर रहा हो अब इसके पीछे की सोच ये है कि दबाव में किसी से उसकी संपत्ती ची
28:51सरकार की दलील है कि हाल ही में धर्मांतरित मुसल्मान संपत्ती वक्फ नहीं कर सकते हैं वो शक्स जो कम से कम 5 साल से मुसल्मान है वही वक्फ कर सकता है इस पर मुसल्मानों की आपत्ती भी है
29:07स्ट्रांग वर्ड जीत इतना जल्दी बोलना गलत होगा इगल बैटल तो चलेगी ना पांच माई को फिर है तो हमारा हमारा जो आल इंडिया मुसल्म परसला बोर्ड का स्टेट्मेंट आएगा और मेरी राही है कि हमारा प्रोटेस चलता रहेगा हम यही चाहेंगे कि इस �
29:37कैसी चीज है जो जमाने से चली आ रही है कई कई सो साल हो गए है वकभा यूजर इस्तमाल करते हुए वकफ पे तो इसमें पूरी दरह से हमें उमीद है कि इसमें हमें राहत मिलेगी और दूसरा जो नोन मुसलिम बोर्ड के अंदर आया है और जो इलेक्टिट प्रोसेस है �
30:07को इसमें यकीन है कि सुपरिंग कोट से हमें इसमें इनसाफ मिलेगा
30:10वकफ संशोधन कानून 2025 में ये कहा गया है कि वकफ केवल वो लोग कर सकते हैं जो कम से कम 5 साल से प्रैक्टिसिंग मुसल्मान हो
30:222013 से पहले प्रैक्टिसिंग मुसलिम वाला कोई भी क्लॉज नहीं था इसको 2025 के संशोधन के जरिये जोडा गया है
30:30वकफ का 2013 का एमेंडमेंट न किया हुता तो ये बिल लाने की सायथ जरूरत न पड़ती
30:3814 में चुनावाने वाला था 13 में रातो रात तुरुष्टी करन करने के लिए वकफ कानून को एक्स्ट्रीम बना दिया गया
30:51परिभाशा के अनुसार एक प्रैक्टिसिंग मुसलिम वो होता है जो इसलाम के सिध्धानतों का पालन करता है
30:57इसलाम में पांच बातें फर्ज कही गई है या मुसल्मानों के लिए जरूरी बताई गई है जो उन्हें करनी ही एक इश्वर पर यकीन, नमाज, रोजा, जकात और हज
31:10लेकिन विरोध करते हुए सवाल ये उठाय जा रहे हैं कि ये आखिर कैसे तै होगा
31:14वक्फ का विवादों से पुराना नाता है
31:20सबसे पहले 19-वी शताबदी के अंत में भारत में वक्फ को समाप्त करने की मांग उठी थी
31:25तब एक वक्फ संपत्ती को लेकर हुआ विवाद ब्रिटिश शासन के दौरान लंदन के प्रिवी काउंसल तक पहुँच गया था
31:32इस मामले की सुनवाई करने वाले चार ब्रिटिश न्यायाधीशों ने वक्फ को एक हानिकारक स्थाई व्यवस्ता बताया और इसे अवैद घोशित कर दिया
31:42हालकि चार न्यायाधीशों का निर्णे भारत में स्विकार नहीं किया गया
31:46इसके विपरीद मुसल्मान वक्फ वैदता अधिनियम 1913 ने भारत में वक्फ की संस्था को समवैधानिक मानिता प्रदान कर दी तब से अब तक वक्फ को नियंत्रित या सीमित करने का कोई प्रयास नहीं किया गया था
32:01कुरान की सूर बक्रा आयत नमबर 282 में कहा गया है एए इमान वालो जब तुम किसी निश्चित अबधी के लिए कोई कर्ज लो या कोई लेंदेन करो तो उसे लिख लो लिखने वाले को चाहिए कि वो पक्षों के बीच नयाए बनाए रखे
32:19पहराल लाखों ऐसी संपतियां हैं जिनके बारे में कोई लिखित दस्तावेज नहीं है और यही जन्म देता है विवादों को
32:34वक्ष पर होने वाली तमाम बहस के बीच कुछ हिंदू याचिका करताओं ने भी सुप्रीम कोट में अरजियां डाली है कि पुराने वक्ष कानून के जरिये हिंदू संपतियों को भी वक्ष घोशित कर दिया गया है याचिका करताओं ने सर्वोच अदालत से मामला संज्
33:042024 में वक्ष बोड ने केरल में इसाई संगठनों की जमीन के वक्ष की संपत्ति होने का दावा किया
33:12सितंबर 2024 में ही दिल्ली अल्प संख्यक आयोग की 2019 के रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि दिल्ली वक्ष बोड ने दिल्ली के छे प्रमुख मंदिरों पर अधिकार जताया
33:24अगस्त 2024 में पटना में सुन्नी वक्ष बोड ने गोविंदपुर गांव की जमीन पर दावा किया और वहां के निवासियों को 30 दिनों के भीतर जगह खाली करने का नोटिस भेजा
33:36अप्रेल 2024 में तेलंगाना उच्च न्यायाले ने हैदराबाद के मैरियट होटल पर तेलंगाना राज्य वक्ष बोड के स्वामित्व के दावे को खारिज कर दिया
33:48जन्वरी 2024 में वक्ष बोड ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर हल्दवानी के बनगूलपुरा इलाके की जमीन पर स्वामित्व का दावा किया
33:59जिसे पहले उत्तरा खंड उच्च न्यायाले ने रेलवे की संपत्ति घोशित किया था
34:04वक्ष कानून 2025 के विरुद्ध कोर्ट में याचिकाएं गई तो जाती ही रही इन 70 में से कोर्ट केवल 5 याचिकाओं पर अब सुनवाई करना चाहता है
34:18बहराल सभी बदलाव पर तकरार नहीं है
34:21हम आपको दिखाते हैं कि वक्ष कानून 2025 के साथ अब क्या-क्या बदलने वाला है
34:27वक्ष अधिनियम 1925 को संशोधित करके केंद्र सरकार वक्ष अधिनियम 2025 लेकर आ गई
34:36इसके अलग-अलग कई पहलूँ में बदलाव किये गई
34:39जैसे 1925 के अधिनियम के अनुसार वक्ष का गठन, घोशना, अपयोग करता या या यूजर या फिर बंदोबस्ती के जरिये होता था
34:49लेकिन वक्ष अधिनियम 2025 में वक्ष बाई यूजर को हटा दिया गया है
34:55सिर्फ घोशना या बंदोबस्ती की अनुमती है
34:58वाकिफ को पांच वर्षों का प्रैक्टिसिंग मुसल्मान होना चाहिए
35:02कोई भी व्यक्ती पत्नी के हिस्से की संपत्ती वक्ष नहीं कर सकता है
35:061995 के अधिनियम में सरकारी संपत्ती को लेकर कोई सपष्ट प्रावधान नहीं था
35:122025 में वक्ष के रूप में पहचानी गई सरकारी संपत्तियां वक्ष नहीं रह जाती है
35:181995 अधिनियम के अनुसार किसी संपत्ती के वक्ष निर्धारन का अधिकार वक्ष बोर्ड के पास था
35:262025 में ये प्रावधान हटा दिया गया
35:291995 अधिनियम में वक्फ संपत्यों का सर्वेक्षन, सर्वे कमिशनर और एडिशनल कमिशनर करते थे
35:372025 में जिला कलेक्टरों को ये अधिकार मिला है
35:411995 अधिनियम के मुताबिक केंद्रिय वक्फ परिशद में सभी सदस्यों को मुस्लिम होना चाहिए
35:472025 के कानून के अनुसार इसमें दो महिलाएं शामिल है, दो गैर मुसलिम शामिल है
35:54सांसदों, पूर्व नियायाधीशों का मुसलिम होना जरूरी नहीं है
35:58मुस्लिम संगठनों के प्रतिनिधी इसलामी कानून के विद्वान वक्फ बोर्डों के अध्यक्ष का मुस्लिम होना जरूरी है
36:051925 में राज्य वक्फ बोर्ड में दो निर्वाचित मुस्लिम सांसद, विधायक, बार काउंसिल सदस्य और आर कम से कम दो महिलाएं थी
36:152025 में राज्य सरकार, दो गैर मुस्लिमों, शिया, सुन्नी, पिछडे वर्ग के मुसल्मानों, बोहरा और आगाखानी समुदाय से एक-एक सदस्य को मनुनीत करती है
36:26कम से कम दो मुस्लिम महिलाओं का होना जरूरी है
36:291995 अधिनियम के अनुसार, ट्राइबूनल का नेत्रित्व न्यायाधीश करता था
36:34जिसमें अपर जिला मजिस्ट्रेट और मुस्लिम कानून विशेशज्य शामिल थे
36:382025 कानून में मुस्लिम कानून विशेशज्य को हटाया गया है
36:43इसमें जिला न्यायालय के न्यायाधीश और राज्य सरकार से एक संयुक्त सचिव शामिल है
36:481925 अधिनियम के अनुसार शिया और सुन्नी के लिए अलग-अलग बोर्ड थे
36:542025 कानून के अनुसार में बोहरा और अगाखानी वक्फ बोर्ड को भी अनुमती दी गई
37:00इस मामले में अब 5 मई के बाद ही आगे की तस्वीर साफ होगी
37:12श्वेत पत्र में अभी के लिए इतना ही देश और दुनिया की बाकी खबरों के लिए आप देखते रहिए आज तक

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