पूरा वीडियो: एहसान फ़रामोश हूँ, प्रेम नहीं जानता, क्या करूँ? || आचार्य प्रशांत (2023)
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00:00वैसे कहते हैं बुद्ध को निर्वान मिला जंगल में दस बारा बरस भटकने के बाद उसको सिर्फ क्या कहते हैं निर्वान और उनकी मृत्तियोई तुसको क्या बोल देते हो महा निर्वान यह कोई बहुत अच्छी बात नहीं है
00:10मुक्त तो वो कबसे हो गए थे लगभग 40 की उनकी अवस्था रही हो गए 28 के आसपास उन्होंने राजतियागा थे और 40-42 इस उम्मर में वो मुक्त हो गए थे
00:19पर हमको लगता है कि अभी देह है और जब देह जाती है तभी हम मानते हैं कि अब समाधि हुई
00:24समाधि का संबंद देह के जाने से नहीं है समाधि का संबंद जो भीतर बैठा है मैं मैं करता है उसके जाने से और वो पहले ही चला गया होता है
00:32पर हमको चूकि देह हिल्ती डुल्ती दिखाई देती है तो हमको लगता है ये चीज हिल्डुल रही है तो इसके भीतर कोई अभी होगा
00:39नहीं वो देह हिल्डुल रही है उसके भीतर जो था वो तो कब का गटे गटे परा गटे स्वाहा हो चुका है उसका वो जीवन मुक्त है वो जीवन मुक्त है