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  • 2 days ago
Ishq Tum Se Hua Episode 03 (Subtitles) 16th April 2025 - Fahad Sheikh - Sukaina Khan - Hassan Ahmed | Green TV Entertainment

"Ishq Tumse Hua" is the emotional tale of a young woman whose journey through love is anything but easy. From heartbreaks and betrayal to the challenges of marriage, life tests her at every step. But she never lets the pain break her spirit. With quiet resilience, unshakable dignity, and a brave heart, she stands tall—fighting for her love, her self-respect, and her place in a world that constantly tries to pull her down.

This is not just a love story. It’s a story of strength. Of a woman who loved deeply, lost painfully, but rose beautifully.

Cast:
Fahad Shaikh
Sukaina Khan
Hassan Ahmed
Beenish Chauhan
Ellie Zaid
Aliya Ali
Rabia Naureen
Fawad Jalal
Humera Bano
Sajeeruddin Khalifa
Zeba Shahnaz
Zain Afzal
Rameez
Anaya Khan

Director: Shahid Younus
Written by : Abida Ahmed
Presented by: TNI Entertainment

#ishqtumsehua
#pakistanidrama
#greentv

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Transcript
00:00प्रिश्प दूज से हुआ हर दमा
00:05अमेदा ये तो शामेर की अमानत थी ना
00:10वो नहीं माना नमी जान
00:17ये वो गूफ लड़का है
00:22आप परिशान नहों भी जान
00:27अमा, असलाम अलेकूँ
00:30वालेकुंसलाम
00:32तो पर टाइम पर भी उट जाया करो बेटा
00:34इन तो हर वक्त नहीं पड़े सोते रहते हूं
00:36क्यों?
00:38मैंने कौन सा महले की मस्जिद में अमामत कुनी थी जो टाइम पर उट जाता
00:41वालेकूँ से जितनी चाहे बनवा लिया करो तुमसे
00:45कोई काम भी कर लिया करो लाट साब
00:47देखा है भाई हर वक्त काम करता रहता है
00:50उसको साथ दिया करो ना
00:51हाँ तो कह तो दिया है
00:54शादी के पाद जाओंगा ना दफ्तर
00:56तो कौन सा तुम्हारी बाराद दर्वाजे पर खड़ी हुई है
00:59जो मैं चार घंटे में जाके बहु बया के ले आऊँगी
01:01अरे अमा दर्वाजे पर ना सही
01:05लेकिन मेरा होने वाला सुचाल इतना भी दोर नहीं है
01:09गाड़ी से पंद्रा मेर लगते हैं मामु जान के घर तक जाने में
01:14हम्म
01:16तुम तो ऐसे दमागी तोड़ पर तैयार बैटे हो के मामु के घर जाना है
01:19सुरहिया ने बाग की थी
01:21नोमी न साफ इंकार कर दिया
01:23क्या मतलब साफ जवाब दे दिया
01:28क्यों
01:31मुझे क्या पता
01:33मर्जी अग लोगी
01:35अच्छा मर्जी है
01:37सुरहिया तो बड़े वसूख से कह रही थी कि बस रिष्टा पक्का ही समझो
01:40अब नोमी ने कैसे इंकार कर दिया
01:42हाँ
01:44साफ मना कर दिया उसने
01:45चलो अब कोई दूसरा घर देखते है
01:47कमाल है
01:50अब दो टके के लोग सेट नफीस के रिष्टे से भी इंकार करेंगे
01:53मैं तो पहले राजी नहीं थी
01:56लेकिन मैं सुरहिया की बातों में आके राजी हो गई थी
01:59के चलो एकरवादी की रिष्टा
02:01खैर
02:01कह रही है कि अभी भी करवादी की रिष्टा
02:05मुझे नहीं लग रहा कि ये दाल गलेगी
02:09अई वो तो अच्छा हुआ
02:11मैंनो उसकी माँ से बात नहीं की
02:13अगर मैं उससे बात कर लेती न
02:15तो उसकी तो गर्दन में सो फिट का सरीया आ जाता यूं हो जाती
02:19तो फिर अब
02:22अब क्या
02:24बुलाती हो मैं वो रिष्टे वाली को
02:26महनूस मिर से पहले ही पतनी
02:29कितने जोडे हार
02:30और क्या क्या लूट चुकी है वो
02:32अरे माँ जो भी करना है अब जल्दी करो
02:35एक मेने में साथ सो पचास दिन नहीं होते
02:37अब मेरी नाक का सवाल है
02:39तो तुझे किस हकीम ना मशवरा दिया था
02:42फजूल में बढ़ मारने का
02:43मेरी जान पर वसीबट डाल रखी है
02:46जो भी है माँ ये अब तुम्हारा सरदर्द है
02:48मुझे शादी करनी है
02:49तो करनी है
02:50अरे यार दोस मजाख उड़ाने लग गे है
02:53कि छोटा अब एक बच्चे का बाप बन गया है
02:55और तू अभी तक
02:56तो पेटा तुम भी खुद को पहले सुधार हो ना
02:59दुल्हन को तो यह आने दो
03:01करते रहना फिर अपनी मर्जियां
03:03पहले ही अपने भड़बोलेपन की वज़ा से
03:06लड़गें बगा चुके हो
03:23हरे अम्मी आप आने तो दें उसे घर
03:26आज ऐसी खबर लूगे कि जिन्दगी भर नहीं भूलेगी
03:30हाँ
03:31आज तो मैं ऐसा सीधा करूँगी न उसे
03:34कि याद रखेगी
03:35आ गई
03:37बाद में बात करते हैं आम से
03:39खाला की घर पढ़ने जाती हो या कौकाफ चली जाती हो
03:44चार-चार घंटे घर वापिस आने का नाम ही नहीं लेती हो
03:49पढ़ाई के बहाने से ऐसी जाती हो के खाई भी हो जाती हो
03:52घर का सारा काम मैं करूँ बच्चे को मैं संभालू
03:55भावी में पढ़ाई के लिए गई थी, वे महां गपे महने नहीं गई थी
04:01जवाब तो तुम्हें एक से बढ़कर एक सोच कर आती हो
04:04जितने जवाब आते हैं ना तुम्हें, उतनी तमीज भी सीख लो
04:08कहां जा रही हो?
04:14बर्तन कौन दोएगा?
04:15कपड़े भी तुम्हारा इंतिजार करें, बॉशिंग मशीन लगा लेना
04:19लेकिन आपने तो कहा किचिन का सारा काम कर लिया आपने
04:23हाँ, बच्चे को संभाला है, कमरे की सफाई किये, ठक गई हूँ मैं
04:29हूँ, हौद काम क्या है, ठक गई हूँ गई
04:32जरा उच्चा बोलोगी मैं भी सुनू, जिस कॉलिज में पढ़ने जाती हो न, उनसे कहो
04:39कि तुम्हे थोड़ी सी तमीज भी सिखा दें, मैं कोई आप से बहस या जबान देराजी
04:43कि तुम्हारा कहने का मतलब है कि मैं बस्तमीज हूँ, जाहिल हूँ मैं और तुम मोगलिया खांदान की शहजादी हो, भावी आप इतनी सी बात को इतना बढ़ा रहे हैं, मैंने तो आप से कुछ भी नहीं कहा, अच्छा, मैं बात को बढ़ा रही हूँ, तुम तो ठहरी अ
05:13आज लगाऊंगी मैं अदालत, जब देखो मूठा के घर से बाहर चली जाती है, क्या होगे ऐस रही है, क्यो चीख रही हो इतना, आज है, आप भी हमायत कर लें उसकी, हद हो गई है, मा बेटिया मेरे पीछे लग गई है, तुम गोरी हम अच्छे हम अच्छे, आज है आज
05:43झाल झाल
06:13अरे गुल चली गई गया?
06:22जी अपी अपी गई है.
06:26क्या बात है? तुम क्यों ते परिशान नसर आ रहे हो?
06:31इसने बात यही बताई है अमी.
06:33इसी क्या बात कहथी उसने?
06:38नुमान भाई और सुरेया भाभी उसके रिष्टे की बात कर रहे थे कल राद।
06:41यहूं अचानक?
06:43लेकिन फहमी दाबाजी ने तो मुझसे ऐसा कोई जिकर नहीं किया, वो तो यही कहती है, पहले उसकी पढ़ाई कंप्लीट होगी, फिर शादी का सोचेंगे.
06:50हाँ तो अमी, एक महिने में उसके पेपर खत्म हो जाएंगे और पढ़ाई भी.
06:54शायद इसलिए बात कर रहे हैं।
06:57क्या गुल का रिष्टा बांगे किसी ने?
07:01यह तो उसे भी नहीं पता हमी, लेकिन शायद उनकी नजर में कोई हो, वो रिष्टा.
07:07चान, जाती हूँ मैं फहमी बाजी की तरफ कल और जाके सुनगुन लेने की कोशिश करते हूँ.
07:15कल तो बहुत दूर है मिया, आपको आज ही जाना पड़ेगा, इससे बहले की रिष्टा पका हो जाए।
07:19अरे बिटा, ऐसी कोई बात नहीं है, अगर ऐसी बात होती,
07:23तो फहमी बाजी मुझसे थोड़ी चुपाती है, बलके वो मुझसे जिकर करती, मुझसे मुझसे मश्वरा लेती, तो बिला वज़े वहम कर रहे है।
07:30मैं आप समझ नहीं रहें, देर हो जाएगी और गुलका रिष्टा कहीं और पका हो जाए।
07:35भी ये, गुलका रिष्टा कहा हो रहा है।
07:39अभी तो कहीं नहीं हो रहा।
07:41लेकिन हमारे एहमर को ये वहम हो गया है कि गुलका कहीं रिष्टा हो रहा है।
07:46तो मुझे कह रहा है जाके फहमी बाजी से रिष्टे के बात करें।
07:49भी एहमर के बात भी मुनासिब है।
08:05अरे नेक बाख, तो हमीदा से जाके बात करने में हर्च क्या है, कमसकम उसके कान में ये बात डाल दो, कि तुम गुल के बारे में सोच रही हूं, ताके वो कहीं और बात ना करें, आकि बाकाइदा रिश्टा जो है, वो उसके इम्तिहान के बात तेह कर लेंगे।
08:22हाँ, वैसे, बात तो आप ठीक है, ठीक है मैं जाओंगी, परिशान नेगा, यल्दी चली जाओ, बहतर रहेगा।
08:52सही भाबी को शेय मिलती है, शेयर बन गई है वो घर में, कितना चुप रहे हैं, हर बात चुप चाप सुनते रहते हैं, जो कहती हैं इमानते रहते हैं, और कितना बरदाश करूँ मैं अम्मा, तो पिछा अगर कोई कोई में चलांग लगाएगा, तो क्या हम भी उसके पीछ
09:22जानती हूँ, इसलिए तो कह रही हूँ कि हम उसका मुकाबला नहीं कर सकते, बेटा, अब तुम देखना इस जरा सी बात पे वो कितना बड़ा तूफान खड़ा कर देगी गर में,
09:34क्या होगा, क्या होगा ज्यादा से ज्यादा, नुमान भाई को बात जाकर बता देंगे और एक के चार जाकर बताएंगे कौन सी नई बात है, अम्मा, हमेशा ऐसे ही होता है,
09:45जोड़ दें, माम माई यह सब आते हैं, मैं आपके लिए खाना लिखकर आती हूँ,
09:53नमाज पढ़ रही हूँ मेरे कमरे में ही ले आना,
09:56जोड़ देंगे हूँ, क्यों गुसा कर रही हूँ मैं,
10:06इतनी बेसे ती कि यह आपकी बहने मेरी,
10:09और आपकी अम्मी अपनी बेटी को समझाने के बजाए मुझे ही बाते सुना रही थी,
10:14कितना अच्छा चलती हूँ मैं आपके घरवालों के साथ, कितना अंकड़ती हूँ,
10:17यह सिला मिल रहा है मुझे, यह सुलुक कर रहे हैं वह लोग मेरे साथ,
10:21फॉरण पहुंचिए, अरे आपकी दुकान की भागे नहीं जा रही और भी मुलाजिमे दुकान साभालने के लिए,
10:28फॉरण आएए,
10:30यह तो कलत बात की भावी ने तुम से,
10:42मैंने भी अम्मा को यही कहा,
10:44कि हम जितना भावी से दबेंगे, वो उतना ही हमें दबाएंगे,
10:47इसलिए हमें, हमें बोलना चाहिए,
10:50वैसे मुझे अंदाजा नहीं था,
10:52इस नननी सिन आग पर इतना घुसा ठहरा रह समता,
10:55तुम तो काफी लडाका निकले,
10:57बात घुसे की नहीं है,
11:00बात यह है के,
11:02हर इंसान को अपने हग के लिए,
11:05और जाइज बात करनी चाहिए,
11:07पता है मझे तुमारी ने चाहिए,
11:10तुम लडाई जगड़ा करने हो कर ले,
11:12बातीरल से बनी ही नहीं है,
11:14मुझे ना लडाई जगड़ा करना पसंद ही नहीं,
11:17और पता है बाभी,
11:19बाभी ना,
11:21बाभी के सामने बहुत अच्छी बनी रहती हैं,
11:23लेकिन जैसे बाभी जाते हैं,
11:25तुम फॉरण से दोधाई देलवार बन जाते हैं,
11:28तुम बताओ नो भाभी के स्लिए नुमान भाई को,
11:31नुमान भाई?
11:32ना बाभा ना,
11:33वो भाभी के बारे में एक लिनावस भी नहीं सुन सकते,
11:36पक्के मुरीद होते न,
11:38वो एं भाभी के,
11:40मुझे अच्छा नहीं लगता,
11:42जो सीधी बात है,
11:44मुझे अच्छा नहीं लगता,
11:46इस तरह भाई से भाभी के शिकायते लगाना,
11:49या इधर की बात उधर करना,
11:51मैं बहुत सुकुन से अम्मा के साथ रहे,
11:53मुझे नहीं पढ़ना किसी के मामले में,
11:55बहुत जल्दी तुम्हारी यह परिशानी दोर हो जाएगी,
11:59तुम्हारी लाइफ में सकून ही सकून हो,
12:02अच्छा, और वो कैसे भला?
12:05हाँ, बस मेरे दिल कहता है कि कुछ दिनों में तुम्हारे साथ बहुत अच्छा होने वाला है,
12:10अच्छा नजूमी बाबा, तुब बताएए, क्या अच्छा होने वाले है?
12:15अभी नहीं तुम्हारे एग्जाम्स है, उसके बाद पताऊंगा.
12:18बुल्ल?
12:20अच्छा मुझे अमा बुला रही हैं, बाद में बात करते हैं, खुदा हाफिस.
12:24आई!
12:40अब इसी तना घूर-गूर के मुझे देखते रहेंगे, यहां जाके कुछ करेंगे भी.
12:53देखो सुरेया, इसनी कोई बड़ी बात तो नहीं है ना यह, घरों में तो ऐसी चोटी-मोटी लडाई हो जाती हैं.
13:04चोटी बात? आपको यह चोटी और मामूली बात लग रही है? आपकी बेहन ने तनी बत्तमीजी किये मुझसे?
13:12मैंने ऐसा कब कहा है?
13:14जो भी कहना है ना, जाके अपनी बेहन से कही है. क्योंकि मुझसे तो बरदाश्ट नहीं हो रहा.
13:22अच्छा ठीक है, मैं करूँगा उससे बात. फिलाल मुझसे दुकान पर जाने मुलाजम पर छोड़के आया है.
13:30पता नहीं ऐसे अमर्जनसी में तुमने कॉल करके बुलायरे से उताना खासा पता नहीं क्या हो क्या गया?
13:36कुछ नहीं हुआ है. आपको लग रहा है कुछ नहीं हुआ है. ठीक है, अपनी दुकान जाने से पहले न मुझे और बच्चे को मेरी अम्मी के घर छोड़ते में जाएए का.
13:46तुमने बच्चे के बगएर रहेंगे ना, तब आपको पता चलेगा. जिस घर में मेरी इतनी बेज़ती हो रही है, वा मैं बिल्कुल भी नहीं रह सकती हूँ.
13:53यह क्या कह रही हो, तुम हो क्या क्या है तुम्हें? छोड़े मेरा हाथ! मेरे और बच्चे के बगएर रहेंगे ना, तब आपके खोश ठिकाने आएंगे!
14:00खुदाको मानो हो क्या गयए तुम्हें?
14:03मुझे किस बात की सजा दे रही हो?
14:05मेरे बेटे ओ किस बात की सजा दे रही हो तुम।
14:08अच्छा?
14:09बहुत फिकर है आपको मेरी और बच्छे की।
14:12अगर आपको इतनी परवा होती तो जाकर अपनी बहन से पूछते हैं
14:16पूछते हैं आपके क्यो मेरी बीवी के साथ इतनी बत्तवीजी से बात करती हो तो ग्या चाहती हो तो और कौन सा कोई पेली दफा हो रहा है इस घर में ये सब
14:24गुल तुम्हे कुछ कहती है तो पलटके तुम भी तो जवाब दे देती हो ना फिर शिकायत लिगाने के मकसद मैं लगाती हूं अपकी घरवालों की इतनी बरदाश्ट करती हूं मैं कान खुलके मेरी बात सुनने नो माने मैं अपने बच्चे को आपकी बेहन के नक्षे कदम
14:54कह तो तुम ठीक रही हूं यह तो मैंने कभी सोचा ही नहीं अच्छा खेर मैं दुकान पर जा रहूं का आपने राज हो रहे हूंगे मैं वापस आखे करता हूं उसे बात नई बात होगी अभी और इसी वक्त होगी तसलियां सुनने के लिए नहीं बुलाया है मैंने आपको
15:24आपकी बहन और अम्मी का क्या भरोसा कब अपनी बात से मुखर जाए फिर क्या करूंगी मैं
15:32ठीक है चलो आओ
15:54गुल मैं बहुत अरसे से तुम्हारी हरकते नजर अंदास कर रहा हूं
16:16मगर अब बस अब मैं मजीद तुम्हारी कोई बत्तमीजी बरदाश्ट नी करूंगा
16:21लेकिन मैंने तो भावी से कोई बत्तमीजी नहीं की भाई
16:24अच्छा बताओ अपनी भाई को
16:27के किस सरह से तुमने मुझे कमपड़े लिखी होने का ताना दिया था
16:31भावी मैंने आपको कभी बढ़ाई का ताना नहीं दिया बलके मैं तो
16:35बस करो
16:35ये सामने तुम उसे तनी बहस कर रही हो मेरी पीट बीजे का करती होगी
16:40भाई मैं बिलकुल बहस नहीं कर रही
16:45मैं तो सिर्फ अपनी बात बता रही हूँ
16:47कि मैंने भावी पर कोई जूटा अलजाम नहीं लगाया
16:50देखा
16:53इसे तो अब मुझे जूटा भी बना दिया
16:55जूटी हूँ मैं
16:57गुल
17:01माफी मांगो
17:03अभी के अभी इसी वक्त माफी मांगो फॉरान
17:09खेकर भाई आप एक बार मेरी बात तो सुने
17:18अच्छा सुनो
17:20गुल की तरफ से मैं तुम से माफी मांगती हूँ गूँ
17:25हाला के बात तो कोई इतनी बड़ी नहीं है
17:34छोटी मोटी बहस ही हुई है दोनों में लेकिन
17:38मैं तुम से माफी मांगती हूँ गुल की तरफ से
17:42जाहिर है
17:47आप तो अपनी बेटी की साइड लेंगी ना
17:50मैं हूँ ही कौन आपकी?
17:53मैं तो ठहरी किसी पराए माबाप की बच्ची.
17:56आपको क्यों फिकर होने लगी मेरी?
18:01अरे, मेरे बाप की गलती है.
18:04जो मरने से पहले इस घर मेरे नसीब फोड़ के चला गया.
18:09एक बात और.
18:12जिसकी गलती है माफी वही मागेगा.
18:14तो होगी बात खाए.
18:19अमा बड़ी हैं.
18:22आपको चाहिए कि बेटी और बहु के बीच में तवाजन रखें लेकिन अफसोस.
18:27अफसोस से कहना पड़ा है मुझे कि आप हमेशा इसकी बेजा साइड लेती हैं, इसकी हमायत करती हैं.
18:40भलती मैंने की हैं तो...
18:44मैं भाबी से माफी मागते हूँ.
18:48क्या कहा?
18:53मैंने कहा कि मैं माफी मागते हूँ आप से.
19:00और गुल, आज के बाद मुझे तुम्हारी शिकायत ना मिले.
19:07सुरिया ना सर्फ तुम्हारी भाबी है, बलके तुम्हारी बड़ी बहन भी है.
19:14ना ख्याल करती है वो तुम्हारा, अभी कली मुझे से कह ली थी कि-
19:18अच्छा बस, बस.
19:23माफी मांग लिए ना गुल ने.
19:30और गुल को मैंने मास्क भी करती है.
19:32तुश्मन धोड़ी हो तुम्हारी, अपनी हो.
19:36चले, हो गया फैसला, आईए, अंदर आईए.
19:42चले, हो तुम्हारी, अच्छा बस.
20:12तुम भाई का रिष्टा देखने पैदल गई थी, जो इस तरह पाऊं दबा रही हो.
20:16उस लड़की के घर की गलियां इतनी छोटी थी, ओपर से घर इतनी दूर था.
20:22पैदल जाना पड़ा, और हील पैन कर गई थी, चल-चलके पैर ही मेरे सूच गई.
20:29और सोने पे सुहागा, आपकी माँ को रिष्टा भी पसंद भी आया.
20:34क्या मतलब?
20:41लेकिन उसकी जो पिक्चर हमें दिखाए गई थी, वो तो इल्को ठीक थी, सही लग रही थी?
20:47हाँ, ठीक ही थी.
20:50लेकिन जितनी उमर आपके भाई की हो गई है, इस तरह की लड़की भी मिल जाया, तो बहुत बड़ी गनीमत आ है.
20:57इसे, आपकी माँ कह नो, अपने नकम्मे बेटे के लिए पता नहीं कौन सी हूर चाहिए.
21:04लिसी, तुम मेरी भाई के बारे में बात कर रहे हो मेरे सामने.
21:08हाँ, तो मैंने बुरा क्या कहा, वो कोई फरिष्टे हैं.
21:12अचाहिए, एक बात बताओ. पता है, अज ताई ने मसे क्या बात की? याद है, वो मेरी जो कजन थी? उसके बारे में बात कर रही थी.
21:28कह रही थी किया वो तुम्हारी कजन का रिष्टा हो गया के नहीं? अगर नहीं हुआ तो मेरे नकम्हें बेटे के लिए बात चला।
21:36मैंने तो साफ मना कर दिया. मैंने कह दिया कि पांच साल पहले उसकी शादी हो गया है.
21:43पर जहां तक मुझे याद है उस कजन की तो शादी नहीं हुई थी. इनफैक्ट उसकी तो एजज जादा हो गई थी इसलिए उसके रिष्टे नहीं आ रहे थी.
21:50वो अपने घर बैठे बैठे और ज्यादा बूड़ी हो जाए. ये मन्जूर है. लेकिन नफीज भाई के लिए मैं उस लड़की का रिष्टा कभी भी न जाकर माँगू.
22:02क्यों जी? क्या हर जैसमे?
22:03जिस तरह की आपके भाई की आदत और फित्रत है ना, उनकी शादी ना ही हो तो बहतर है.
22:11जिस भी बिचारी के साथ शादी होगी ना, सारी जिन्दगी गुरूती ही रहेगी.
22:16और वैसे भी, मैं उसके रिष्टे की बात करके, उसकी जान फसाके, सारी जिन्दगी बद्धुमाईं लेती रहूँ.
22:25क्यों? वज़ा, मैं ऐसा नहीं कर सकती.
22:28या तो मुझे आपके नकम्मे भाई की फित्रत का पता ना हो ना, तो मैं जाक रिष्टा मागू.
22:33तुम्हारा जोदिली माये करो, चेंज करने जा रहा हूँ.
22:41यही नहीं कहा दर्द हो रहा है, चलो मैं ही पाउंड दबात देता हूँ.
22:45यह तो हम दर्दिया मेरे साथिन की.
22:56इसलिए मैं कहती हूँ कि एक चुप सो सुख.
23:01अब चाहे तुमने सिर्फ एक दो बातों का ही जवाब दिया होगा.
23:07लेकिन देखा, बात कितनी बढ़ गई, वो भी तुम्हारे खिलाफ.
23:14मुझे तो यह समझ नहीं आता, मां, कि आखिर भावी ने कौन से स्कूल से मेट्रिक किया, जो उनका इतना दिमाग चलता है.
23:20आप लोगों को सब कुछ पता था, सब कुछ जानने के बाद भी भावी को भाई के लिए क्यूं पसंद किया?
23:37तुम्हारे अबबाजान का फैसला था, बिटे.
23:42अपनी बहन से बहुत महबबत थी ना, उने.
23:45पता नहीं क्या सोच के दोनों ने, दोनों बच्चों का रिष्टा तैक कर दिया.
23:54मुझे तो उन्होंने आके मिठाई किलाई.
23:59और ये खबर दे दी, कि नूमी का रिष्टा सुरया से तैक कराया हूँ.
24:05अच्छा, और नूमी भाई से पूझा तक नहीं?
24:08हमारे खांतान में रिष्टा तैक करते वक्त, बच्चों की राये नहीं ली जाती.
24:19कितनी अजीब बात है न, अमा.
24:22जब शादी दो लोगों ने करनी है, तो उनसे क्यों नहीं पूछते हैं, जिन्होंने साथ में जिन्दे की गुजारनी है?
24:28अच्छा छोड़ो ना इस भाग को, मस ये दुआ करनी चाहिए कि जो हमारे हग में बेहतर हो ना, वो हो.
24:42आमीर.
24:43आमीर.
24:46अब अराम से लेट जाने हैं?
24:49ठीक बट्टियो, बट्टा.
24:51तुछ लाकर दू? बूद देर रम करीफिल लाकर दू आपको.
24:53नहीं बट्टो, बट्टियो, महीं.
25:07अब उठे नहीं बट्टा?
25:09बट्टा, वो सुबर नमाज के लिए उठे थे पर दुबारा लेट गए.
25:12अब उठ जाएंगे नौबजे तक?
25:16तुझे दफतर नहीं जाना क्या?
25:17अब याज फील बग है, बारा मचे तक जाऊँगा.
25:23आपने साला के घर कब जाना है?
25:28चली जाऊँगी, चली जाऊँगी.
25:31सबर करो, तुमारे अबू को नाश्या करवादू, फिर चली जाऊँगे.
25:36तो ऐसे ही पूछ रहा था?
25:39हम, सब पते हैं मुझे, ऐसी पूछा था.
25:45हाँ मसी, हाँ मैं बार्र बज़े तक आऊँगा, मेरा तो आज फील होया कहना.
25:51क्या मतलब सब को बलाया, ओफिस?
25:53क्यों?
25:56ठीक है, आताँ.
25:58आ रहा हूं मतलब अभी अभी आ रहा हूं.
26:02भाई.
26:04अमीन, एक ज़रूरी मीटिंग आ गई, मुझे आफिस आना पड़ेगा.
26:07अच्छा पिटा, जाओ.
26:08खेर से जाओ.
26:09दिहान से काम करना.
26:11और सुनो,
26:13यहां सब में संभार मुझे.
26:15जी, खुदा आफिस.
26:17नह कुछ खाता है नह पीता है,
26:18काम के चक्करों में लगा रहते हर वत्त.
26:21अच्छा है ते हर वत्त.
26:31Assalamu alaikum.
26:32Waalaikum.
26:33कैसी है खाला हुप?
26:35तो इतनी सुभा सुभा?
26:37बैठे?
26:39हाँ भई, सुभा सुभा इसलिए कि तुम मुझे याद आ रही थी.
26:43तो मैंने सोचा जाके अपनी बेटी से मिला हूँ.
26:45अच्छा?
26:46तो क्या वाकिए आपको मेरी इतनी आदाती है?
26:48इससे भी जादा.
26:49अच्छा यह बताओ, अम्मा कहा है नुमारी?
26:51अम्मा, मेरे कमरे में.
26:54अच्छा तुम ऐसा करो,
26:55कि दो कप हम बेहनों के लिए अच्छी सी चाय बना के लिए जाओ,
26:58बलके कुछ मीठा भी साबज यहाँ.
26:59चीक है.
27:02क्या बात है खाला?
27:03आप और मीठा?
27:05आपका तो मीठे का परहेज है ना?
27:07मीठा किस खुशी है?
27:08हाँ, लेकिन कभी-कभी
27:11खुशी के मौके पे मीठा खाही लेना चाहिए.
27:16कैसी खुशी?
27:17अहमर का रिष्टा तैय कर दिया अपने?
27:19अरे अल्ला, तुम्हारी जबान मुबारख करे,
27:21मैं ये दिन भी देखूं.
27:23खैर फिलाल, तुम्हें बाजी के हाथ का
27:25हलवा खाने के लिए आए.
27:27हलवा तो खत्म हो गया है.
27:30सारा हलवा रात को नमानने खा लिया था.
27:47मैं नहीं, मैंने तो अपना हिस्सा बचा कर रखा है.
27:50अच्छा बिटा, जल्दी से ले आओ, दोनों खाला भानजी मिलके खाएंगे.
27:54मैं लाते हैं.
27:56हाँ, असीम, क्या हुआ?
28:18वह यार वो नैप की टीम सुवास से आफिस आई लिए है.
28:21नैप लिए किन क्यों?
28:23वोल्ड साइटी नहीं है यार, जिसका फिरॉड का केस चलना है पिछले साल से, उसी की तफ्तीश के लिए आई है.
28:27हाँ तो उसमें परिशानी की क्या बात है, यह तो पहले भी कर चुके हैं यह सारी तफ्तीश.
28:31परिशानी की बात यह है, मेरे भाई के इस बार हम सब उसके लिए पेटे में आ रहे हैं.
28:35रजा, मुसा, अफरान सब को बॉस के रूम में लिकर वैटे में डियाल गेंटे से पता नहीं क्या सवाल जवाब कर रहे हैं.
28:39इसके बंतीर को मेरी बारी है.
28:41लेकिन हम तो अपना बेहान रिकॉर्ड करवा चुके हैं.
28:43वही ना यार, लब्ज, बात बहुत बढ़ गई है भाई.
28:47अंदर पता नहीं क्या सवाल जवाब कर रहे हैं कबराहाट हो रही है.
28:51जब हमने कुछ किया यह नहीं है तो फिर क्या टेंशन?
28:54एजी हो जाओ.
28:56मेरे भाई, इस मुल्क में जिसने कुछ नहीं किया होता ना, कोई पस्ता है.
29:01करने कराने वाले तो पतली के लिए से निकल जाते हैं.
29:03क्यों परिशान हो रहा है? कुछ नहीं हो रहा?
29:06हमर सार बोस नहीं आपको रूम में बला है.
29:08मैं भी आजाओं?
29:09नहीं नहीं सिर्फ हमर सार को बला है.
29:14तो पर करना करो नहीं, क्या हो रवासाया?
29:25कितने कम्जोर लग रहे हैं ना, आपको पीली जर्ग.
29:29नहीं रखती न अपना क्या रहा है?
29:31रखती तो हूँ, बुश्रा, क्या करो?
29:36अब किसमत में जो बिमारी लिखी है, वो तो उगतनी है ना?
29:41कोई नहीं.
29:42बस अल्लाँ खेर करेगा सब इंशाटना.
29:45अच्छा, तुम बैटो मैं गुल से जाएगा?
29:48नहीं, नहीं, नहीं.
29:49गुलकों में चाय का कहके आई हूँ.
29:52लेकिन बाजी, फिलहाल तो मैं आपसे बहुत एहम बात करने आई हूँ.
29:57इसलिए आप उटके जाएगा नहीं अभी.
30:00एहम बात?
30:02कोई परिशानी की बात तो नहीं नहीं.
30:05अरे, नहीं, परिशानी की बात नहीं है.
30:08बलके खुशी की बात है.
30:10बता है, मैं तो अतरसा पहले ही बात सोच ली थी,
30:14लेकिन मुनासिव वक्त के इंतजार में थी, जो अब आगया है.
30:18अच्छा, कहो क्या बात?
30:21माजीब, मैंना गुल को अपनी बहो बनाना चाहते हैं.
30:28और एमर तो आपके सामने ही का बच्चा है, आपने सब देखा है, आप तो कोई बताए ना फिर, क्या कहते हैं?
30:36मैं कुर्बान चाहूँ, गुल के लिए इससे अच्छी बात है, हमर से अच्छा लुर कागुई हूई नहीं सकता.
30:46बस तो पिर ये पक्का है ना?
30:48तो बाजी बस ये बात अब आपके और मेरे दर्मियान है, बस गुल अराम से सुकून से पेपर दे ले, फिर मैं आउगी मंगनी करने के लिए.
30:57ठीक है, ठीक है, ठीक है.
31:01गुल, गुल चाहे ले किया हो ना, बेटा?
31:05कुछ मीठा ले किया हो साथ?
31:07ये ली आईगी.
31:08आप खुछ तो है ना, बाजी.
31:10बहुत खुछ उनुश्या.
31:13अला मुबारक करे.
31:15बागोई.
31:31हलो, हाँ, सब खैरियत?
31:47जी हाँ, सब खैरियत ही है.
31:50बहुत जरूरी बात करने के लिए फोन किया है मैंने.
31:52हाँ, बोलो, सुन रहा हूँ.
31:54आपकी खाला आई हुई है.
31:56गुल के लिए हमर का रिष्टा लेकर.
31:58क्या?
31:59जी हाँ.
32:01अपने कानों से सुनकर आ रही हूँ.
32:03दोनों बहने कमरे में जाकर मीटिंग कर रही थी.
32:05रिष्टे की बाते हो रही है.
32:07आप तो एसन जान बन रहे हैं, जिससे आपको पता नहों.
32:09सब पता होगा आपको.
32:11बलके मैं तो कहती हूँ पुरे जहान को पता होगा.
32:13एक मैं ही बेवकूफ है इस घर में, जिससे आज ये बात पता चल रही है.
32:17अरे नहीं नहीं मुझे तो, मुझे तो सुरिया तुमसे ही पता चल रही है बात का.
32:22बस रहने दीजे, बड़े आए मासूम.
32:26तब ही तो मैं कहूँ के मेरे भाई के बारे में दूसरा लफ्स क्यों नहीं सुना आपने?
32:30और साफ इंकार कर दिया?
32:32क्योंकि रिष्टा तो आपको अपनी खाला के घर करना था.
32:35अरे क्या हो गया बेगाम, मैं तुमसे कह रहा हूँ ना, मुझे नहीं था आइडियास बारे में.
32:40लेकिन मुझे आइडिया था.
32:43इसलिए तो गुल भाग भाग के अपनी खाला के घर जाती थी और वो, अपकी खाला का बेटा, अपनी खाला से मिलने के बहाने, जब दिल चाहा मुझ ठाकर यहां आ जाता था.
32:55अरे भाई, गुल उसके पास अपनी पढ़ाई वाली मश्के सीखने जाती थी, पढ़ा लिखा है, वो इंजीनियर है, गुल वाली सारे कॉर्सिस किताबें पढ़ी मी हैं उसने, वो उसकी मदद कर देता था, बलके गुल तो कई दवा खाला के हां भी जाती थी उससे पढ�
33:25सामने, आ गई बड़ी भी, रिष्टा लेकर, ओहो तो बाबा इसमें बुराई क्या है, देखो, साफ बात, गुल को एहमर से बेतर रिष्टा नहीं मिल सकता, तो नों पड़े लिखे हैं, उमर में कोई खास फार्क नहीं है, मेरी तरफ से तो आखे बंद करके इस रिष्ट
33:55मेरी तो आपका नाम इमर सिबीर है, जी सर, कप से रbn इस मेर्जमनी है, इसमें बुराई को आखे हैं तो आपका नाम एमर सिबीर है, जी सर, कप से हैं आप इस महँएं में घमे हैं,
34:23इवन पाथ साम होगे और ये काम कर से कर दो कौन सा काम
34:29आपने जो ब्यान दिया है आपको यकीन है कि वो सच पर मबनी है
34:37110 फीसद है किन हमारी तफ्तीश और एविडेंस कुछ और कहता है
34:45क्या मतलब इस फैल को खोलें और देगें इसमें साइन किसके हैं
34:53साइन तो मेरे हज़र लेकिन
35:07बस हमें यही कंफरम करना तो
35:10एमर सदीड सरकारी महपवा में घबन के इल्जाम में तुमें गिरिफतार किया जाता है
35:23इश्प तुझ से हूँ अर्दमा
35:27बस प्थरल में वाँ आओर में वाँ यही का बस्दमा
35:33यही को खुझ से हुझ से हुझ अर्दमा
35:36साइन ने चाओ प्लिप गें आडिश्सद्स
35:38प्लिखतार्द और में अर्दमा

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