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  • 2 days ago
Ishq Tum Se Hua Episode 02 (Subtitles) 15th April 2025 - Fahad Sheikh - Sukaina Khan - Hassan Ahmed | Green TV Entertainment

"Ishq Tumse Hua" is the emotional tale of a young woman whose journey through love is anything but easy. From heartbreaks and betrayal to the challenges of marriage, life tests her at every step. But she never lets the pain break her spirit. With quiet resilience, unshakable dignity, and a brave heart, she stands tall—fighting for her love, her self-respect, and her place in a world that constantly tries to pull her down.

This is not just a love story. It’s a story of strength. Of a woman who loved deeply, lost painfully, but rose beautifully.

Cast:
Fahad Shaikh
Sukaina Khan
Hassan Ahmed
Beenish Chauhan
Ellie Zaid
Aliya Ali
Rabia Naureen
Fawad Jalal
Humera Bano
Sajeeruddin Khalifa
Zeba Shahnaz
Zain Afzal
Rameez
Anaya Khan

Director: Shahid Younus
Written by : Abida Ahmed
Presented by: TNI Entertainment

#ishqtumsehua
#pakistanidrama
#greentv

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Transcript
00:00क्यों अम्मी क्या खराबी है इस रिष्टे में ये खराबी कम है कि लिड़की इतनी पड़ी लिखी है उसका तो दिमाग पहले से अर्च पे है और बास सुनो मुझे इतनी पड़ी लिखी बला अपने घर नहीं लानी एक बास सुन उना नफीस जो उससे दमाग मिलेगा उसका
00:30सुना हो ना बाबा ये कॉलिजों में पढ़ने वाली लड़किया ना फितना होती है फितना ऐले से सारे सबक रटे होते हैं लोगोंने ना अम एक तो आप भी शुरू हो जाती है अरे नहीं आती उसे ये घरेलू सियासर सीधी साधी सी है और वैसे शकलों सूरत की बीन इतन
01:00बात बता ये आज तुझे अपनी नंद में इतनी खूबियां क्यों नजर आने लग गई है नंदों की खूबियां नजर नहीं आती है चाहे वो कितनी भी अच्छी हो ना जहरी लगती है और रही बात घर के कामों की तो फात्मा भाबी को क्या आता था सीधा कर दिया ना हम
01:30में सुकून से ना राज करूंगी वहां पर लेकिन बेटा ये वट्टा सट्टा नहीं हो जाएगा एक की लड़ाई हुई तो दूसरे को घर से निकाल दिया अच्छा है ना में अरे उनकी बेटी बड़े घर में आ जाएगी मेरा शौर भी मुझसे दबके रहेगा वो जो क
02:00रखेगा इंशालला और बात तेरी दिल को लगती है कम हैसियत की लड़की घर और सुसरा दोनों में सर जुखा के रहती है मुझे तो हैरत है कि मुझ जैसी जहीन औरत के जहन में ये बात पहले क्यों नहीं आए यही तो कह रही है ओम्मी गरीब घर की लड़की जब अमीर �
02:30आप करें आज नफीस भाई से बात और रही बात मेरे शोहर की तो आज आती कानों में ये बात डाल दूंगी मुझ पे छोड़ दें आप तू बेफिगर हो जा अब मैंने इस मिशन पर अपना काम शुरू कर देना है ठीक है
02:44एमर सो गए हो क्या कुछ पूछ रही हूं बटा तुम से
02:59सच में नीन आगे थी अभी आपने मसाज ही इतने अचा किया थोड़ी देर और कर देना
03:08अरे मसके बाज इतनी देर से कर रही हूं तुमारे सर का मसाज भस थग गये मेरे हाथ अब मेने कर देना
03:14आरे आप कुछ सी बूड़ी हो गई हैं?
03:16अरे हो गई हूना बूड़ी बस हो गई हूँ अब हमारे घर में ना कोई दूसरी आरत आने चाहिए
03:23क्यों जमीला किसे ही से काम ने कर रहे हैं, आप खाथ बटाना पड़ता है उसके साथ
03:32अफ वो अकलमन, लड़के दूसरी आौरत का मतलब जमीला नहीं
03:38बहू है, घर में बहू लाने के बात कर
03:42मेरी बीवी, आपकी बहू
03:45हाथो, क्या मैं पडोसियों के बहु की बात करे दिया?
03:48माशाला, तुम सेटल हो, अच्छी नोकरी है, गाड़ी ली हुई है, शाथी भी हो जानी चाहिए ना, सच मूछो, मुहले की सारी ओरते पूछती हैं, के बेटे की शादी कप करोगी, और एहमर, बते, जब तुम पैदा हुए थे ना, छोटे से थे, तुमें तुमें तुमें
04:18ऐसे ही, कैसे कभज़ कर लिया, हम बहु ही वो लाएंगे, जो सब को जोड के साथ लेके चलने वाले होगी, और अपनी सास की कदरतानी हुम, तुम मतलब है, आपके जहन में पहले से कोई है, हुम, है तो, एक अपनी भूली-भूली सी, लेकिन तुम बताओ, अरे कहीं तु
04:48अपनी गुल है, मुझे बहुत अच्छी लगते है, अच्छा अप एब बताओ, तुमे भूली पसंद हो है ना, हुम, देखो, मेरा अंदासा बहुत सही निकला, मैं भी कहूं, कि रोज अना बड़ा बाग भाग के खाला के घर जाते है, हमी मुझे भूल पसंद मेरा मतलब
05:18अच्छी लगती है, तुम दोनों कितनी दोस्ती है, मैं समझी के शायद ये पसंदीद की दोनों तरफ से, नहीं, नहीं, नहीं, बोल की तरफ से ऐसा कोई सिलसला नहीं, हाँ, अगर वो मुझे खजन होने के नाते पसंद करती हो, तो वो बहुत लग है, नहीं, करने लगी कि �
05:48वैसे भी, फेहमी बाजी की तरफ से इंकार का तो सवाल ही नहीं पैदा होता, चाह, इतना इतमाद है अपने बेटे बो, अरे, इतमाद, मुझे तो फखर है फखर तुम्हारी मा होने पे, क्योंके मैं जानती हो, पूरी दुनिया में ना, किसी भी मा का बेटा, मेरे बेटे
06:18यही छोड़ो दुनिया में जानती है, पही बहुत ही तुम ना, बहाने बाज हो वैसे, अम्मा, मैं लगा की दिखाओं, मैं लगाओं क्या, मैरबानी कर तो, तुम अगर लगा भी लोगी ना, तो मुझे उधर के दुबारा लगानी पड़ती, इतने अनाडी पंसिलेस ल�
06:48तेहने दो तुम ये घर के काम काज और लेस लगाना, तुम अपनी पढ़ाई पे तवज्यो दो, पेपर होने वाले तुमारे अच्छा, क्या पढ़ाई पे दिहान दू मैं, जब दिहान देने लगो, तो घर के कामों में उलज़ा देती हैं भावी, कभी ये करो, कभी वो क
07:18ये करती हैं, और आपको पता भी है, कि भावी मेरे साथ कितनी ज़्यात्ती करती हैं, बस एक बार, एक बार मेरा एक्जाम क्लियर हो जाने दे, अच्छा रिजल्ट आज़रा हैगा ना, फिर मैं बहुत अच्छी जगा जॉब करूँगी, जासे बहुत अच्छी सेलरी भी म
07:48मेरा नाम एक ही खाब है, मैं चाहती हूँ कि मैं अपनी अम्मा को खुश देखो, पुर सुकून देखो, लेकिन ये बताओ, कि आखरी बार कब मुस्कुराई थी, ये कैसा सवाले, अभी थोड़ी दिर पहले ही तो हंसी थी तुम्हारी बात पर, अम्मा वो वाला हसना नही
08:18हम कितना खुश रहते थे ना, घर में एक रौनग लगी रहती थी, यहां से आना, वो आ रहा है, खाना खा रहे हैं, बाते कर रहे हैं, भाई भी हमें कितना टाइम देते थे
08:26लेकिन, सब कैसे बदल गया, जब से भाई के शादी हुई है, वो बस अपने कमरे के होकर रह गया, बात ही नहीं करते
08:41रहने तु बिटा, मत याद करू परानी बात हुई, जो सखम भर जाते हैं ना, उनको छेडा नहीं करते हैं
08:57अमा, एक बढ़ लगा हुँ मैं? एक बढ़?
09:07अमाँ!
09:11सारा दिन बहुत ठक जाती हूँ, आपकी अलाद को संभालते हैं, संभालते हैं, बड़ी मुश्किल से अभी सुला कराईयों से
09:29मेरे बच्चे को संभालने के लाबा पूरे दिन में तुम्हारे पास काम है क्या होता है?
09:33मेड्स दे रखी हैं तुम्हें, उनका क्या फाइदा है?
09:38हो गया ना सर अपने अडियल भाई का?
09:42उसी की जुबान बोल रहे हो ना?
09:43अब मेरा भाई ऐसा भी कोई हातमता ही तो है नहीं
09:46और खुदा के लिए अपनी जबान को लगाम दो
09:48अम्हा हर वक्त शकायत करती रहती हैं तुम्हारी जबान की
09:52आपकी मा का बस से ले ना?
09:54तो इस सारी दुनिया में सिर्फ दो ही जबाने चलें
09:57एक आपके बड़े भाई नफीस की और दूसरी आपकी बेहन सुरया बाजी की
10:03बागे तो सब गूंगे हो जाएं
10:05और आप रहे बुद्धू अपनी मा के इरिशादात मनोण
10:09मुझे आगर सुनाना शुरू कर देते हैं वाँ
10:12अल्लाँ मैं तो बात करके बशता है
10:15जाओ माफ किया कि याद करोगे
10:19वैसे भी मेरी आदत नहीं किसे लड़ाई जोड़ा करना है नो
10:23हाँ हाँ
10:24तो उस बिल्कु लड़ाई जगडानी करती
10:27बच्पन में तुम्हारा नाम फाखता रखा गया था
10:30आमन का पहकर हो तुम है ना
10:32फैर जो भी है
10:33अब देखो ना
10:35मेरा टाइम अपने हिसाब किताब को देदेता है
10:38कुछ काम तो आप अपने भाई के जिमें भी लगाए ना
10:41या उसे आपने गोद ले लिया
10:43तो फिर से शुरू हो गई
10:44तो गलत क्या कहा है मैंने
10:46सारा कारोबार आप संभालते हैं ना
10:48आपको भाई क्या करता है
10:51पूरा दिन अपने निकम्मे दोस्तों के साँ घूमता है
10:55बस
10:55अब आपकी माँ अपने निकम्मे बेटे की शादी करवाने पे तो लिए है
11:00पहले तो दो
11:02मंगनिया तड़वा चुकी है
11:04अब डारेट शादी का प्लान
11:06वाह
11:07एक मेड़े
11:11ये किसने काये दो मुझे
11:13मुझे किसने कहना है
11:15मैं हमेशा अपने कान और आगे खुली रखती हूं
11:18बस उड़ती उड़ती सुन ली
11:21वैसे
11:24कभी-कभी मुझे बड़ा अफसोस होता है
11:27किस बिचारी ये किसमत फूटने वाली है
11:31जिससे नफीस भाई के शादी होगी
11:35है ना
11:36अच्छा खेर चोड़ो
11:40हमारा क्या लेना देना
11:42वो तुम आज शॉपिंग में गी थी
11:46क्या-क्या लाई ये
11:47हाँ वो
11:48बहुल ची शॉपिंग किये मैंने
11:51देखाओ चलो मेरे साथ
11:53वो चलो मेरे साथ
11:54जालो मेरे साथ
11:56आरे यायर
11:59मुझे मात करने ढया तू
12:00अज इतनी अच्छी क्ले�ktि थी ना
12:03और मैं और ने ठेढ़ सारी शॉपिंग की
12:05हाँ तुम्हारे ली ली बहुत अच्छी शॉठी मैंप्रेशिया Brexit
12:23हेलो
12:24एहमर की बच्चे, अभी में तुम्हे ही फॉन करने का सोच रही थी.
12:28अच्छा? क्या काम थी?
12:31हाँ भाई, काम था तब ही तो फॉन करने का बोल रही हूँ.
12:35वरना नोरी थोड़ी सुननी है मझे तुमसे, वो भी बेसुरी आवाज में.
12:38इतनी बाते कहां से ले आती, स्टेज़रा में देखती हो लो.
12:42देख लो, कुदरती टैलेंट है मुझ में.
12:45हाँ, ये तो है. खेर, काम मताओ.
12:49हाँ, बेसेगली मुझे तुमसे कुछ अल्गरेथम समझने, मुझसे हो नहीं रहा.
12:54तो मैंने सोचा, कि इंजिनेर सहाब सही पूछ लेते, कि कैसे होगा.
12:58शो, ऐसा करूँगा कल ओफिस के बाद घर सकर लगाते हैं.
13:02ठीक है? वैसे, पढखाई के बाद क्या प्लेहन है तुमारा?
13:06क्या करना है मतला?
13:07बाई पढ़ाई के बाद एक अच्छी जॉप करनी है, अपना फ्यूचर सिक्योर करना है, अम्मा के लिए कुछ करना है, अपने पैरों पर खड़े होना चाहती हूँ.
13:16और शादी का क्या इराद है?
13:17क्या है? कर लूँगी शादी? लेकिन हाँ, पांच साल बाद शादी करोंगी. अपने बताया तो है, इतना कुछ करना है, अम्मा का सहारा बनना है, उनका अच्छा बेटा बनना है, अगर खाला को बना-बनाया बेटा मिल जाए दामाद की सूरत में तो?
13:32क्या है तुम शादी और दामाद और इन सब बातों में पड़ गए हो? मुझे कोई इंटरस्स नहीं है. अईवेज, तुम्हार ये फुदूल बाते सुनके मुझे नेंद आ रहे है. खुदा हाफिस.
13:42अरे गुल? वो कल की बच्ची? बच्ची नहीं है बेटा. चौदवी पास करने चली और तु कह रहा बच्ची. आपको अचानक से उसका कहां से ख्याल आ गया? बस आ गया ना.
14:12तुम से जो पूछ रही हो वो बताओ. हर बात की तफ्चीर शुरू कर देते हो.
14:20अमा मुझे ये कालिज जाने वाली लड़कियां बिलकुल भी पसंद नहीं है. इनके उपर सारा वक्त औरतों के हकुग का बखार चड़ा रहता है. मर्दों को कुछ समझती नहीं है ये.
14:42पड़ी लखी औरत को सुदाना बिलकुल ऐसे ये जैसे अनियल गोड़े को लगाम डालना. ये काम तुम कर लोगे. वैसे भी कम उमर लड़कियां पानी की तरह होती हैं वेटा. जिस सांचे में ढालो ना ढल जाती है. पक्की उमर की जो लड़कियां होती है ना वैसे ही ट
15:12मैं सुरया को तो आदत चिकवे करनी की. महां उसे कोई कहता थोड़ी है. उसकी मर्जी है जैसे वो रहे. कोई सुरया को कुछ कह कर तो देखे टांगे ना तोड़ दू मैं उसकी. उफ़ओ. कहा ना सुरया को कोई कुछ नहीं कह रहा. देखो मैं जो तुम से पूछ रही ह�
15:42अपनी पड़ी लिखी बच्ची के लिए उनको एक बड़ा लिखा लड़काई चाहिए होगा
15:50चोड़ दे तू उसकी फिकर वो ना तीन में ना तेरा में उस घर में मेरी बेटी सुरया की चलती है बस
15:56सुरया अपना दमाग बना चुकी है और नुमी को भी वो राजी कर लेगी बस तुम्हारी राय चाहिए
16:03यार देख लें आप ऐसा ना हो के हीरे का सोच कर कोईला उठा लाएं
16:09बेफिगर रो मैं सब सोच समझ कही कर रही हूँ
16:13ठीक है अम्मा जो तुम्हारी मर्ज़ी मैं तो चला सुने है
16:19शब बखेर शब बखेर
16:22मैं कैसे कोईला ला सकती हूँ
16:29हीरे की पहचान तो जोहरी को होती है
16:32और मैं तो बड़े बड़े जोहरीयों की मा हूँ
16:43क्या सोच रहे हैं
16:59कुछ नहीं यार बस
17:04सोच रहा था कि चार पैसे हाथ में आ जाएं तो
17:08क्यों न प्राइस बॉंड्स ले लूँ
17:10क्या पता किसमत कब महरबान हो जाए
17:13जिस घर में एक कमाने वाला और बागी बैट कर खाने वाले हो न
17:19उस घर में ये बाती मजाख लगती है नमान साथ
17:24हाँ ये बात तो तुम्हारे ठीक है
17:29लेकिन क्या करें हम
17:32जैसे जैसे फैमिली बढ़ेगी तो साथ साथ खर्चे भी बढ़ेंगे न जी नहीं
17:40खर्चे जो है न आपकी अम्मी के जो दवाईयां आती हैं
17:46अपकी बहन की जो हर छे महीने के बाद साथ साथ साथ हजार उपे जो फीज जाती है
17:50वो और उसकी शादी के लिए पैसे नहीं चाही हो गया
17:56भी देखो अम्मा की दवाएं तो अबाती रहेंगी चाहे जितनी मर्जी महंगी हो जाएं
18:02और जहां तक रही बाद कुल की शादी की तो तीन-चार साल के लिए भूल जाओ भी
18:07बढ़ाई मुकमल होने के बाद कमाने लगेगी तो खुद ही अपना जाहिस बनाएगी
18:13क्या? पागल हो गएं आप
18:19ये क्या बात हुई? हमारे खानदान में आज तक कभी किसी रड़की ने नौकरी नहीं की
18:28तो सुरिया क्या करूं मैं? मैं तो लाकों का कर्ज लेके ना उसकी शादी कर सकता हूँ ना उसका जहादी बना सकता हूँ
18:34कौन कह रहा है कि लाखों का उधार लेकर उसकी शादी करें
18:40ऐसा लड़का भी तो ढूंड सकते हैं जिसे जहेज की जरूरत ही न पढ़े
18:46यार कमाल करती हो वैसे तुम भी सुरहिया
18:50अरे आज कल के जमाने में ऐसा लड़का कहां से मिलेगा जो जहेज लिए बगार शादी करें
18:56आपकी परिशानिया खत्म हो जाएं इसके लिए बड़ी दुआएं मांगती हूँ मैं
19:02समझ लें काम होगे आपका
19:09क्या मतलब
19:11भी मैं एक ऐसे लड़के को जानती हूँ जिसको जहेज नहीं चाहिए बस एक शरीफ लड़की चाहिए
19:18ओ तो बेगम वही तो पूछ रहा हूँ कौन है वो फरिष्टा
19:22मेरा भाई नफीस और कौन
19:26क्या
19:30अरे कुछ रखेगा हमारी गुल को
19:35अरे इससे अच्छा रिष्टा कोई है हमारे खांदान में चराग लेके ढूंडेंगे ना तब भी नहीं मिलेगा
19:42क्या हुआ चुप क्यों हो गए
19:52सुरेया ये हर्गिस नहीं हो सकता
20:00क्या का आपने
20:02देखो मेरा वो मतलब नहीं था
20:07मेरी तो समझ में नहीं आ रहा कि तुमारे जहन में ये बात आ भी कैसे गई
20:11कौन सी अनोखी बात कर दी है मैंने जो मेरे जहन में नहीं आ सकती
20:15देखो अनोखी नहीं है बात लेकिन
20:19फिर भी कहां नफीस भाई और कहां हमारी गुल
20:23क्यों मेरा भाई कौन सा काला छोड है जो आपको मेरी पातिया नुकी लग रही है
20:28ओ फो सुरया मैं सिर्फ ये कह रहा हूँ कि दोनों का कोई जोड नहीं बनता बस
20:34जोड तो मेरा और आपका भी नहीं था नमान साहब
20:39कहां मैं अमीर साथी और कहां आप गर्दन से हाथ बात कर घर्चा करने वाले
20:49मेरा रिष्टा भी तो हो गया ना आपके साथ
20:53माफ करना लेकिन कुछ सालों पहले तक ना तुमारे खानदान के भी वही हाला थे जो हमारे खानदान के थे
21:00वो तो रईस का काम चल पड़ा और दूसरा ये कि तुम्हारी और मेरी अमर में ज़्यादा फर्क नहीं है
21:06मेरे भाईयों ने मेहनत करके करोडों की जायदाते बनाई है
21:10और रही बात आपकी बेहन की तो आश करेगी वहां
21:14मेरी तरह रिंग रिंग के अपनी जिंदगी नहीं गुजार रही होगी
21:17हाँ तो मैं कौन सी कोई काम मेनत करता हूँ
21:20अच्छी खासी मेनत करता हूँ
21:21वो भी तुम्हारे सुगून और तुम्हारे आराम के लिए
21:23अच्छा ना
21:25अरास क्यों हो रहे हैं
21:27इसलिए तो खदर करती हूँ आपकी
21:29अच्छा हम नफीस भाई के रिष्टे की बात कर रहे थे न
21:34मैं तो कहती हूँ आप सोची है
21:36खुब सोची है
21:39ऐसे इतना अमीर कभी रिष्टा न आपकी बेहन को मिलेगा नहीं
21:43सुर्य नफीस भाई की सारी खुबियां एक तरफ
21:50लेकिन दोनों का ना कोई जोड नहीं है
21:54इसलिए बेहतर यही होगा कि तुम इस बात को अब भी हिसी वक्त
22:00यहीं पे खतम कर दो बलके भूल जा
22:02अल्ला ताला ना दोनों के हक में बेहतर करेंगे
22:13जा कि बलाल को देखा पूका होगा
22:43प्राणल बात करेंगे
22:56अटी सीवाये आई
23:04वाही बलोनों दोना ना पढया
23:08अम्मा
23:10भाए अच्छा किया चाय बना लाइं तुम
23:14सर भारी हो रहा था मेरा रात से
23:18क्यों अम्मा रात को ठीक से सोई नहीं क्या
23:21बढ़ापे में नीद और भूप वैसी कम हो जाती है
23:26फिकर ना क्या करो इती
23:29कैसे फिकर ना करो
23:31इस दुनिया में और इस घर में
23:34सिर्फ एक वाहिद सहारा आप है मेरा और मैं फिकर ना करो
23:38इसलिए तो कहती हूँ के छोटी छोटी बातों के परेशान नहीं होते
23:44जन्तगी तो पता नहीं कैसे कैसे इम्तिहान ले लेती है
23:50इंसान से अपना दिल मजबूत करना चाहिए ना तुम
23:55पता नहीं अम्मा दिल मजबूत मेरा तो नहीं हो लोग पतनी कैसे कर लेता है
24:01अब देखे ना इम्तिहान सर पर है और मुझे इतनी टेंशन हो रही है हलागे छोटी सी बात है
24:06हर साल ही ऐसे करती हो तो और हर साल रिजल्ट में फर्स पॉजिशन आती है तुमारी
24:16मेरी दौा है कि जिन्दगी के इंतिहान में भी अल्ला तुमें इसी तरह कामयाब करें
24:23आमन
24:24अस्वामलीकुम भावी
24:38देखो जर्म कैसे बरतन फेंके चली गई है
24:45गुस्से में लगती है बात जब भाई भावी की बात नहीं मानेंगे तो ऐसे ही मूड खराब होगा
24:52क्या मतलब कौनसी बात
24:56रात को भावी के कमरे में मैं किसी काम से गए थी तो मैंने न तर्वाजे पर वह बात सुन ली थी
25:01भावी भाई को कह रही थी कि गुल की शादी करते थे
25:04अच्छा और मज़े की बात है कि भाई ने शादी का सुनते ही इंकार कर दिया
25:10इसलिए तो मैडम का मूट खराब है
25:12ऐसे हैरत है
25:15सुरया को अचानक तुमारी शादी का ख्याल कैसे आगया
25:20अरे ये छोड़ें कैसे ख्याल आया इस बात को रहने ने
25:24खुशी मुझे सिर्फ इस बात की कि भाई ने शादी से इंकार कर दिया
25:28और इस बार मुझे कोई गिला नहीं है उनसे
25:30अच्छा मा किचन का बस थोड़ा सा काम है वो समेट लूँ
25:36उसके बाद मैं खाला की घर जाओंगे
25:38एहमर से ना कुछ चीज़े समझने मुझे
25:40एहमर तो इस वक्त दफ्तर नहीं चला गया होगा
25:43तुम शाम को चुली जाना
25:45बलके ऐसा करो एहमर से को कि दफ्तर से बापसी पर यहां से होता हुआ घर चला जाए
25:52अम्मा आज वो आफस नहीं गया
25:55नो तीन घंटे के बात है वापस आजोगे
25:57बचारा बिमार है इसलिए यह नहीं बुला सकती वहीं से होकर आजोगे
26:01अल्ला बच्चे को सिहत दे आमीन
26:05मेरे तरफ से भी पूछ लेना उसकी तवियत अच्छा
26:09और सुनो उसका ज्यादा दिमाग नहीं खाना अच्छा
26:13नहीं खपाती आपके बतीजे का ज्यादा सथ
26:16आगे मेरा काम नहोता ना तो मैं जाती भी ने और जल्दी वापस आजोंगे
26:20मैं क्या करूँ अम्मी
26:30उन्होंने तो मेरी कोई बात ही नहीं सुनी और जट से मना कर दिया
26:34क्या साफ जवाब दे दिया
26:37मैं तो खुद भी हैरान।
26:39मेरे इशारों पर चलने वाले शोहर को हुआ क्या है
26:43जो भी हुआ
26:45हमारे को तो साफ इंकार हो गया ना
26:47हो गया ना
26:48जबान का सवाद ही कमा दिया तुम्हारी बातों में आके मैंने
26:51कल तो बलट है कि उसे कह गई थी
26:53वह रिच्टा पका समझो
26:55हां तो मुझे क्या पता था
26:57कि वह अचानक से वार कर देंगी मुझ पर
27:00मैं तो खुद भी अभी तक सदमे में हूँ
27:02चलो बात अगर हम दोनों मा बेटी में होती न तो ठीक था
27:07अरे मैं पागल तुम्हारी बातों में आके मैं नफीस को बताओ बेटी हूँ
27:11तो क्या हो गया है अम्मी कौनसा नफीस भाई का रिष्टा पहली बार तूटा है
27:16दो-चार मंगनिया पहले से तूट चुकी है उनकी बूल गई है शायद आप
27:20और मैंने कब कहा है आपसे कि मैं अपनी शोहर को मना नहीं सकती
27:24जिसने एक बार में इंकार कर दिया अब वो क्यूं मानेगा
27:28मान जाएंगे अम्मी
27:31ज्यादा देर मेरी मर्जी के खिलाफ टिक नहीं सकते हैं वो
27:36मेरा शोहर मेरे इशारों पर चलने वाली कटपुतली है
27:40और रही बात नफीस भाई की
27:44तो जाकर उनसे कहिएगा कि जहां इतना टाइम कमारे रहे ना
27:49वह दो चार महीने और सही खयामत नहीं आ जाएगी
27:52चलो नफीस को छोड़ो तुम ये बताओ मुमी को बनाओगी कैसे
27:57ये तो आप मुझ पे छोड़ते हैं अम्मी
28:01इस घर में होगा वो ही जो मैं चाहूँगी
28:06हाँ इस बात का तो मुझे यकीन है
28:09कि हो ता वो ही है जो तुम ने सोचा होता है
28:12आप से बाद में बात करो
28:15बिलाल उटकिया
28:17आओ भई फिर से जाग गए
28:34जो आप से एकिशए लग्या
28:35तुम आप से जोड़ते हैं
28:39कि अजए आप से जोड़ते हैं
28:41आप से लिए एक जोड़ते हैं
29:01गरिएप किशए आप से एकिशएू
29:02क्या बात है मूट खराब है
29:12अब अमी ने कुछ कहा या पिर गुल ने
29:15आपकी अमा तो नमाज के बाद सो जाती है
29:22और बेहन वो पढ़ाई के बहाने से खाला की घर चली जाती है
29:28तो ये बात है गोल यानि के अपने इसे का काम करवा के नहीं गई
29:35काम की बात नहीं है जाननी जाती मेरी काम से
29:39तो फिर क्या हुए बस और कात पता चल गई है मुझे अपनी
29:46कि क्या हैसियत है इस घर में मेरी
29:48एक बात कही आप से
29:51और मू भरकर कैसे आपने मेरे भाई के रिष्टे के लिए इनकार कर दिया
29:54यह नि किस बात का गुस्स है तुम
29:58सुरिया
30:01रात कई बात कई
30:03मैं तो रात कई भूल गया था तुम भी भूल जा
30:05मैं नहीं भूलूँगी
30:07और गुस्सा नहीं हूं मैं दुख हो रहा है मुझे
30:11इस घर में नेक नियत से किया गया काम भी उल्टाइब मतलब लेकर समझा जाता है
30:18मुमानी और गुल की बात और है वो तो करती रहती है इस तरह आपको क्या हो गया है
30:23देखो सुरिया मैं समझ सकता हूँ कि तुम जो कुछ कर रही हो मेरा बोच हलका करने के लिए कर रही है
30:40लेकिन तुम ठंडे दिमाग से सोचो ये ये बात हो दी ये रिष्टा तुम्हें बेतुका नहीं लगा
30:47आपके लिए कर रही हूँ क्या आपको बोच काम हो
30:51और आप आप आपके मेरी भाई के लिए मना करें अच्छा सुरिये मेरे दिमाग मत कहूँ
30:58मैं दुकान पर जा रहा हूँ में बापत साता हो ना फिर करते हैं इस बारे में बापत रुकिये रंच बाक्स लेकर आँ आँ आपका
31:21आपको अपक्ड़ के कपड़ें बहुत द्यान से दो ना तो कोई कलर खराब हो और ना ही बटन तूटे पहले कभी शिकायत हो यह बाजी अपको चलो बाते नहीं
31:41असलाम अलेकूं वालेकूं असलाम मेरी बच्ची जीती रो आप तर अशे मिल रहे हैं जिसे में पहली बार आई हूँ अच शरीर हो तूँ चाह अम्मा कैसे हैं अम्मा बिल्कुल ठीक है इन एमर कहें एमर अपने कमरे में तब यह तुसकी ठीक नहीं है मेरी तो सुन सा रह
32:11प्याँ
32:41बूजो तो जाने
32:43यह वसीम तू है ना मैं चानता हूँ
32:49तुम्हे मेरी आवाज वसीम लग रही है
32:52मजाग कर रहा था मुझे पता था तो मुझे पता था तो मुझे और यह क्या
32:57तबियत खराब है और फिर भी लैपटॉप खौल की बैठे हो
33:00जब यही काम करना था तो आफिस चली जाते
33:03काम नहीं कर रहा है एक बहुत इंपोर्टन एमेल है
33:07वो बेच दे हैं मझे
33:08लो बंद कर दिया लैपटॉप
33:19खुश अब अब बताओ क्या बात थी
33:22खुश लेकिन ज्यादा खुश मैं तब होगी
33:26जब मुझे अलगरेथम समझाने के बाद
33:28तुम खाला की बात मानके डॉक्टर के पास जाओगे
33:31अब तुम हमी की तरह शुरू मत हो जाना यार
33:35अरे भाई इस वक्त में बहस के मूड में बिलकुल भी नहीं
33:39और हाँ मेरे पास एक बहुत अच्छी न्यूस भी है
33:42लेकिन अगर तुम बात नहीं मानोगे तो फिर चीक है
33:45अच्छा मैं चला जाओगगा डॉक्टर के पास अब बताओ क्या बात
33:48सुरेया भाई मेरी शादी करवाना चाहती है
33:52पता नहीं लोकिन हाँ नॅमी भाई को मशवरा दे रहीं थी
33:55कि गुल की शादी करके गुल को रवाना कर देते इस घर से
33:58मैं तो परिशान होगई
34:00लेकिन शुकर रहा लगा थूडी देवाए भाई ने खुद ही कह धिया
34:03कि नई गुल की शादी अभी नहीं होगी
34:05भाबी किसे चाह रही है तुम्हारी शादी करवाना
34:09भाई किसे कहा कब और कैसे ये सब तो मुझे नहीं पता
34:13लेकिन शुकर है लगा कि बाद अपने आप ही खत्म हो गए
34:16परना मैं तो बहुत परिशान हो गई थी उस सुनकर
34:18और तुम्हें तो पता ही है
34:21सुरया भाबी मुझे पसंद नहीं करती न कि मैं उस घर में रहूं
34:27उनको मेरा वजूद अच्छा नहीं लगता
34:29इससलिए फुचाती है कि जल से जल मेरी शादी हो रहे
34:33और मैं उस घर से चली जाओ
34:34अच्छा मुझे लगा कि शायद तुम्हारा कोई रिष्टा वोगेरा है
34:38तौपा है
34:41मुझे कोई शादीवादी का शौक नहीं है
34:43और अल्ला ना करे कोई रिष्टा है
34:46क्यों?
34:48मेरे मतलब है
34:49किसी को पसंद करती हो
34:52हर्गिज नहीं भई
34:54और ना ही मेरे पास इन फुजूलियाद के लिए कोई टाइम है
34:57अच्छा
34:59क्वश्टन को बदलता हूं
35:01इस तरह पोछ लेता हूं
35:02क्या तुम्हे कोई पसंद करता है
35:05बकवास बन करो आपनी
35:07ना ही मुझे कोई पसंद है
35:08और नहीं मुझे शादी करनी है
35:10और नहीं मुझे कोई पसंद आएगा
35:11इसलिए आप इस टॉपिक को खतम करें
35:14वन्ना मैं तुम्हारा सर तोड़ दूगी
35:15टॉपिक तो तुमने शुरू किया था
35:17मैं तो बस सवाल कर रहा था
35:19कि होता है नॉर्मली
35:20नहीं आपको कोई पसंद होता है
35:22तो शायद मैंने सोचा तुम्हे कोई पसंद होगा
35:24खुदण के लिए मुझे माफ कर दो
35:27मुझे बहुत बढ़ी गलत ही हो गई
35:29कि मैंने तुम से ये बात कर ली
35:30तौबा है
35:32तुम तो सुरय्या भाभी से भी जादा जरा करते हो
35:50आत मांगू रब से हर कदम तेरा साथ
35:57अब कटेना सफर ये तनहायारा था मने मेरा है
36:07रिष्ट दुझ से हुआ हर तको

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