सवाईमाधोपुर/चौथकाबरवाडा. चौथ माता मेले की माह की संकट चतुर्थी पर एक हजार फिट उंची पहाडि पर स्थित चौथ माता मंदिर पर श्रद्वालुओ का ताता लगा रहा। यहा श्रद्वालुओ की माता के प्रति आस्था देखने को मिली। घना कोहरा औंस की बुंदों के बीच ठिठुरती सर्दी में माता का जुनुन श्रद्वालुओ के सिर चढ कर बोलता रहा। तेज सर्दी की परवाह किए बगैर लाखो की तादात में माता के दरबार में हाजिर होकर मथा टेक कर अपने परिवार की कुशलक्षेम की कामना की। श्रद्वालु माता के दर्शन करके निहाल हो गये। भीड इतनी थी की हर श्रद्वालु माता की एक झलक पाने को लेकर आतुर नजर आया।
संकट चतुर्थी पर श्रद्वालुओ ने माता के आगे झोली फैलाकर कर माता से सुख समृद्वि की एंव खुशहाल जीवन की मनोतिया मांगी। शुक्रवार को मुख्य मेले में मगंला आरती के समय मंदिर में श्रद्वालु की जमकर भीड उमडी। द्रशनार्थीयो को माता के दर्शन करने का सिलसिला देर रात तक चलता रहा। चौथ माता के मंत्री श्रीदास सिंह व शक्ति सिंह के अनुसार देर शाम तक लाखो की दाताद में श्रद्वालुओ ने माता के दर्शन किए। मेला मैदान परिसर से लेकर मंदिर तक दो किलोमीटर मार्ग में हर छोर पर जनसैलाब श्रद्वालुओ का सैलाब नजर आया।
फूल बंगला में विराजी माता
संकट चतुर्थी पर माता पुत्र गणशे के बाल स्वरूप के साथ फूल बंगला झाकी में विराजी। सुबह मंगला आरती के समय छप्पन व्यजंनो का भोग लगाया गया। श्रद्वालु माता की मूरत देखकर भाव विभोर हो गये। मंदिर में भीड के चलते सेवादार तथा सुरक्षा गार्डो को काफी मशक्कत करनी पडी। माता की प्रतिमा देख कर श्रद्वालु वही ठहर जाते और माता को अपनी पीडा सूनाने लगते है। ऐसे में पीछे कतार में धक्का-मुक्की से मुसीबत होने लगती। माता से अरज करते समय कोई भावुक हो जाता तो कोई कनक दण्डत लगाते हुऐ दरबार में पहुचा। कोई अनाज के दाने उछाल कर नये साल में खुशहाली की कामना करता तो महिलाए चौथ माता के पुजा अर्चना कर कहानीया सूनती दिखाई दि।
संकट चतुर्थी पर श्रद्वालुओ ने माता के आगे झोली फैलाकर कर माता से सुख समृद्वि की एंव खुशहाल जीवन की मनोतिया मांगी। शुक्रवार को मुख्य मेले में मगंला आरती के समय मंदिर में श्रद्वालु की जमकर भीड उमडी। द्रशनार्थीयो को माता के दर्शन करने का सिलसिला देर रात तक चलता रहा। चौथ माता के मंत्री श्रीदास सिंह व शक्ति सिंह के अनुसार देर शाम तक लाखो की दाताद में श्रद्वालुओ ने माता के दर्शन किए। मेला मैदान परिसर से लेकर मंदिर तक दो किलोमीटर मार्ग में हर छोर पर जनसैलाब श्रद्वालुओ का सैलाब नजर आया।
फूल बंगला में विराजी माता
संकट चतुर्थी पर माता पुत्र गणशे के बाल स्वरूप के साथ फूल बंगला झाकी में विराजी। सुबह मंगला आरती के समय छप्पन व्यजंनो का भोग लगाया गया। श्रद्वालु माता की मूरत देखकर भाव विभोर हो गये। मंदिर में भीड के चलते सेवादार तथा सुरक्षा गार्डो को काफी मशक्कत करनी पडी। माता की प्रतिमा देख कर श्रद्वालु वही ठहर जाते और माता को अपनी पीडा सूनाने लगते है। ऐसे में पीछे कतार में धक्का-मुक्की से मुसीबत होने लगती। माता से अरज करते समय कोई भावुक हो जाता तो कोई कनक दण्डत लगाते हुऐ दरबार में पहुचा। कोई अनाज के दाने उछाल कर नये साल में खुशहाली की कामना करता तो महिलाए चौथ माता के पुजा अर्चना कर कहानीया सूनती दिखाई दि।
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