देश की अंतिम सरहद के अंतरराष्ट्रीय रेलवे स्टेशन मुनाबाव पर सोमवार को भारतीय सेना ने 16 दिसम्बर 1971 की याद में शौर्य दिवस मनाया। मुख्य अतिथि पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष स्वरूपसिंह राठौड़ खारा ने कहा कि हम सभी का दायित्व है कि देश की सीमाओं को सुरक्षित करें। उन्होंने 1971 युद्ध के संस्मरण सुनाते हुए बताया कि किस प्रकार कम नफरी होते हुए भी सेना अपने मनोबल से बहादुरी से लड़ी। स्थानीय ग्रामीणों ने सेना का कंधे से कंधा मिलाकर साथ दिया। ग्रामीण साथ नहीं होते तो सेना रास्ता मिलना मुश्किल था। तहसीलदार प्रीतम सिंह ने संबोधित करते हुए भारतीय सेना के पराक्रम की पराकाष्ठा की सराहना करते हुए पाकिस्तान के सौ किमी भीतर घुसकर परबत अली व न्यू छोर फतेह करना सबके लिए गौरवशाली इतिहास बताया। इसके लिए भारतीय सेना को शुभकामनाएं दी।
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00:00We have changed our national flag and our flag of India.
00:05On this auspicious occasion, I would like to say to all the people who have come to India,
00:10to all the Indians who have come to India,
00:13I would like to say to all of you,
00:15We are the best in the world.
00:17We are the best in the world.
00:19We are the best in the world.
00:22We are the best in the world.
00:27We are the best in the world.
00:30We are the best in the world.
00:33We are the best in the world.