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चेन्नई. चेन्नई के पास ईस्ट कोस्ट रोड (ईसीआर) समुद्र तट पर शुक्रवार की रात नीली लहरें चमकती दिखीं। यह प्राकृतिक घटना बायोलुमिनसेंस के कारण हुई जो जेलीफिश और जुगनू सहित कुछ अन्य जीवों के प्रकाश पैदा करने से होती है। इन अविश्वसनीय घटनाओं को नीलंकरै, इंजम्बाक्कम, विल्लुपुरम और मरक्कनम बीच पर देखा गया। प्रकृति के इस हैरतअंगेज और अद्भुत नजारे को देख लोग अचंभित रह गए। कई लोग चमकती लहरों को देखने के लिए दौड़ पड़े जिनकी तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं।

समुद्र की लहरें नीली क्यों चमकती हैं?
समुद्र के रंग में परिवर्तन को हम सी घोस्ट, सी फायर और सी स्पार्कल के रूप में जानते हैं। हालांकि, इस घटना के लिए वैज्ञानिक नाम और स्पष्टीकरण हैं। समुद्र में रंग परिवर्तन को वैज्ञानिक रूप से 'बायोलुमिनेसेंस' कहा जाता है। 'ल्यूमिनस' का अर्थ है चमकना, और 'बायो' का अर्थ है जीवन। समुद्र का नीला रंग जीवों द्वारा उत्पन्न एक फ्लोरोसेंट प्रकाश है। जुगनू या गोल्डन बीटल की तरह, समुद्र में कई मछलियां बायोलुमिनसेंट होती हैं। इसके अलावा, समुद्र में हजारों सूक्ष्मजीव हैं जिसे हम खुली आंखों से देख नहीं सकते लेकिन उन्हें हम चमकता हुआ देखकर आश्चर्य में जरूर पड़ सकते हैं।

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