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00:00जिन्गा लाला के स्टोरीज
00:05हेलो दोस्तो आपका हमारे चैनल पर स्वागत है
00:08कहानी शुरू करने से पहले कृपया हमारे चैनल को सब्सक्राइब कर लें
00:11चलिए कहानी शुरू करते हैं
00:13बहुत समय पहली की बात है
00:16दिपावली का दिन था
00:18पूरा काउ खुशियों से जगमगा रहा था
00:21और सभी लोग अपने अपने घरों की सजावट कर रहे होते हैं
00:24दिवाली के दिन पूरा काउ खुशी से चूम रहा होता है
00:27परन्तो उसी काउ में एक गरीद घर था
00:30जिसमें पूजा अपनी मा सुमन की साथ रहती थी
00:33पूजा अज बहुत उदास पैठी थी
00:36क्योंकि उसके घर में दिवाली की सजावट के एलिए पैसे नहीं थे
00:39वह इस बात से तंग होकर अपने घर के बाहर पैठी जाती है
00:42पूजा बहुत गहरी सोच में होती है
00:45कि तभी वहाँ एक बूडी दादी आ जाती है
00:49वह दादी थोड़ा और आगे बढ़कर पूजा के पास चाती है और कहती है
00:52कि तभी वहाँ एक बूडी दादी आ जाती है
00:55बूडी दादी देखती है कि पूरा गहर तो सजावट से जगमगा रहा है
00:59और पूजा के घर पर एक भी दिया नहीं है
01:02वह दादी थोड़ा और आगे बढ़कर पूजा के पास चाती है और कहती है
01:07बेटा क्या तुम मुझे खाने को कुछ दे सकती हूँ
01:11मैंने दो दिनों से कुछ नहीं खाया है और मेरे पेट में भूग भी लगी है
01:16क्यों नहीं दादी मा अंदर आ जाये मैं अभी आपको कुछ खाने को दीती हूँ
01:20भगवान तुमारा भला करे
01:23इसके बाद वह पूधी दादी पूजा के साथ अंदर चली जाती है
01:26अंदर जाकर पूजा अपनी मा को सारी बात पताती है
01:30पूजा की मा दादी मा के लिए खाना लेने किचन में जाती है
01:34और देखती है कि वहां तो केबल दो रोटी ही पढ़ी है
01:37वह बिना सोची समझे वह दो रोटी दादी मा के लिए उठा लेती है
01:42ये लेजे दादी मा पूजन खेलेजे हमारी घर में केबल तोई ही रोटी है
01:47दादी मा पूजा के सच्चे भाव को देखकर खुश हो जाती है
01:50और चल्दी से वह दो रोटी खा लेती है
01:53दादी खाना खाने की बात कहती है
01:56क्या बात है प्यारी बच्ची तुम आज इतनी उदास क्यों हो और तुम घर की पार अकेली बैठे किस रोज में थी
02:03आज तो दिवाली का तयहार है पूरा गाउ खुशयों से चूम रहा है और तुम उदास क्यों हो
02:10कुछ नहीं दादी मा दादी मा हम बहुत गरीब है हमारे पास दिवाली मनाने की पैसे नहीं है
02:15पिता जी की गुजर जाने की बात मा घर का जाड़ो पूचा करके जैसे दैसे घर चलाती है
02:20पैसे नहां होने की कारण मा मेरा एड्मिशन स्कूर में नहीं करा पारे है
02:24मैं पूरा दिन घर पर ही रहती हूँ और मेरी खारे चहरे के वदिशे मुझे कोई दोस्ती भी नहीं करता
02:30बेटा तुम गरीब हो तो क्या हुआ तुम्हारा दिल बहुत साफ है तुम ने मुझे खाने को दू रूटी दी
02:37और तुमने मुझे अपना समझ कर सारी बात पताई इसलिए मैं आज तुम्हे दिवाली के दिन एक किफ़ देना चाहती हूँ
02:43यह लो यह एक जादूई दिया तुम रख लो प्यारी बेटी यह दिया तुम्हारी जिंदगी को खुश्यों से भर देका और आज के बाद तुम्हारी जिंदगी में रोषनी ही रोषनी होगी तुम दिये से कुछ भी मांग सकती हो तुम से जो मांगोगी तुम्हे चुट
03:13पूजा दादी मांके दिये हुए जादूई दिये को देखकर बहुत खुश होती है दादी मां भी वो जादूई दिया देकर वहाँ से आगे की ओर चली जाती है इस तरह दादी मां आगे गाउं की सबसे अमीर लड़की डिम्पल के ख़र जाती है डिम्पल उस समय बटाक
03:43चाकर पाने पेलीजे इतना कहेकर डिम्पल वापस अपने खेलने में लग जाती है मुसीबत में काम ना आने की कारण दादी मां उससे गुस्सा हो जाती है और उससे श्राब देकर चली जाती है वही दूसरी तरफ पूजा उस जादूई दिये से कहेकर धी सारा स्वाधि�
04:13दूसरी तरफ डिम्पल के पिताजी को व्यापार में एक बहुत बड़ा लोस होता है जिससे उसका घर निलाम होने की खबर आ जाती है
04:21हे जादूई दिये मेरी मा के लिए एक वाशिंग मशीन ला दो ताकि उन्हें अपने नरम हातों से कप्रे ना धोने पड़े
04:28पूजा के ऐसा कहते ही वह जादूई दिया वहाँ एक वाशिंग मशीन प्रकट कर दिता है यह सब देखकर वह मा बेटी पहुत खुश होते हैं
04:36और खुशी-खुशी जादूई दिये के साथ तिवाले का तिवहार मनाते हैं
04:41बेटा जादूई दिये का इस्तिमाल हमेशा ऐसी तरह करना और इससे कई लोगों की मदद भी करना इसी तरह दिल निकल रहे थे और अब पूजा के इस्तिती पहुत अच्छी हो गई थी
04:52वही दूसरी तरफ टिमपल का खार पिक जाता है और वह सड़क पर आ जाते हैं
04:58जब कि अब पूजा स्कूल जारे लगी थी और पहुत मन लगा कर पढ़ाई करती थी
05:03पूजा जादूई दिये के मदद से रोजाना गरेबों की मदद किया करती थी और उन्हें मुफ्त में खाना बाता करती थी
05:10एक दिन की बात है पूजा स्कूल से घरा आ रही होती है कि तभी उसे राजती में टिमपल दिखाई देती है
05:17अरे टिमपल बहन तुम्हारी हालत कैसी हो गई और तुम इस फटी पुराने कप्रे में कैसे आ गई
05:24इसके बाद टिमपल पूजा को सारी कहानी सुनाती है कि किस तरह उसके बिताजी को व्यापार में एक बहुत बड़ा लॉस हुआ और उनका घर मकाल सब बिक गया
05:34यह सब सुनने की बात पूजा डिमपल की मदद करने का फैसला करती है और वह उसे अपने घर ले जाती है
05:53डिमपल पूजा को रात और रात अमीर होता देख कुछ समझ नहीं पा रही थी और वह उसे पूछ लेती है
05:59अरे पूजा बहन अगर तुम बुरा न मानो तो मेरे मन में एक सवाल आ रहा है तुमारी इस तरह किसमत कैसे चमक गई और तुम रात और रात अमीर कैसे हो गए
06:09मासूम पूजा बोड़ी दादी की वह बात भूल जाती है और डिमपल को सारी बात बता देती है
06:15इसके बाद पूजा डिमपल के साथ जादुई दिये के पास आती है और उसे अपनी गलती पर बहुत पश्टावा होता है डिमपल पूजा की इस हरकत पर हसने लगती है और बहाँ से चली जाती है
06:35इसके बाद पूजा अपनी मां को सारी कहानी सुनाती है यह सब सुनकर पूजा की मां को बूड़ी दादी की बाते आदाती है
06:51तुम्हे बूड़ी दादी ने कहा था ना कि इस जादुई दिये कर हैसे किसी को पता नहीं चलना चाहिए तो तुम ने डिमपल के सामने इस जादुई दिये का अस्तमाल क्यों किया अब मैं क्या करो मैं मुझसे पहत पड़ी गलती हो गई अब तुम्हारी मदद भगवान
07:22पूजा उस दिन तुम्हारी घर में बूड़ी दादी का भीज़ पना कर मैं ही आई थी और मैंने तुम्हे कहा था कि इस जादुई दिये का अस्तमाल कभी किसी दूसरे के लिए मत करना फिर भी तुम ने ऐसा किया अब तुम्हे ऐसे ही रहना होगा
07:39मुझे माफ़ कर दो परी जी मैं आपके पाते भूल गई थी और मैंने दिखावे के चक्र में टिमपल के साम्य में पर जादु कर दिया आगे से ऐसा कुछ नहीं होगा
07:48इसके बाद वा परी पुजा से प्रामिस लेती है कि वा कवे भी इस दिया का इस्थमाल दिखावे में नहीं करेगी और इससे सदैब लोगों की मदद करेगी और थोड़ी देख बाद परी अपनी जादुई चोड़ी से दिया की रोशनी वापस ला देती है
08:03बहुत समय पहले की बात है एक काउं में दो सहेलिया डॉली और मधुबाला रहती थी दोनों एकी क्लास में बढ़ती थी और सदैब एक साथ ही स्कूल आया जाया करती थी डॉली जोकी काउं के सेट की बेटी थी उसके पिता हेरालाल के पास रुपय पैसों की कोई कमी नही
08:33अपना गुज़ारा किया करते थे दोनों सहेलियां एक साथ आया जाया करते थे और एकी साथ क्हेलते थे इसी तरह दिन निकल रहे थे धेरे धेरे पैसों के घमन की कारेण डॉली को घमन डा गया और उसनी मधुबाला के साथ रहना छोड़ दिया अब �
09:03एक आलसी और नकारा लड़की में बदल गई थी।
09:06अब डॉली को स्कूल जाना भी अच्छा नहीं लगता था।
09:09और वह अक्सर इक्जाम में फेल हो जाया करती थी।
09:13परन्तों जैसे तैसे ट्यूशन पढ़ने के बाद
09:16डॉली बारावी क्लास की परिक्षा पास कर लेती हैं।
09:20वही दूसरी दरफ मधुबाला पूरे स्कूल में प्रधम आती है।
09:24इसी तरह दोनों लोगों का स्कूल खतम हो जाता है।
09:28मधुबाला अपनी आगे की पढ़ाई के लिए कॉलेश में अड्मिशन करवा लेती है।
09:32परन्तों डॉली अपने माता-पिता के लयाग समझाने के बाद भी कॉलेश जाना फसंद नहीं करती।
09:37डॉली पूरा दिन फ़री मैकसीन पढ़ती।
09:40दोस्तों के साथ पार्टी करती और कलब जाया करती।
09:43जबकि मधुबाला की माता-पिता उसको पढ़ाई लिखा कर एक डॉक्टर बनाना चाहते थे।
09:48कई महिनों तक जब डॉली कॉलेश नहीं जाती तो उसकी मा उससे परिशान होकर कहती है।
09:54बेटा, आज रात का डिनर तुम्हें मेरे साथ करना है, इसलिए अपना खाना खाने के लिए नीचे टेबल पर आ जाना।
10:00परंतों क्यों मा, मैं अपना खाना अपने कमरे में ही खाऊँगी, मुझे आज रात 1 बज़े मूवी देखनी है।
10:06ठीक है मेरी प्यारी बेटी, परंतों मूवी देखने से पहली एक बार तुम हमारे साथ खाना खाने नीचे टेबल पर आ जाना।
10:12ठीक है मा, मैं आ जाओंगी।
10:14इसके पार, डॉली की मा उसके लिए एक अच्छा खाना टेबल पर लगा देती है।
10:18डॉली देखती है कि आज उसकी मा नहीं, तो उसके फेबरिट फूर्ट बनाये है।
10:22धान्क्यूब सो मच ममी, इस टेस्टी खाने के लिए।
10:25मेरी प्यारी बेटी, आज मैं तुससे एक बात करना चाहती हूँ।
10:30हाँ बोले मा, बेटा, तेरे पिताजी ने तेरे लिए एक रिष्टा देखा है।
10:35अगर तु बोले, तो हम तुम दोनों को मिलवा देते हैं।
10:38मा, आपको तो पता है ना मुझे शादी नहीं करनी, तो फिर क्यों कह रहे हो ये सब।
10:43शादी नहीं करनी, शादी नहीं करनी, बस एक ही रट लगा रखी है तुने।
10:47अब तेरी शादी की उम्र हो गई है और मुझे भी तो अपने दामाद और नाती पोतों का मुझ देखना है।
10:52मेरी सबी सहेलिया नाती पोतों वाली हो गई है और मैं हूँ कि अभी तक तुझे बैठे-बैठे खाने को देती हूँ।
10:58मा, मैंने कहा ना मुझे अभी शादी नहीं करनी।
11:00देख बेटी, अगर तुझे शादी नहीं करेगी तो तेरा बुढापा किसके सहारे बिद्देगा। और फिर अगर तुझे कुछ हो गया तो हमारे देखपाल कौन करेगा। तू तो हमारे इकलोती संथान है। यह सारी जमीन जायदात तेरी है परतु तेरे पाद भी तो क
11:30मुझे तेरी बहुत चिन्ता होती है। पतानी तेरी सास तुझे कैसे जिलेगी।
11:35मा, तुम ऐसी बाते क्यों करती हूँ? चलो ठीक है, मैं शादी कर लेती हूँ.
11:39मैंने एक लड़का देख रखा है, मैं और वो एक दूसरे से बहुत प्यार करते हैं।
11:43कोई बात नहीं बेटी, ये तो और भी अच्छी बात है कि तुझे तेरी पसंद का लड़का मिल रहा है।
11:48तु लड़के को अपने पिताजी से मिलवा दे, हम तेरी शादी करवा देंगे।
11:52इस तरह डॉली अपनी मा से धीही सारी बाते करती हैं।
11:56डॉली ने अपनी मा से छूट कहा कि उसने कोई लड़का देख रखा है।
12:00इस तरह डॉली कए दिन और आराम से बिस्तर पर लेटे लेटे खाती हैं।
12:05और उससे अपनी शादी की सरा भी चिंता नहीं रहती।
12:08एक दिन डॉली की मा वापट उसके पास आती है और कहती है
12:12क्या हुआ बेटी तू तो शादी के लिए लड़का दिखाने वाली थी परन्तु तू तो भूली गए।
12:17तुने शादी का कोई सोचा भी है या नहीं।
12:19अरे हाँ मा मैं बताना भूल गई थी वो रोहित अभी कहाँ गया हुआ है उसके आती है मैं आपसे मिलवादोंगी उसे।
12:25डॉली की बाते सुनकर उसकी मा को शक होता है परन्तु वा कुछ नहीं कहती और आगी चली जाती है।
12:32इसकी बात डॉली मन ही मन कहती है।
12:34यार उस दिन मैंने मा से छूट कह दिया अपने शादी के लिए एक लड़का कहा सिलाओ कुछ न कुछ तो करना ही होगा।
12:41इतना सोचकर डॉली पाहर घूमने निकल जाती है।
12:44डॉली सरड़क पर चली रही होती है कि तभी उससे एक लड़का मदद मांगता हुआ तिखाई देता है।
13:01उस लड़के को उपर से नीचे तक देखने के पाद डॉली के मन में ख्याल आता है।
13:07क्यों ना मैं इस लड़के को चुटी मूटी शादे के लिए त्यार कर लूँ।
13:18इसके बाद डॉली उस लड़के को सारा प्लैन समझाती है और कहती है
13:29इसके बाद डॉली उस लड़के को चार अजार रुपे दे देती है।
13:37शाम के समय डॉली विकास को सबी बाते समझा देती है।
13:42अगले दिन विकास अच्छे कबड़े पहन कर डॉली के ख़र आ जाता है।
13:46उसकी पॉस्णालिटी देख कर डॉली के माता पिता उसे एकी नसर में पसंद कर लेते हैं।
13:50इस तरह कुछ दिनों बार डॉली और विकास की शादी हो जाती है।
13:55सुनु विकास, मैंने तुमसे छूड मूट की शादी की है, इसलिए तुम और मैं अलग-अलग कम्रों में सूएंगे, समझे तुम।
14:01परंतो डॉली, मेरे घर में तो केवल दू ही कम्रे है, एक में मेरी मा होती है और एक में मैं।
14:07वो सब मुझे नहीं पता, अब तुम निकलो यहां से।
14:10डॉली का यह वैवहार देखकर विकास चुप रह जाता है, और अपनी मा की कम्रे में चला जाता है, विकास वही फर्ष पर सोता है।
14:18यह सब उसकी बिमार मा देख रही होती है, परंतो वो कुछ नहीं कहती।
14:24इस तरह डॉली उस दिन से पड़े पड़े बिस्तर पर खाती रहती है। बेचारा विकास डॉली के लिए खाना बनाता है, उसके कपड़े दोता है, और भी घर के सभी काम वही किया गरता था।
14:36डॉली को अपने पिताजी के पैसो का इतना विमान था कि वह स्वेम से उटकरी कलास पानी भी नहीं पीठी थी। इसी तरह दिन निकल जाते हैं, मदुबाला की माता पिता भी मदुबाला की एक गरीग घर में शादी कर देते हैं। इतिफाक से मदुबाला और डॉली का सस
15:06अच्छानक खराब हो जाती है। इतनी खराब तब्यत के बाद भी डॉली विकास की माँ को उटकर पानी भी नहीं देती।
15:12यब आज जब घर आकर विकास की माँ विकास को बताती हैं, तो विकास को बहुत गुस्सा आता है और वह डॉली पर चिलाने लगता है।
15:21डॉली, तुम अपने आपको क्या समसती हो? तुमने चारा जार रुपाई देकर मुझे खरीद नहीं लिया है। तुम इस घर की बहु हो और तुम्हें इतनी समझ नहीं है कि तुम्हें अपनी सासुमा की सीवा करनी चाहिए।
15:31विकास माईंट यू लैंग्विच, कोंट्रेक्ट के मुताबिक मैंने तुमसे चूटी शादी की दी इसलिए मुझे पर अपना हक मच चबाओ। मैं तुमारी मम्मी को हाद भी नहीं लगाओंगी समझी तुम।
15:41विकास लड़ाई चगड़ा नहीं चाहता था, इसलिए वह चुप चाप वहाँ से पाहर चला जाता है। विकास चलता चलता एक नदी किनारे पहच जाता है।
15:50ये भगवान ये तेरी कैसी लीला है। तुने मेरी मां को इतने दिनों से बिमार कर रखा है। मेरे लाक इलाज करवाने के बाद भी मां को आराम नहीं मिलता। मैं बाहर काम पर जाता हूँ। ऐसे में मेरी घर पर मेरी मां के सिवा करने वाला कोई नहीं है। कृपया मेरी म
16:20घर को सही तरीके से नहीं चला रही। ये लो ये एक लेहंगा है। या तुम डॉली को दे देना। वझ जैसे
16:27ही लेहंगा पहने गी उसका स्वभाव विपरित हो जाएगा। और वह एक आलसी लड़की की बचाये मेहनती लड़की बन जाएगी। और तुम्हारी मा की देखभाल भी करेगी। साथ ही तुम इस लेहंगे से खानी पीने के सामान भी मांग सकते हूँ। विकास परी का
16:57जाती है। और इस दिन के पाद टॉली विकास की मा की मन लगा कर सेवा करती है। और घर के सभी काम देखती है।

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