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Bharat ke swatantrata sangram ki samagra gatha

S1.E3 ∙ Freedom Fighter Rani Abbakka and Rani Chennabhairavi

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00:00स्वराज में आज देखिये राणिया बग्गा की महान गाथा
00:30विशाल पूर्तुगाली सेना को चनावती दी थी
00:34एक थी गर्सोपा की राणि चेनना भैरवी देवी
00:39और दूसरी थी लाल की राणि अबक्का
01:00स्वराज में आज देखिये राणिया बग्गा की महान गाथा
01:05विशाल पूर्तुगाली सेना को चनावती दी थी
01:10एक थी गर्सोपा की राणि चेनना भैरवी दी थी
01:15एक थी गर्सोपा की राणि चेनना भैरवी दी थी
01:20एक थी गर्सोपा की राणि चेनना भैरवी दी थी
01:25एक थी गर्सोपा की राणि चेनना भैरवी दी थी
01:30एक थी गर्सोपा की राणि चेनना भैरवी दी थी
01:35एक थी गर्सोपा की राणि चेनना भैरवी दी थी
01:40एक थी गर्सोपा की राणि चेनना भैरवी दी थी
01:48उल्लाल, विजेनगर सामराज्य के आधीन एक छोटा सा राज्य था
01:53और वहाँ की राणी थी, राणी अबक्का देवी
01:59मुझे मिर्तियों का दुख नहीं
02:02दुख तो इस बात का है
02:06कि पूरा जीवन
02:10अफ्मान और विवस्ता की अगनी में जल कर बीद गया
02:18हम उल्लाल के भाग्योदे का स्वपन देख ते रहे
02:24हम उस समुद्री नुटे रहे
02:28हमारी अथेलियों पर दुर्भाग्य की रखाय कीच ते रहे
02:36एक कारण है ऐसे जीवन पर
02:39इसा मत कहिए अम्मा
02:42नहीं अबक्का
02:45ग्लानी तो है मुझे
02:50कि मिर्तियों से बोरू
02:54पुर्टकालियों को उल्लाल की भूमी से भगाने का स्वपन
03:02अधूरा रह गया
03:05शपत लेती हूँ अम्मा
03:07आपका स्वपन मैं पूर्ण करूँगी
03:10परन्तु इसे पूर्ण करना कठिन होगा
03:14असंभाव तो नहीं
03:17असंभाव तो कुछ भी नही
03:21पर उल्लाल जैसे चोटे सेराजी
03:28500 सैनिबल के साथ संभाव कर पाना
03:33आप चिन्ता मत कीजी अम्मा
03:36मेरे पास आपका आशिर्फाद है
03:39और विजेनगर का भी
03:41विजेनगर
03:44विजेनगर के महराज तो यह विचार रखते है
03:49कि राजा हो या राणी
03:52अपनी प्रजाय की रक्षा उन्हें स्वाइम करनी होगी
03:58और यही कारण है
04:03कि आपके मामा थिरुमल रायन है
04:10पहले युद्ध के बाद ही हार माल ले
04:14मैं नहीं मानूंगी हार अम्मा
04:17लडूंगी
04:39रा रा रा
05:00यह अश्रुपाद का नहीं
05:04इनके स्वाप्तमें पूर्ण करने का समय है पुत्री
05:10मेरी अम्मा एक विरांगना थी.
05:13अतहवा मैं अन्हें रोकर नहीं
05:16पलकी उन लाल की माटी को
05:19उन अत्याचारी पुर्टगालियों से मुक्त कराकर
05:23शद्धान जली दोगी.
05:28शपत लेती हूँ, अम्मा.
05:39राणी अबक्का को अपनी ख्षमता पर तो भरूसत थाई.
05:43और इसी विश्वास के साथ
05:46अपनी बेटी राजकुमारी अबक्का को लेकर
05:49सहता माँगने वो विजैनगर पहुंची.
06:01वो देवरे, अम्मा, किता सुनता है, अबक्का.
06:06वो देवरे, अम्मा, किता सुनता है, अबक्का.
06:13सम्पूर्ण विश्व में सर्वश्रेष्ट है
06:15विजैनगर का ये शेहर हम भी.
06:17डस लाख लोगों का बसेरा है यहां.
06:20यहां की मंडियों में बोरियों में भरकर धेर लगाकर
06:23हीरों का व्यापार होता है.
06:25मानो भल और तरकारी का विक्रे हो रहा हो.
06:29और यहां के सम्राथ समस्त विश्व में
06:31सर्वाधिक धनी और सम्रिद्ध माने जाते हैं.
06:36विजैनगर ये केबल भारत में ही नहीं,
06:38बलकि दुनिया के सबसे सम्रिद्ध सामराज्जो में से एक था.
06:44इसकी स्थापना हक्का और बुक्का ने की थी.
06:48विजैनगर की राजदानी थी हम भी.
06:52जो चौदहवी और पंद्रहवी शतापती में
06:56लगभग सो वर्ग किलूमेटर शेत्रफल
07:00और लगभग दस लाख आबाधी वाला
07:03दुनिया का सबसे बड़ा शैर था.
07:07तो आज हम महाराज से भेट करने वाले हैं?
07:10नहीं, हम राजप्रतिनिदी आल्या रामा राय से मिलने वाले हैं.
07:15वे यहां के महाराज कृष्णदेव राय के जाम आता है.
07:19क्या वो हमारी साइता करेंगे?
07:21विश्वास रखे, विश्वास ही तो सफलता की पहली सीड़ी होते हैं.
07:36महाराज, गेरुसोपा हमेशा से विजेनगर की छत्र च्छाया में राहा है.
07:41इसलिए आपकी साइता की अपेक्षा से मैं आपके पास आई हूँ.
07:44राणि चिन्ना भैरवी देवी, महा मंदलेश्म है आप.
07:50और अपनी प्रजा की रख्षा स्वेम करना आपका परम कर्तप है.
07:55क्षमा करें महाराज, परन्तु वे पते हमारी प्रजा पर अत्याचार कर रहे हैं,
08:00मंडियों को लूट रहे हैं और शहस्त्र अपराद कर रहे हैं.
08:05तो उन अपरादियों को दन्डित करते हैं.
08:31आये राणी अपका, आशा है उल्लाल में सब कुशलमंगन होंगे.
08:39आपकी माता के निधन का उझे अत्यांत दुख है.
08:47ईश्वर उनकी आत्मां को शांति प्रदान करें.
08:53कहिए, आपकी माता के निधन का उझे अत्यांत दुख है.
09:00यहाँ आने का कोई विशेश उतेश है?
09:04बस आपके दर्शन की अभी लाशा थी.
09:31अम्मा, यह क्या? हम तो यहां सायता मांग ना आय थे, न?
09:36आपने स्वयम देखा. राणि शिन्ना भैरवी के साथ उन्होंने क्या किया?
09:50तो क्या निर्ण लिया?
09:53तो क्या निर्ण लिया?
09:55यहाँ आत्मां की प्रदान करें.
09:56तो क्या निर्ण लिया?
10:01निर्ण ही तो नहीं ले पा रही हूँ.
10:03कितने भरोसे के साथ आय थी, यहाँ.
10:05राजप्रतिनीति जी ने भले हमारी साहेत आना की हो.
10:09किन्टो एक सीख अवश्य देती.
10:11कि इस युग की द्रौपदी को क्रिशन भी स्वयम बनना होगा.
10:15परन्तु हमारे राजयों का शेत्रफल भी कम है और सैन्यबल भी.
10:19केवल शेत्रफल और सैन्यबल से नहीं.
10:22युद जीतने का सबसे महत्मपूर्ण शस्त्र है आत्मपल.
10:27वैसे भी युद के परिणाम संख्या निर्धारित करते तो
10:31महाभारत का कोई अर्थ नहीं होता.
10:34आप सत्य कह रही है राणिया बक्का देवी.
10:40सिर्फ कहे नहीं रही हूँ.
10:42अपी तो ध्रिद निष्चाय कर चुकी हूँ.
10:45उन तुष पुर्टकालियों को उनका उचित स्थान दिखा कर रहूंगी.
10:48और यही मेरे जीवन का एक मात्र लक्षे है.
10:54लक्षे तो मेरे जीवन का भी समझा दिया है अपने.
10:58और उस लक्षे पर चलने का मार्ग भी प्रशस्थ कर दिया है.
11:02अब हम दोनों के जीवन का एक ही लक्षे है.
11:04अब हम दोनों के जीवन का एक ही लक्षे है.
11:07उन अत्याचारियों को हमारी पावन माटी से जड़ समेथ उखाड फेकना.
11:14बस आशिरुआत दीजिए.
11:24समझने की शक्ती खतम हो गयी है आपकी.
11:28तभी पूर्टगालियों से लोहा लेने की सोच रही है आप.
11:30स्मर्ट रहे. आप विनाश की दिशा में जा रही है.
11:35विनाश तो दिखाई दे रहा है. बगडी की भूमी पर विदेशी ध्वज.
11:41अब तो बड़े गर्व की अनुभूती कर रहे होंगे आप, बगडी महाराज.
11:45गर्व की अनुभूती तो हो रही है, क्योंकि मैं आप की तरह मूर्ख नहीं हूँ.
11:49जिसे आप मूर्खता की संग्या दे रहे हैं, उसे देश प्रेम कहते हैं.
11:53उन पुर्टगालियों को पराजित कर...
11:55पराजित.
11:59ये ना भूले कि वो पुर्टगाली ही थे,
12:02जिनों ने समुत्री की राजधानी कोरी कोड को भी ध्वस्थ कर दिया था.
12:07जबकि उनके पास पंधरा सोप ओते हैं, फिर भी वो कुछ नहीं कर पाए.
12:12और आपके पास केवल पांसो सैनिक हैं,
12:14और आप पुर्टगालीयों को परास्थ करने के स्वापने देख रही हैं.
12:18स्वापने तो अम्मा ने देखा था.
12:21मैं केवल उसे साकार करने चली हूँ.
12:24स्वापने?
12:26आपकी अम्मा का शरीर और मस्तिश्क दोनों वृद्ध हो चुका था.
12:31अपनी माता और मात्रभूमी के विरोद एक भी शब्द सुनने से पूर्व,
12:36मैं बधिर होना सुविकर करूँगी.
12:39अन्यता उस विश्व मुख को सदेव के लिए मूख कर देना.
12:43और आपको भी स्मरण रहे, कि आप मेरी धरम पत्नी हैं.
12:46अम्मा, अप़ा, मैं सोमेश्वरा मन्दिर जा रही हूँ.
12:52नहीं पुत्री, आपको बदिर होना सुविकर करूँगी.
12:56अपनी माता और मात्रभूमी के विरोद एक भी शब्द सुनने से पूर्व,
13:00मैं बधिर होना सुविकर करूँगी.
13:03सर्वप्रथम मैं एक राणी हूँ, और अपनी रजा की रक्षा करना एक राणी का परम कर्तव्य है.
13:09अम्मा, अप़ा, मैं सोमेश्वरा मन्दिर जा रही हूँ.
13:15नहीं पुत्री, सोमेश्वरा मन्दिर तो पुर्टगालियों के दुर्ब के समीप है, वहाँ जाना सुरक्षित नहीं.
13:22कोई भी स्थान हमारे लिए असुरक्षित तक तक है, जब तक हम अपनी रक्षा करने में सक्षम ना हो.
13:29और आपको तो मैंने साहस से सीच कर सक्षम बनाया है.
13:34यदि कोई आपके ऊपर वो द्रिश्टी डालने की चेश्ठा करे, तो बास की तरह जपट कर उसे द्रिश्टी हीन कर देना.
13:43क्यी है अम्मा?
13:47चलिए, आपके आभूशन चैन कर देते हैं.
14:04है प्रिंसेस, आये, आये, मेरे साथ आये.
14:10देखिये, आपके शादि की तयारी कितनी अच्छी से किये है.
14:19है, एक बार पीछे तो देखिये, प्रिंसेस.
14:34प्रिंसेस, आपको मुझसे नहीं, किसी और से शादि करनी है.
14:39जो आपके कास और आपका अपना, जो आपके साथ मैरिज करने के लिए बेचान है.
15:04पूर्तुगाली कैप्तिन रिबेरो राजकुमारी अबक्का का विवाह,
15:09अपने तोस्त और वीर नरसिमः के भाँजे लक्षमन अपपा से करवाना चाहता था.
15:15ताकि इस विवाह के बाद लक्षमन अपपा उललाल का राजा वन जाये
15:19और सत्ता पूर्तुगालियों के हाथों में आ जाये.
15:23परन्तु बना बगडी का भावी राजा है.
15:27और यदि हमारी पुत्री का विवाह भतीजे के साथ हो जाता है, तो इसमें अनुचित क्या है?
15:34यही हमारी परंपरा भी है?
15:35परंपरा! अपनी पुत्री का अपहरन कर इस बुद्धीहीन के साथ उसके विवाह की योजना करना परंपरा है. और वो भी उन पुर्तुगालियों के साथ मिलकर.
15:45बामी, मुझे लगा आप विरोध करेंगी. इसलिए आपको बताना उच्छित नहीं समझा. और रिबेरो तो मेरा मित्र है.
15:57शत्रु और मित्र के अंतर का बोध नहीं है आपको? अब बोध हैं आप? क्या आपको इतना भी ग्यात नहीं कि पुर्तुगालियों की मनशा क्या है? अपने अधिन करना चाहते हैं वो उल्लाल और बगडी को. यदि इसी प्रकार आपने हमारे शत्रुवों से मित्रता नि�
16:27वैसे भी आप जैसे मन्द बुद्धी
16:30जिन्ने और्टों का आदर तक ना करता आता हूँ.
16:33वो ना तो मेरी पुत्री के पती बनने के लायक हैं
16:35और ना ही प्रजापती.
16:37राणी अबक्का, आप मेरे परिवार का अनादर कर रही हैं.
16:42पुत्री, मन्तरी से जाकर कहिए
16:44कि महाराज के साथ भेट की हमारी अवधी समाप्थ हो चुकी है.
16:49अब हमें यहां से जाने की वियवस्था करनी जाएँ.
16:53और हाँ, अपने लिए योग्य वर का चैन आप स्वयम करेंगी.
16:57मैं केवल विवहा का निमंधरन दूँगी और वो भी उनको जो स्थ्रीयों का आदर करना जानते हूँ.
17:03राणिया बक्का, आज आपने सारी सिमाय लाँ दीं.
17:20राणिया बक्का, उचित नहीं कर रही हैं आप.
17:23उचित नहीं कर रही हैं आप.
17:25अपने पती के विरोध का अधर्म कर रही हैं आप.
17:28राणिया बक्का.
17:29मामा, इनमें इतना अहंकार इसलिए
17:34क्योंकि ये राणी के पद पर विराजमान है.
17:38विचार कीजिए, अगर इनसे इनका पती छीन लिया तो
17:43और छीनने में, लूटने में
17:46समुद्री लूटेरों से बड़ा और कौन?
17:50वैसे भी मुझे मेरी प्रीया मामी को
17:53अपनी और रिबेरों की मित्रता से तो
17:56अफकत कराना ही होगा.
18:03राणिया बक्का को कई अगनी परिक्षायें देनी पड़ी.
18:06एक पतनी होकर, अपने पती का विरोध करना पड़ा.
18:12एक मां होकर, अपनी बेटी का विवाह
18:15उसके पिता की इच्छा के विरुद्ध कराना पड़ा.
18:19पर उन्होंने जो भी कदम उठाये,
18:22उसमें राज और प्रजा की भलाई ही निहित थी.
18:25पर राणे अवक्का ये अच्छी तरह समझ चुकी थी,
18:29कि आप, उन्हें ज्यादा साउधान रहने की आवश्यता हैं.
18:34इसलिए अपने पती के महल को छोड़कर उलाल पहुँचते ही,
18:40उन्होंने अपने किले को और सशक्त बनाने के लिए,
18:45मरम्मत का काम शुरू करवाया.
18:48पर उनके हर छोटे बड़े काम पर पूर्तुगालियों की पैनी नजर थी,
18:54क्योंकि राणे अवक्का पूर्तुगालियों के लिए एक चनावती बन चुकी थी.
19:00काफी बिज़ी लग रहे हो आप?
19:04अपने आवास का ध्यान देना अथि आवशक हैं,
19:08परन्टु आप नहीं समझेंगे,
19:11क्योंकि आपका अपना आवास ही नहीं,
19:14अतिति है ना आप?
19:16मैं आतिति नहीं, अतिति नहीं.
19:18अतिति तो भगवान का रूप होते हैं,
19:21हम भारतवासीयों ने आपको अतिति समझा,
19:24परन्टु आप तो परजीवी निकलें.
19:27लेकिन, मैं आपको अलध करने आया हूँ,
19:30कि हर पुर्थिकाल यहाँ पर परजीवी निकलें,
19:32पर यह तो आब़ास होगा, कि मेरे कमांदर बहुत गुश में है,
19:37आपने अभितक बिता बहुत लगते हैं,
19:40आपने आकको वदिखवान, सवय हो,
19:43एक बड़ी करती था, आपको पड़ी करती था,
19:47आपने बहुत लगती हैने आबहास हो,
19:49प्रसनिता हुई ये जानकर, कि आप लोगों में कोई अच्छा भी है, मुझे तो आभास ही नहीं था।
19:55पर ये तो आभास होगा कि मेरे कमांडर बहुत गुस्सम है, आपने अभी तक पिछला ठाक्स भी फेय नहीं किया, और फिर भी रिसोर्स यूज़ करती चार रहे हो।
20:08वैसे एक बात बताओं, वो हिंसा पे दुश्वास नहीं करते हैं।
20:14और मैं उन पे, वो आपके सेनापती हैं, मेरे नहीं। उललाल की राणी हूँ मैं, और मैं वही करूँगी जो मेरी प्रजा की हित में होगा।
20:23प्रजा की बहुत चिंता हो रहे हैं ना, तो कीजे चिंता, क्योंकि शायद पुर्टगाली तोप के गोले आपकी प्रजा की वैट कर रहे हैं।
20:38गिद्धो के श्राप से काय नहीं मरा करती। आप अपनी चिंता कीजे, हमारी नहीं।
20:53देवी, धैरे रखिये, उत्यजित मत होये, हमारे पास केवल पांसो...
21:16ग्यात है, ग्यात है मुझे कि हमारा राज्ये बहुत चोड़ा है, बड़े बड़े राज्ये भी पुर्टगालियों को पराजत ना कर पाए।
21:25ये भी भली भाती ग्यात है कि हम अपना सरवस्व समर्पन करने जा रहे हैं, परन्तु आप ही बताये, खशंचण मरन हो, ऐसे जीवन का क्या अभीप्रा है, गौरव और सम्मान की मृत्यू से क्यों ना इतिहास रचा है।
21:44कौन कहता है कि हमारे पास सिर्फ पांच सो सैनिक हैं, उनलाल की पूरी जनसंख्या दो हजार हैं और हम सभी मिलके आपके लिए सैनिकों की समान लडेंगे।
21:59आये प्राज्ञों चौन करते हैं, स्वाभी महार समसे बढ़कर, अमेट्रिका समसे बढ़कर।
22:14उडफी के रसोईयों की तो कोई तुलना ही नहीं, क्या स्वाधिष्ट भोजन बनाते हैं, गेरुसुपा की मिर्च आकार में बढ़ी होती है, परन्तु इतनी स्वाधिष्ट नहीं होती।
22:26वो क्या कहते है, पेपर, पुर्टुगाली आपको किस नाम से पुकारते हैं?
22:35पेपर कुईन अम्मा.
22:36हाँ, वही, तो किसी भी वस्तु का महत्व उसके आकार पर नहीं, उसके गुनों पर निर्भर करता है, अन्यता समुद्र के निकट कुएं की आवशक्ता ही नहीं होती।
22:53अम्मा, आप सीख देने का कोई भी अफसर वेर्त नहीं जाने देती.
22:58और इसी आवसर का लाब उठाने, तो मैं आपकी अम्मा की छटर चाया में आई हूँ. क्या सोच रही है आप?
23:09यही कि नजाने विजैनगर सामराज्य की छटर चाया कल हम पर हो या ना हो.
23:17आप आकरमण क्यों नहीं कर रहे हैं जनरिल पिक्सैटो? इस बात की प्रतिक्षा कर रहे हैं बाप? चिनना भैरवी भी अबक्का से भेट करने आई थी.
23:37और मुझे पूरा विश्वास है कि अबक्का उसे अपने रंग में रंग कर आपके विरुद्ध कर देंगी.
23:45साइका, क्वीन अबक्का बहुती गमन्ड ही है. आप बस ओर्डर दीजिये, मैं पूरे उलाल को पोप से उरा दूँगा.
23:56अबक्का नहीं बस ओर्डर दीजिये. क्वीन अबक्का के पास सिर्फ पाच सो सेनिक है, लेकिन विजेनागर के पास काई सो जियादा.
24:07पूरे यूरोब में जीतने तोपे है, उससे भी आधिक तोपे के वाल विजेनागर के पास है. इसलिए हमें सोच समझकार, देसीज़ करने के लिए हमें पूरे यूरोब में जीतने तोपे है, उससे भी आधिक तोपे के वाल विजेनागर के पास है.
24:38अम्मा, एक प्रेशन पूछो. आप कभी किसी से भैबीत नहीं हुई? कौन कहता है? साहसी होने का अर्थ ये नहीं कि हमने कभी भैव का सामना ही ना किया हो.
24:53आप कभी किसी से भैबीत नहीं हुई? कौन कहता है? साहसी होने का अर्थ ये नहीं कि हमने कभी भैव का सामना ही ना किया हो. आप कभी किसी से भैबीत नहीं हुई? कौन कहता है? साहसी होने का अर्थ ये नहीं कि हमने कभी भैव का सामना ही ना किया हो. आप कभी किसी से भै
25:23आप कभी किसी से भैव का सामना ही नहीं किया हुई?
25:26सामराज ये इतना बड़ा, उतना ही बड़ा उसका पतन.
25:32आल्या रामा राय निसंदहे एक अच्छे शासक है.
25:36किन्टु अब उनकी आयू नप्बे वर्ष की होने वाली है.
25:39अब समय आ गया है स्वयम पर भरोसा करने का
25:43और दई मित्र का चायन करने का.
25:45इसलिए मैं आज ही कोरी कोर के सामुत्री पार्ट को संदेश भेज रही हूँ.
25:52पुत्री संभल कर.
25:55परन्तु अम्मा, विजेनगर समराज के संबन्ध
25:59उनके साथ अच्छे नहीं है.
26:01तो क्या वो हमारी साइता करेंगे?
26:04समीप का शत्रू दूर के मित्र से अधिक उप्योगी होता है.
26:08और राजनीती में शत्रू का मित्र बन जाये और मित्र शत्रू
26:12यह कहना कठिन है.
26:15यदि विजेनगर के संदध में मेरा जो आभास है वो सत्य हुआ
26:20तो हमें समुत्री पाड़ के अवशक्त अवश्य पड़ेगे.
26:24और वैसे भी पुर्तगाली उनके भी दुश्मन है और हमारे भी.
26:28इसलिए मुझे पूरा भरोसा है कि शत्रू की समानता
26:31हमारी मित्रता का कारण बन सकती है.
26:34अब अक्का के मन में पल रहा विजैनगर के पतन का डर सही साबित हुआ.
26:41सन 1565 के तालीकोट युद्ध में विजैनगर के महराज अलिया रामराह की मृत्ति हो गई.
26:51जेविया!
26:58जन्नर पिक्सेट हो.
27:00जन्नर पिक्सेट हो.
27:02विजैनगर का तो विराश हो चुका है.
27:05अब उलाल को नश्ट करने में क्या परिशानी है?
27:08नहीं, कोई परिशानी नहीं मैं फ्रेंद.
27:12हम बहुत जालदी किनाबाका को मार देंगे.
27:18सबसे पहले हम उलाल पोर्ट को गरेंगे.
27:24जिससे वहाँ से एक भी शिप ना निकाल पाए.
27:32और नहीं बीजनेस कर सके.
27:39विजैनगर का तो विराश हो.
27:46पुरुत्तुग अलियों के लिए ये एक सुनेरा मौका था.
27:49इसलिए उन्होंने उलाल के चारों और खेरा बंदी कर दें.
27:56अम्मा, आशिर्वाद दीजे मुझे.
27:59एक आपका आशिर्वाद ही तो है, जो मेरे मस्तक पर विजै तिलग बन कर दमाग सकता है.
28:07आज मेरे साथ ना कोई मित्र है, ना कोई सही होगी.
28:11और उन दुष्टों ने हमारे पोताश्रे को भी घेर लिया है, अम्मा.
28:41अम्मा...अम्मा...अम्मा...पोस्तियन, ऽखो, अब गाते हैं, अम्मा.
28:57अम्मा, अम्मा, अम्मा, पोत, एक तो नहीं
29:04फलकी सो सो पोते आ रही हैं, वो भी तोपो के साथ.
29:07अम्मा, लगता है कि सामुतरी ने आपकी मित्रत्था स्विकार कर ली है.
29:28समोरीन ने इतने सारे शीप क्विंग की हैल्प के लिए बेच दिये, और आप लोगों को पाता नहीं चला.
29:39विवेरो, सापसे पहले आपने शीप को बचाना होगा. वामो, रापिडो.
29:50वास्तो में हमारी दूरदर्शी राणी ने समुतरी को पहले ही सहायता के लिए पत्र लिख कर भेजा था.
29:58इसलिए समुतरी ने राणी अबक्का की सहायता के लिए यानि पुरतुगालियों से लडने के लिए नव सेना अध्यक्ष कुट्टी पोकर मरकार को भेज दिया.
30:09वो रही पुरतुगाली पोते. जज्जिया उड़ा इन पुरतुगालियों की.
30:28राणी अबक्का की जज्जिया उड़ा इन पुरतुगालियों से लडने के लिए नव सेना अध्यक्ष कुट्टी पोकर मरकार को भेज दिया.
30:59हमारे महरा सामुत्री पाड ने हमें उलाल के पोतों के साथ अफरीका और अरब जाने का अधेश दिया है.
31:07ताकि उलाल पिना किसी चिंता के व्यवपार कर सके और यहां की परजा को सामुत्री पाड का संदक्षन मिल सके.
31:14नीम का पत्ता भले ही कड़वा हो पर समय आने पर अउशुधी का काम करता है.
31:22सामुत्री पाड ने भी वैसा ही काम किया है.
31:26हमारे संबंदों की कड़वाहट को भुला कर इस कथन समय में हमारा साथ दिया.
31:33मैं आभारी हूँ.
31:34अपनी मात्र भुमी को अन विदेश्यों के अत्याचारों से बचाना हमारा कर्तव है मारानी.
31:41अब इन पुर्तगालियों को एक और एक दो नहीं, एक और एक ग्यारा बन कर दिखाएंगे.
31:47मृत्यू के घाट उतार देंगे इन भुजंगों को, जो चंदन रूपी हमारी जन्म भुमी को जकड कर उसका दम घोटने का प्रयास कर रहे हैं.
31:57अवश्य मारानी.
31:59परन्तु इसके लिए हमें केवल पोतों की नहीं, आपकी विशेश सहायता की आवश्यक्ता होगी.
32:18आपकी आग्या सहराखो पे मारानी.
32:32अभी सामुत्री पोते, उल्लाल की पूतों के साथ व्यापार करने के लिए हम कर रहे हैं.
32:38अब अक्का निष्चिन्थ होगी, यही सही समय है, कि उसके निष्चिन्थिता को भंग कर जिता तक पहुंचाने का, इस सुरंग के राज़ें से.
33:09यही है आपके मित्र.
33:14राणी बक्का, जैसा आप समझ रही है, वैसा तो कुछ भी नहीं है.
33:39पुर्तुगालियों को उत्तर देने के लिए राणी अबक्का ने एक योजना बनाई, जिसके तहट मरकार ने मैंगलोर के कीले को जीतने में राणी अबक्का की सहेता की.
33:54इनकी ये योजना सफल रही और राणी अबक्का ने कीले के सभी पुर्तुगालियों को बंदी बना लिया.
34:12तुम पतितों ने जितना धन हमसे लूटा है, ये उसका एक अंश मात्र भी नहीं है.
34:28मैं देश द्रोहियों को दया दिखा कर अपनी मात्र भूमी के साथ छल नहीं कर सकती, परन्तु आप मेरी पुत्री के पिता हैं.
34:52मैंने आपसे प्रेम किया था, परन्तु अब आप मेरी गिरणा के भी लायक नहीं है. चले जाये, और अब अपना मुख मत दिखायेगा.
35:22इदने दिनों में जो बील लूता था, सब गवान दिया. मुझे तुम लोगों पर बिलकुछ त्रस्थ नहीं. आब मैं करूँग लेद सारी पुर्टलगीजानी उलाल पे कोंसंट्रेक करें.
35:47पांकी सारी रजून के साथ पीस बनाए राके, क्योंकि आब हमें उलाल को वबाद कर उस एरगन क्वीन का गमान तो नहीं है.
36:17अब हम क्या करेंगे?
36:27इस बार देश त्रूही नरसिम्हा की मदद से पुर्टुगाली आबक्का के महल में दूसाए. पुराणी आबक्का को मारना चाहते थे.
36:45वो देखो, प्रिये धर्म पत्नी, अभी भी अफसर है. अपने पती के चर्णों में आकर दया की भीक्षा मांग सकती हो.
37:15आमा, त्यांसे. नरसिमा.
37:45तब बास वीर नरसिम, आज हम साब को पाता चल गया कि आप सिर्फ नाम की वीर नहीं है.
38:16जुरानी's final chapter.
38:24मामा, मामा, ये देखी, तो बक्का कहा है?
38:46राणि अबक्का, आप आएए.
38:54अब राणि अबक्का पूर्तुगालियों को उल्लाल से भगाने की जी तोड कोशिश करने लगी.
39:00स्थानी है, नरतकीयों की सहेता से पूर्तुगाली किले पर आकरमन किया.
39:07इस आकरमन का पूर्तुगालियों को जराभी अंदेशा नहीं था.
39:13उनके तो पैरो तले की जमीन ही खिसक गई.
39:17क्योंकि इसमें पूर्तुगालियों के कई महत्वपूर्ण अधिकारी मारेगे.
39:23शुरुवाती दोर में, यानि 1556-1558 तक, पूर्तुगालियों ने राणी अबक्का को कमजोर करने के लिए उल्लाल पर कई तरह के अत्याचार की.
39:43अम्मा, अब तो आपको गलानी नहीं होगी. आपके आशिरवाद से मैंने आपकी अधूरे स्वप्न को साकार कर दिया. जानती हूं, विपतित पूर्तुगाली अब भी मेरी मृत्यू का शडियंट्र रच रहे होंगे.
40:05परन्तु अब मुझे इस पात का दुख नहीं है, अम्मा. क्योंकि अब मैं पूरे आत्मसम्मान के साथ अपनी मृत्यू का आलिंगन कर सकती हूं.
40:36मैंने कहा था न, कि अपनी शणिक विजएई गाथा सुनाने राणी एवक्का देवी अपनी अम्मा के पास ही आयी होंगी.
40:48मैंने कहा था न, कि अपनी शणिक विजएई गाथा सुनाने राणी एवक्का देवी अपनी अम्मा के पास ही आयी होंगी.
41:00देखा, मैं अपनी प्रिय धर्मपत्नी को कितनी अच्छी तरह से जानता हूं.
41:06यही एक मात्र स्थान है, जहाँ पर राणी एवक्का हतियार लेकर नहीं आती.
41:13दूर्द, मैं आपको कभी शमान नहीं करूँगी. मुझे तो सोच कर लच जा रही है कि आपको अपनी प्रिय धर्मपत्नी को कितनी अच्छी तरह से जानता हूं.

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