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पितृ पक्ष इंदिरा एकादशी कब है 27 या 28 सितंबर | Ekadashi Kab Hai 2024 | Gyaras Kab Hai #ekadashi @Mere Krishna

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00:00सर्वप्रथम आप सभी को और आपके समस्त परिवार को इंदिरा एकादशी, पित्र एकादशी की हार्धिक शुब्कामनाएं।
00:09भगवान श्री लक्ष्मी नारण जी की असीम कृपा आप सभी पर सद्धयो बनी रहें।
00:14भगवान की कृपा से आपकी समस्त मनोकामनाएं पूर्ण हों।
00:18आज की वीडियो में हम बताने जा रहें हैं कि वर्ष 2024 में आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की इंदिरा एकादशी, पित्र एकादशी का व्रत कब धारन किया जाएगा।
00:31व्रत का शुब मुहुर्त वा पारण का समय क्या रहेगा? पारण किस वस्तु से किया जाएगा? भगवान को विशेश रूप से किस वस्तु का भोग लगाएं? एकादशी व्रत के शास्त्रा नुसार क्या नियम हैं? इत्यादी।
00:45आश्विन मास के क्रिशन पक्ष में आने वाली एकादशी को इंदिर्य एकादशी के नाम से जाना जाता है। यह एकादशी पित्र पक्ष में आती है, इसलिए इसे पित्र एकादशी के नाम से भी जाना जाता है।
00:57इस दिन विशेष रूप से भगवान नारायन, माता लक्षमी और भगवान नारायन के शाली ग्राम स्वरूप का पूजन किया जाता है। जो भी मनुष्य सच्ची श्रधा वा निष्ठा से एबं पूरे विधी विधान से इस व्रत को करता है, उसके सभी पाप नश्ठ हो
01:27चाहिए। इस से पित्रों का उध्धार होता है और उन्हें मोक्ष की प्राप्ती होती है। जो एकादशी श्राध करते हैं, उन्हें इस दिन भगवान शाली ग्राम के सामने अपने पित्रों का श्राध करना चाहिए और श्राध से बचे हुआ भूजन को सूंघ कर गौव
01:57अपने पित्रों को मोक्ष प्राप्ती कराने के लिए इस व्रत को अवश्य करना चाहिए। एकादशी व्रत भगवान श्री लख्षमी नारायन जी का परंप्रिय व्रत है। यह व्रत सभी व्रतों में सबसे श्रेष्ट व्रत है। यह सभी पापों से मुक्ति दिलाने वा
02:27व्रत भगवान श्री लख्षमी नारायन जी का परंप्रिय व्रत है।
02:57एकादशी व्रत नियमों का पालन 27 सितंबर से करेंगे और 28 सितंबर को एकादशी व्रत धारण करेंगे तथा 29 सितंबर को एकादशी व्रत का पारण करेंगे।
03:09एकादशी व्रत का पारण का समय 29 सितंबर 2024 रविवार्ग सुबह 6 बचकर 12 मिनट से 8 बचकर 35 मिनट तक रहेगा।
03:20इस व्रत का पारण गुर्षे किया जाता है। यदि यह संभव ना हो तो आप पल, जल वा तुलसी पत्र से व्रत का पारण कर सकते हैं।
03:29एकादशी व्रत के दिन ब्रह्म मूहूर्त का समय सुबह 4 बचकर 36 मिनट से 5 बचकर 24 मिनट तक रहेगा।
03:38इस दिन भगवान नारायन, माता लक्ष्मी वा भगवान नारायन के शालिग्राम स्वरूप का पूरे विधी विधान से पूजन करना चाहिए।
03:47इस दिन गंध, पुष्प, धूप, दीप आदी से भगवान का पूजन करके उन्हें तुलसी पत्र अर्पित करना चाहिए। भगवान को जो कुछ भोग लगाएं, उसमें तुलसी पत्र अवश्य डालें।
03:59इस दिन गंध, पूरे विधी विधान से पूजन करना चाहिए। इस दिन गंध, पुष्प, धूप, दीप आदी से भगवान का पूजन करना चाहिए। इस दिन गंध, पुष्प, धूप, दीप आदी से भगवान का पूजन करना चाहिए। इस दिन गंध, पूरे वि�
04:29विधान से भगवान का पूजन करना चाहिए। इस दिन गंध, भगवान का पूजन करना चाहिए।
04:59इस दिन गंध, पूरे विधान से भगवान का पूजन करना चाहिए।
05:29किसी भी प्रकार की क्रीड़ा, मनुरंजन नहीं करना चाहिए। सोना नहीं चाहिए। सोना वर्जित है। इस दिन, दिन में बिल्कुल नहीं सोना चाहिए। व्रेक्षे से तोड़कर दातुन नहीं करना चाहिए। दूसरे की निंदा नहीं करनी चाहिए। चुगली नही
05:59चाहिए। इस दिन, विश्णो सहस्र नाम और गोपाल सहस्र नाम तथा श्रीमत भगवत घीता जी का पाठ करना चाहिए। विश्णो सहस्र नाम और गोपाल सहस्र नाम का लिंग आपको end screen पर मिल जाएगा। और श्रीमत भगवत घीता जी के सभी अध्यायों का लिंग आ
06:29चाहिए। भोग या मैतुन नहीं करना चाहिए। किसी पर गुस्सा नहीं करना चाहिए। जूत नहीं बोलना चाहिए। एकादर्शी के दिन एक बार पुछ शुद्ध फलाहार ग्रहन करना चाहिए। जल और दूद ग्रहन कर सकते हैं। जल आप दो चार बार ग्रहन कर सक
06:59मांस मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। जो भी मनुष्य दश्मी से द्वादशी तक इन महत्तुपूर्ण नियमों का पून रूप से पालन करता है उसे एकादर्शी व्रत का पल अवश्य प्राप्थ होता है।
07:12आज की वीडियो में इतना ही आगे हम इंदिरा एकादर्शी व्रत कथा लेकर प्रस्तुत होंगे तब तक के लिए जय श्री क्रिष्णा राधे राधे जय लक्ष्मी नारायन

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