Radha Krishna season 1 episode 13

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Radha Krishna season 1 episode 13
Transcript
00:00अगर आपको पहता है, आपको पहता करते हैं अगर आपको पहता करते हैं
00:30आज पीट के ही छोड़ोंगी, पहले पकड़ के तो दिखाओ
01:00आज पीट के ही छोड़ोंगी, पहले पकड़ के तो दिखाओ
01:30आज पीट के ही छोड़ोंगी, पहले पकड़ के तो दिखाओ
01:39आज पीट के ही छोड़ोंगी, पहले पकड़ के तो दिखाओ
02:00आज पीट के ही छोड़ोंगी, पहले पकड़ के तो दिखाओ
02:30आज पीट के ही छोड़ोंगी, पहले पकड़ के तो दिखाओ
02:40आज पीट के ही छोड़ोंगी, पहले पकड़ के तो दिखाओ
02:48आज पीट के ही छोड़ोंगी, पहले पकड़ के तो दिखाओ
03:00नीका पास्ता क्रिया
03:20आज पीट के ही छोड़ोंगी, पहले पकड़ के तो दिखाओ
03:30अनिथा अपना मुक महत दिखाना.
03:38ये देखो!
03:39कंस तुम्हारे सामने खड़ा है.
03:45इसका अड़ जानती हो?
03:47मार दिया है मैंने तुम्हारे पुत्र को.
03:54उस भयुशिवानी को जूता सिथ कर दिया है मैंने.
04:01नाज से तुम्हारा कारावाद तमाप्थ थर.
04:03नाज से तुम दोनों मेरे साथ
04:07राजमहल में सुक्पुरक रह सकते हूँ.
04:19क्या हुआ बैना?
04:22मैं इश्वास नहीं होगा.
04:27क्योंकि मैं ऐसा कर रही नहीं सकता.
04:31जो बहन अपनी कोक से
04:35अपने भाई के आन्त को जनंब दे
04:38उसके लिए इस काल कोटरी का अंधकार ही
04:43उसका जीवन है.
04:50गंस क्रोज से मुक्ति चाहती हूँ तो उसका एक उपाई है.
04:55मित्यू.
05:01लो चुल लो अपनी इच्छा का शत्र
05:06और कर डालो अपने इस दुखत जीवन का अंध.
05:11अब समझ आया?
05:13राज कुल से हो न?
05:16इसलिए ये सामाने शत्र तुम्हें निभाएंगे.
05:20है न?
05:23तो ये लो.
05:26ये लो.
05:27महान कंस की महान शक्ते शाली तलवार.
05:36लो इसे और करो स्वेम पे प्रहार.
05:40बहचाने दो उस रक्त को.
05:43जिसने मेरे काल को सीचा था.
05:58मेरा पुत्र मरा नहीं है कंस.
06:03वो जीवित है.
06:06और आएगा
06:09हमारे साथ हुए एक एक अत्याचार का
06:15अपने साथ भाईयों की हत्या का
06:18प्रतिकार लेगा तुमसे.
06:20मेरा पुत्र.
06:23और उसकी याथरा
06:24प्रारंब हो चुकी है.
06:31अयन, तुम कब आये?
06:35शस्त्र विद्या का प्रशिशन
06:36समय से पहले ही पून हो गया राधा.
06:39आचारे ने आग्या देदी तो बस लोटा है.
06:42अच्छा हुआ कि तुम लोटा है.
06:44अब तुम ही इस दुश्च को पाठ पड़ा हो.
06:46ये?
06:49कौन ही?
06:53और तुम इसके बीचे छड़ी लेकर क्यों भाग रही?
06:56इसी के तो योग्य है ये.
06:58बुखी कर रखा है मुझे.
07:01नहीं, नहीं, नहीं, बेड़े बईया.
07:02नहीं, नहीं.
07:05ये ठहरी गाओ की मुख्या की पुत्री.
07:07मैं ठहरा साधारन सा ग्वाला.
07:09मैंने कुछ नहीं किया, यार.
07:13मैं क्या करता हूँ?
07:14मैं गईया चरा लेता हूँ.
07:17चैन से बनसी बचा लेता हूँ, बस.
07:20दाधा, तुम..
07:21इसकी बांसुरी ही तो सबसे बड़ी जड़ है.
07:23कोई साधारन ग्वाला नहीं है, अयन.
07:25गोहती मायावी और चतुन है.
07:27देखा, कितनी चुड़ती है मुझसे.
07:31आपी देखे न, कितनी चुड़ती है यह.
07:33अब, यह तो अनुचित है न, राधा.
07:37बड़े भईया इसे अबी तक मेरा उचित परिछाय भी नहीं हुआ.
07:39और तुमने मेरी चवी अभी बिगाड दी.
07:41क्यूं, बड़े भईया?
07:44अयन, इसकी बातों में मत आना.
07:47अरे, ऐसे कैसे?
07:51बड़े भईया, इतने बुद्धिमान प्रतित हो रहे है.
07:54राधा, ये घटनाकरम अब मैं समभालूँगा.
08:00हम?
08:03हम?
08:05हम?
08:07हम?
08:08हम?
08:10हम?
08:12हम?
08:14हम?
08:16हम?
08:18हम?
08:20हम?
08:22हम?
08:24हम?
08:42क्यों..
08:44क्यों तंकर रोऽधा खो?
08:50क्या चाहते?
08:52मित्रतमा!
08:54केवल प्रेम और मित्रता का सनदेश लेकिया आया हूँ, बड़ी बहिया.
08:59जूट बोल रहा है ये.
09:02सच क्या है, मैं तोमें मताती हूँ.
09:04आओ मेरे साथ.
09:07आयन, तुम इसकी बातों में बताना.
09:10ये दूर्ट सबको मीठे बोल बोल कर अपनी बातों में फ़साता है.
09:15और हमाने गाओं की किसी बोली भाली लड़की से
09:17प्रेम का दावा करता है.
09:21और उससे अपने प्रेम की जाल में फ़साना जाता है.
09:34आज मेरे सामने एक समस्या है.
09:40आज मैं आप सबसे एक वचन चाहता हूँ.
09:43और आशा करता हूँ
09:46कि आप अपने अन्तिम स्वास तक
09:49उसे नहीं तोड़ेंगे.
09:50मांगते क्या है मुख्या जी?
09:52आप तो बस आदेश दीजिये.
09:54हाँ, आपने मुख्या होने का
09:57हर कर्तवे निभाया है.
09:59बस बोलिये मुख्या जी.
10:00क्या चाहते हैं?
10:01सान्च छूट जाये पर वचन नहीं तूटेगा.
10:06मैंने और मित्र नंद ने
10:07बहुत समय
10:09साथ में आनन्द से बिताये.
10:14और आज नंद और
10:16समस्त गोकुल
10:18संकट में हैं.
10:24इनके पास ना रहने के लिए घर है
10:29इसलिए मैं चाहता हूँ
10:31कि हम सब प्रेम से
10:34गोकुल वासियों को
10:36बरसाना में आसरा दें.
10:47और जब तक नंद और उनका कुन्बा
10:49अपना वास्तविक परिचे ना देना चाहें
10:52तब तक
10:53किसी को भी उनके यहाँ रहने के सुचना ना हो.
10:59आप सब से मैं यह अनूरोद करना चाहता हूँ
11:02कि गोकुल के एक-एक परिवार को अपना हैं.
11:11मैं सदा आपका अभारी रहूंगा.
11:13ऐसा ही होगा मुख्याजी.
11:15आज से यह सब गोकुल के वासी नहीं
11:18बरसाने के वासी हैं.
11:29यह क्या कह रही है गुाल?
11:31तो मैं सुन रहा हूँ क्या वह सत्य है?
11:35बड़े भाईया, मैं घुआला हूं.
11:39माया वो ही नहीं.
11:41अब राधा ने आपके काण में क्या कहा है रही है?
11:46मैं गुवाद ने लिए कहा था
11:49बड़े भाईया, मैं कुआला हूँ, माया भी नहीं.
11:55अब रादा ने आपके कान में क्या कहा है
12:00मुझे कैसे गयात होगा न?
12:02अच्छा?
12:07चत्र बनने का प्रयास कर ले?
12:09अरे बड़े भाईया, आप भी इसकी बातों में आ गए.
12:11तनी, मेरा भुला मुख तो देखिये न.
12:14मैं, अबोध, गौला, कहाँ से चतुर लगता हूँ आपको?
12:18बात में बनाना बंद करो गौले.
12:21और सीधी तरह से बताओ परसाना की किस कन्दिया को अपने प्रेम जाल में फसाने आया हो तुम.
12:42क्या रादा, इतनी सी बात तुम्हारे पेट नहीं बची?
12:50बड़े बईया, प्रेम बहुत ही नीजी प्रकरन्ड है.
12:57इसमें आप बीच में ना ही आये तो उचित होगा.
13:02उचित या अनुच्छित?
13:04मेरा बीच में आना अनिवार रहे है.
13:09एक बात स्मर्ण रहे गवाले.
13:13आयन नाम है मेरा और ये बर्साना है.
13:18यहाँ पर तुम कुछ ऐसा नहीं करोगे
13:21जो मुझे अच्छा ना लगे.
13:26समझे तुम?
13:28यहाँ पर तुम कुछ ऐसा नहीं करोगे.
13:31समझे तुम?
13:40शास्त्र विद्या क्रिड़ा करने के लिए नहीं सीखी है मैं.
13:43तुम जैसे दुष्णों से बर्साना को बचाना ही उठेश है मेरा.
13:47और एक बात कान खोल कर सुन लो गवाले.
13:52आज के पस्च तुम बर्साना की किसी कन्यातों के
13:58किसी गईया के पास भी दिखाई दिये ना.
14:03तो तुम्हारे लिए अच्छा नहीं होगा.
14:10और अगर शब्दूं से समझ ना आ रहा हूँ
14:14तो शास्त्र से समझाओं.
14:17आयन, तुम्हें इतनी क्रोजित होने के आविशक्ता नहीं है.
14:23वो समझ गया.
14:25समझ गया. ये, ये समझा है?
14:30पनिक, देखो तो इसे. देखो तो कित्रा निरलज्ज है ये.
14:36बॉडम बैल कितरा हस रहा है.
14:41इसे तो मैं..
14:46आयन!
14:47आयन!
14:54आयन!
14:56आयन, तुम ठीक तो हो?
14:58राधा, अब तुम मुझे मत रोकना.
15:03मैं इसे छोड़ूँगा नहीं.
15:11ना गया?
15:13निर्बल पर प्रार नहीं करते.
15:28आयन, मेरा हाथ पकड़ो. बहाराओ.
15:37आयन!
15:43अरे, ये तो आयत है, ना?
15:46हाँ, दीख तो वही रहा है.
15:49लेकिन इसकी ये दशा किसने की?
15:52लगता है भाईया सस्त्र नहीं.
15:55कीचड में लोटपोट होने की कला सेख कर आये है.
16:08क्या हुआ बड़े भाईया?
16:10तलवार इतनी भारी थी, तो उठाने का प्रयास क्यूं किया?
16:14तो सीधा कीचड में गिर गया.
16:20तुम्हें तनिक भी लज्जा नहीं आती?
16:22किसी के गिरने पर हस्ते हो?
16:25जाओ यहाँ से.
16:30अब सृष्टी के नियमों में लज्जा कैसे?
16:32जब जब कोई अपनी शक्ती पर एहंकार करता,
16:36तब तब उसका ब्रहम तोड़ने के लिए
16:39कोई उससे अधिक शक्तिशाली आता है
16:42और अपना परीचाय दे जाता है.
16:44घ्यान देना बंद करो, गॉले.
16:48और अपना परीचाय दो.
16:53कौन हो, कहा रहते हो?
16:54एहंकार की यही तो समस्या है.
16:57सबसे पहले जानने वाली बाद,
17:00मनुष्य सबसे बाद में पूछता है.
17:05चलो, अभी आपने पूछ ही लिया है,
17:07तो आपको बता ही देता हूँ.
17:09मेरे बहुत सारे नाम,
17:11किसी के लिए मैं मोहन शाम हूँ,
17:13तो किसी के लिए मैं गोपार.
17:18मईया के लिए मैं काना हूँ,
17:20तो गाओ वालों के लिए मैं यश्वदा ननन.
17:22फिर मुर्ली धर, गोविन, आनन्द.
17:30और रही बात रहने की, बड़े बहया,
17:34तो मैं यहां भी हूँ,
17:36और बहां भी हूँ.
17:37आपको मारने वाले इस गईया में भी हूँ,
17:40शरीर को थंड़क देने वाले पुरबयया में भी हूँ,
17:46राधा में भी हूँ,
17:51आप में भी हूँ,
17:54सुख में भी हूँ.
17:55आपमें भी हूँ, सुखमें भी हूँ
18:02और दुखमें भी हूँ.
18:04मैंने नाम पूछा है तुम्हारा
18:06कि व्यर्थ का पुरान पढ़ने के लिए नहीं कहा.
18:09नाम बताओ अपना.
18:12जो मैंने बताया
18:14वही सबसे अधिक महत्वपूर्ण है
18:15क्योंकि वही कर्म, व्यर्थ तो नाम है.
18:22पर लगता है आपको व्यर्थ की बाती ही भाती है.
18:25तो चलो, वो भी बता देता हूँ.
18:31मेरा नाम है
18:33कृष्ण, कृष्ण.
18:39मैंने नाम पूछा है तुम्हारा
18:42कि व्यर्थ का पुरान पढ़ने के लिए नहीं कहा.
18:45लोग मैंने कृष्ण, कृष्ण.
19:04भैथ!
19:06भैथ सभ्को होता है
19:08चाए वो पशु भक्षि या मनुष्ट यही.
19:14वास्तविक्ता में मनुष्य भै को
19:16अपने साथ लेके ही जन्मन लेता है.
19:18तो इस भै से भै कैसा?
19:22यदि भै बुरा भाव होता
19:24तो क्या इसे हम अपने साथ लेके जन्मन लेते हैं?
19:30वास्तविक्ता में भै हमें
19:31आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है.
19:36अब देखिए न.
19:38जीवन जाने का भै
19:40आप से स्वयम की सुरुक्षा करवाने का प्रयास करता है.
19:45अपमान का भै
19:47सदाचार की ओर बढ़ाता है.
19:50किसी प्रियको खो देने का भै
19:53उसके लिए कर्तव्य पालन करनी को प्रेरित करता है.
19:56किन्तु ये भै
20:00ये भै बुरा तब हो जाता है
20:02जब आप इसे अपनी ऊपर हावी हो जाने देते हैं.
20:06इसके लिए कुछ प्रयास नहीं कर पाते हैं.
20:10इसलिए यदि इस भै को
20:13उप्योग में लाना है
20:15आपको स्वयम इस भै के ऊपर हावी हो जाना होगा.
20:19तो तोड़ दीजिये भै की सीमाएं.
20:23अपनी आत्मा को छोड़के किसी और के समक सर मत जुकाईं.
20:29और स्मर्ण रखी है
20:32जब अन्दक्कार से डर ना छोड़ दोगे
20:36तब ही दीपक बन कर प्रकाश दे पाओ.
20:45जिससे तुम प्रेम करते हैं, वो लड़की राधा है.
20:49हाँ, मैं राधा से प्रेम करता हूँ.

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