Delhi में इमामों, मुअज्जिनों को वेतन न मिलने की समस्या पर Mohammad Arshad Nadvi ने किया बड़ा दावा

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देश की राजधानी दिल्ली में मस्जिदों के इमामों और मुअज्जिनों का वेतन रोके जाने का मुद्दा चर्चा का विषय बना हुआ है। आईएएनएस से बात करते हुए इमाम मोहम्मद अरशद नदवी ने कहा कि वक्फ बोर्ड के तहत आने वाले इमामों को पिछले 19 महीनों से वेतन नहीं मिला है। वक्फ बोर्ड से निराशा मिलने के बाद इमामों ने दिल्ली सरकार से संपर्क किया, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। दिल्ली के उपराज्यपाल से बातचीत के बाद समस्या का समाधान हो गया और लंबित वेतन 15 दिनों के भीतर किस्तों में वितरित किया जाने लगा।

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00:00सलरी जिसे आप कह रही है हम लोग उसको हदिया और वजीफा के नाम से जानते हैं
00:04क्यूंके ये इमामत एक ऐसा मकाम है
00:10और एक ऐसी जो है क्या कहते हैं वो अल्लाः की जानीब से दी हुई अतया होती है हम लोगों के उपर
00:17جو, जिसको जो भगयाते है,अलफाज में बयान नहीं किया जा सकता है
00:23लेकिन जहां तक मामला जो है वो तंखा का है, सेलरी का है, जैसा कि आप बता रहे हैं
00:31तो ये काफी दीनों से तकरीबं दू तीन सालों से इसी तरीखे से चल रहा है
00:38और अभी हम लोगों की जो सेलरी है वँ पाँच-पांच महीणे की तीन किस्टों में मिली है
00:46जिनमें बहुत सारे वह लोग हैं जिनको सिर्फ दो किस्ट मिली है
00:52और एक किस्त उनको भी नहीं मिली है
00:55और अभी हम लोगों की सेलरी है
00:58वो तक्रीबन 13-14 महीने की रुकी हुई है
01:02और बाद वो लोग हैं जिनकी 19-20 महीने की रुकी हुई है
01:08फतेपूरी के अंदर जो मदरसा आलिया चलता है
01:13उसके असातजा और मुलाजमीन की तंखा है
01:17तो तक्रीबन 2-2.5 साल से वो रुकी हुई है
01:20और ये सूरत हाल बदस्तूर जारी है
01:24नतीजा ये है कि इसमें बहुत सारे वो मुलाजमीन है
01:29जो बेचारे कसम पुरुसी की हालत में
01:32वो इस दुनिया से चले गए और इंतकाल भी हो गया
01:35और अब तो सूरत हाल ये है कि जो बोर्ड के मुलाजमीन है
01:41उनकी भी सेलरी नहीं होती है
01:44तो वो खुद इस मसले को ले करके परिशान वैते है
01:48लगिन इमाम और मुज़िनीन का जो मसला है वो बहुत अहम है
01:54इसके सिलसेले में नहीं तो कोई बात करता है
01:57नहीं कोई इनके मसले को उठाने का काम करता है
02:02इमाम खुद इस सिलसेले में जद्दो जहट करते हैं
02:05अपनी कोशीशें करते हैं
02:07और बाब एक्तिदार से मुलाकात करते हैं
02:11जैसे सियो से मुलाकात बहुत सारे लोगों ने की है
02:14जिसकी जानकारी हम लोगों के गुरूब पे आती रहती है
02:18खुद मैंने साले गुदश्टा आतिशी जी से मुलाकात की थी
02:27और उन्होंने भी कोई बहुत वाज़े, किलियर जवाब नहीं दिया
02:34और टाल मटोल और इस तरीके की बात है
02:37कि हम इस सिलसेले में गौर कर रहे हैं
02:39लेकिन मेरी ये समझ में नहीं आता है
02:41कि देली हुकुमत के अंडर में
02:45बहुत सारी संस्थाएं मौजूद हैं
02:47उनके इंपलाय की सेलरी नहीं रुकती कभी
02:51आखिर मस्जिद के इमाम और मौज़िनीं की क्यों रूकी जाती हैं
02:55कि कोशिशें हमेशा जारी रहती हैं
02:58इमामों के तालुख से
03:00तो एलजी साहब ने हमारी बात को गौर से सुना
03:02और उसी मीटिंग का नतीजा है
03:05कि एलजी साहब ने ये सिलसिलावार
03:07पांच महीने की सेलरी
03:10उसको जारी करने का हुकम दिया था
03:13और उन्होंने पंदरे दिन का हम लोगों से
03:15वादा लिया था
03:17और मैं इस सिलसिले में
03:19उनका शुक्रियादा करना चाहता हूँ
03:21कि उन्होंने पंदरे दिन के अंदर अंदर
03:23पांच महीने की सेलरी
03:25हल किया और पांच महीने की सेलरी
03:27हम लोगों की रिलीज हुई थी
03:29यहां तक बात हो चुकी है
03:31लेकिन ये कंटिन्यू जो नहीं हो पारा है
03:33कि हर महीने पावंदी के साथ
03:35मिलती रहे
03:37ये नहीं मालूम ये निजाम
03:39कब जा करके बनेगा
03:41ये तो अल्लावेतर जानता है

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