Kahaani Ghar Ghar Kii Episode 787

  • 2 months ago
Transcript
00:00हम दुश्वनों से दोस्ती करके देख लो।
00:30उन्होंने सन्जो को इतने फूल फूर्फ तरीके से भसाया है
00:33कि सिर्फ तुम ही मेरी मदद कर सकती हूँ।
00:35नहीं मलिका, मैं तुम्हारी कोई मदद नहीं कर सकती हूँ।
00:40हमारा मखसद शुरू से तुम्हारी बरबादी था
00:44और बरबादी रहेगा।
00:46इसका बतलब, वक्त की साथ कुछ नहीं बदला।
00:50मुझे रोकने की कोई शुरू मत कीज़े।
00:53गर आपने खुद को रोका होता थो,
00:56तो आज ये नौपट नहीं आती।
01:00मेरे टाइट की सज़ मुझे मत देजे।
01:04मुझे माफ़को देजे।
01:06अन्जाने में मैंने अगर आपके साथ
01:11कुछ भी बद्दमीज़ी किया
01:15हो सके,
01:17तो मुझे माफ़को देना।
01:25बस.
01:31अगर आपके साथ मुझे मत देजे,
01:34गौरो,
01:36संजय के खिलाफ केस वापस ले लो।
01:50अब उसकी कोई जुरूत नहीं है।
01:51नहीं, बाबा.
01:54मेरी वजिसे आप केस वापस मत देजे.
01:57क्योंकि डाइड ने जो आपके साथ किया है,
02:03उसकी वज़े से,
02:07आपको इनके खिलाफ केस वापस करने का हाक है।
02:12मैं नहीं जाँता,
02:14कि आप मेरी वज़े से केस वापस ले.
02:19क्योंकि,
02:22क्योंकि मैंने अपने
02:23डाइड, मॉम से, अस घर से,
02:27सारे नाथे रिष्टे तोड़ दिया हैं।
02:31मैं और शुरुती,
02:33उस घर को हमेशा केली छोड़ा हैं।
02:53संजु,
02:58संजु,
03:09संजु,
03:12जब हम,
03:15अगर वाला उससे,
03:17घर वापस आये,
03:19तो आप यहाँ चैन से रह सकती हैं।
03:23मैं यहाँ से जा रही हूँ।
03:25मैंने यहाँ से कह दिया कि,
03:27हमारा मकसद शुरु से तुम्हारी बरबादी था,
03:31और बरबादी रहेगा।
03:33और उधर से,
03:35आरियन ने यह बात सुनी,
03:42घर छोड़ के जा रहा है।
03:46मेरे नजरों के सामने।
03:49मेरा आरियन,
03:51मुझे छोड कर चला गया।
03:55मीरा बेटा,
03:58अपना बेटा,
04:02मुझे छोड कर चला गया।
04:10मेरा आरियन,
04:14मुझे छोड कर चलेगी।
04:17सजू.
04:20संजु, प्लीज़.
04:21वो मगर्वाल की बेटी के साथ चला गया।
04:29और तुम उसे रोक नहीं पाए ना।
04:38क्या करती संजु, मैं क्या करती।
04:43मेरे नज़्रों के साथ, सामने, मेरे नज़्रों के साथ,
04:48मेरे नज़्रों के साथ, सामने,
04:51हालात काबूं से बहार होते चले गए।
04:55मैं तो अपना दुखा नहीं।
04:58इनदर, तुम्हें, तुम्हें जील से नहीं निकाल पारा हूँ।
05:02उसे मेरा बच्चा चला गए।
05:15मैं क्या आगर, संजु डॉशी?
05:18तुम्हारे इस एक इंसिदेंट ने तो कई लोगों की रातों की नीद हराम कर दिया।
05:23सबको परिशान कर दिया है तुम।
05:27अगर्वाल फैमिली ये सोच के परिशान है कि उन्होंने तुम्हारे जैसे आदमी के साथ रिष्टा कैसे जोड लिया।
05:34और तुम दोनों यहाँ ये सोच के परिशान हो कि तुम्हारी सारी की सारी चालें उल्टी कैसे पर गए।
05:42और हम दोनों ये सोच के परिशान है कि जिस आदमी के आगे हमने दोस्ती का हाथ बढ़ाया है।
05:50वो तो इस वक्ष जेल में है।
05:51एक आइडिया है मेरे पास, जब हम सबका दुश्मन एक ही है, ओम अगरवाल, तो हम क्यों ना अपनी सारी कोशिशों को एक कर दें, दोस्ती कर ले हम लोग।
06:07क्या सोच हो? हमने तो आप के लिए अपने लोर से भी बात कर लिए है। उसने आपका केस स्टड़ी किया है। बहुत जल आप यहां से भार हो। और फिर हमें मिलकर बहुत कुछ करना है।
06:23फिलाल तो इस दोस्ती के लिए आपके हाथ बढ़ाने की देर है। फिर देखें क्या-क्या होता है।
06:53आपके लिए अपने लोर से भी बात कर लिए है। आपके लिए अपने लोर से भी बात कर लिए है।
07:23इसने मुझे दोखना दिया है। इसने दोखना नहीं किमिश्लान। इसने आपको दोखना दिया है।
07:54तो अब क्या करने का हिलाद है। तुम चाहो तो हमारा बिजनेस जॉइन कर सकते हैं। तुम चाहो तो हमारा बिजनेस जॉइन कर सकते हैं।
08:06तुम चाहो तो हमारा बिजनेस जॉइन कर सकते हैं।
08:09तुम चाहो तो हमारा बिजनेस जॉइन कर सकते हैं।
08:10तुम चाहो तो हमारा बिजनेस जॉइन कर सकते हैं।
08:12तुम चाहो तो हमारा बिजनेस जॉइन कर सकते हैं।
08:13तुम चाहो तो हमारा बिजनेस जॉइन कर सकते हैं।
08:14तुम चाहो तो हमारा बिजनेस जॉइन कर सकते हैं।
08:15तुम चाहो तो हमारा बिजनेस जॉइन कर सकते हैं।
08:17तुम चाहो तो हमारा बिजनेस जॉइन कर सकते हैं।
08:19तुम चाहो तो हमारा बिजनेस जॉइन कर सकते हैं।
08:21तुम चाहो तो हमारा बिजनेस जॉइन कर सकते हैं।
08:24वैसे ही कोशिश मैं भी करना चाहता हूँ।
08:26वैसे ही कोशिश मैं भी करना चाहता हूँ।
08:27मैं चाहता हूँ, मेरे सामने काफ़ी मिश्कलें आएगी।
08:31मैं चाहता हूँ, मेरे सामने काफ़ी मिश्कलें आएगी।
08:34मैं बिना किसी साहरे के चलना चाहता हूँ।
08:39हालात मुझे गिराएंगे।
08:42लेकिन एटलीस्ट मैं अपनी नजर में तो उचा रहूँगा।
08:48आज से मेरा हर संगश सिर्फ मेरा होगा।
08:54आरियन, तुम शायद ये भूल रहो कि ये हमारी जिंदिकी की नए शुरुबात है।
09:01तो फिर ये संगश सिर्फ तुम्हारा कैसे हो सकता है।
09:05ये हमारा संगश है, आरियन।
09:07मैं आज से आपके साथ होगा।
09:09लेकिन शुरुती, तुम क्यों?
09:12बलकि मैं तुम्हारे साथ इस wiai hूँ क्यूँ
09:14क्यों कि मैं तुम्हारी पतिनी बाद में, लेकिं एक दोस्वं हूँ।
09:20मैं ये भी अच्छी तरह जानती हूँ, स्वाधा कि नहीं इसलिए हूँ,
09:24पतनी को दुख में, सुख में हमेशा अपने पती का साथ देना चाहिए।
09:30पलकी मैं तुम्हारे साथ इसलिए हूँ,
09:33क्योंकि मैं तुम्हारी पत्नी बाद में, लेकिन एक दोस्त हूँ।
09:39मैं ये भी अच्छी तरह जानती हूँ,
09:41कि तुम्हें रिश्टे दारों की सपोर्ट की कोई ज़रूत नहीं है।
09:44और मैं एक दोस्त जानती हूँ,
09:46कि आगे चलकर, तुम्हें एक दोस्त की बहुत ज़रूत होगी,
09:52और मैं वही दोस्त बनना चाहती हूँ।
09:56और वैसे भी आरियन,
09:58मेरे घरवालों ने मुझे हमेशे अपनी पलकों पर बिठा के रखा था,
10:03लेकिन आज वक्त आ गया है,
10:06कि मैं तुम्हारी साथ,
10:09जमीन पर उतर कर दुनिया को देखूं,
10:12जिंदिगी की सच्चाही को देखूं,
10:16हमें आपकी परमिशन है ना पापा,
10:18तुम शादी के बाद इतनी समझदार हो गई हो या,
10:22पहले से ही थी और हमें पता ही नहीं चला,
10:27पापा मुझे में समझ ना समझ कुछ नहीं है,
10:31बस बच्पन से आपको और ममा को देखती आए हूँ,
10:34अगर मेरा और आरियन का रिष्टा भी आप और ममा जैसा हो जाए,
10:40तो आपकी ज़िन्दार जाएंगे,
10:42बिल्कुल,
10:46तो कहो आरियन,
10:48प्लान क्या है?
10:50चलेंगे, बहुत काम बाखी होई,
10:53चलो, बेटा तुम दोनों कहां जाओगे,
10:55एक काम करो,
10:56तुम दोनों हमारे आफिस के अपार्टमेंट में चले जाओ,
10:59क्यों?
11:01नहीं दादो,
11:03अक्शली मैंने अपने दोस्त से बात कर लिए है,
11:05उसका एक फ्रैट खाली है,
11:07हम लोग बस वहीं शेफर हो जाएंगे,
11:09बेटा हमारे होते वे तुम,
11:10दादो, आप लोग हैं,
11:13तभी तो हम इतनी हिम्मत कर पा रहे हैं,
11:17सिर्फ आपका आश्रावाद चाहिए, बस.
11:25हाई,
11:27गुड़ मौनिंग,
11:29गुड़ मौनिंग, कमाल है,
11:31स्वाती बन कर भी आपकी आदतें नहीं बढ़ लिए पालती,
11:33वह कैसे बदल सकती है,
11:36जिनके भरोसे मैं पारवती से स्वाती बने,
11:41उन भगवान को मैं कैसे बुला सकती हूँ,
11:44और फिर आज का दिन तो मेरे लिए बहुत खास है संदीप जी,
11:48आज मेरी जिन्देगी की एक नई सुबह है,
11:52वो सुबह जिसमें,
11:53संजेद उशी नाम की बुराई के लिए कोई जगा नहीं है,
11:57और सबसे बड़ी खास बात तो यह है कि,
12:01आज मेरे ओम का जन्नम दिन है,
12:03क्या बात कर रहे हैं, वह बहुत नहीं है,
12:06और आज, इतने इंतजार और इतने बड़े इंतहान के बाद,
12:10मैं अपने घर वापस लोच जाओंगे संदीब जी,
12:14स्वाती की नहीं, पार्वती की हैस्यत से जाओंगी,
12:19और मैं जाकर सबको सबकुछ बता दोगे,
12:22सबकुछ, इतने वक्त उन सबसे दूर है,
12:27और अभी आखरी की पल बिताना मुश्किल हो रहा है,
12:29सबाविक है, जैसे जैसे मन्जिल पास आने लगती है,
12:33उसको पाने की इच्छा और भी बढ़ जाती है,
12:37काश कि मैं आपकी खुशी में शामिल हो पाता,
12:40अब जब मैं लोटूंगा, तब आपसे, आपके घर में,
12:46आपकी असली पहचान के साथ मिलूंगा,
12:48अब जब मैं लोटूंगा, तब आपसे, आपके घर में,
12:53आपकी असली पहचान के साथ मिलूंगा,
12:56आप कहीं जा रहे हैं,
12:57जी हाँ, बेर से फोन आया था, और मुझे फ़ुरं बलाया गया है,
13:01अरे, तब तो आप स्वाती से भी नहीं मिल पाएंगे,
13:03आप बताएं, क्या करें, इसा ही है फोज का,
13:06लेकिन अब तू फ्री हो गई है, तो मैं सोचता हूँ,
13:09उसे वहां बुलबालूंगा, यह भी जीख है,
13:13संधीब जी, आपने जो, तैंक्स,
13:22पार्वती जी, आपना, देखें प्लीज,
13:25हमारे और आपके बीड़ जो रिष्टा बना है, विश्वास का,
13:31दोस्ती का, एक दूसरे के लिए इज़द का,
13:34आप उसे तैंक्क्यू वैंक्यू बोल के बहुत छोटा कर रहे हैं,
13:37नहीं, प्लीज, प्लीज, नहीं कहें,
13:40हाँ, इंफ़ाक हम दोरों ने तो आपसे बहुत कुछ सीखा है,
13:44परिवार के लिए जीना क्या होता है, ये तो आपेसी मिलके जाना है,
13:50और आपी के बहाने हम दोरों इतने बड़े परिवार के साथ जुड़े हैं,
13:53अब मेरा प्लेइन चूट जाएगा, तो फिर मेरी नौकली चूट जाएगी और वो सब आपके सहरा आएगा, बताईगे।
13:57क्योंकि...
13:58जी?
13:59अर्राइब...
14:00अब आप कुछ कहते हैं।
14:01आप कुछ कहते हैं।
14:02बाई...
14:03अपने बच्चा...
14:10बाई...
14:23भारत जी...
14:25मुनालिका का फोन आ था...
14:27वो कह रही थी कि...
14:29आरेन और शुरुती ने घर छोड़ दी हैं...
14:32आरेन को भी मिस्त दोशी की सच्चाई के बारे में पता चल गया है...
14:36जब अच्छा वक्त आता है ना सौमिल...
14:39तो सब कुछ अपने आप अच्छा हो जाता है...
14:42शुरुती और आरेन की शादी शुदा जिंदिकी को लेकर...
14:46कितनी परिशान थी मैं...
14:50और आप देखो...
14:52शुरुती का साथ देकर आरेन ने...
14:55मेरी उस परिशानी को भी दूर कर दिया...
14:58आज का दिन वाकई बहुत खास है...
15:02मैं बता नहीं सकती सौमिल, आज मैं कितनी खुश हूँ...
15:06शैद बगवान इससे जादा मुझे और कुछ नहीं दे सकते...
15:27चाई दे आड़े...
15:58हाँ सौमिल...
15:59हाँ, मुझे तुम से मिलना था...
16:01अभी आ जाओ... रेस्टॉर्ण में...
16:03ओके, मैं अभी आ था...
16:05या... फाइ...
16:09पापा, मुझे जाना होगा...
16:11सौमिल मेरा इंदिजार कर रहा है...
16:13ठीक है...
16:14ओके...
16:16अरे, चाई तो पीते जाओ...
16:17बाद माँखे पिलूँगा...
16:20बाइ...
16:26चाई अच्छी बनिया है...
16:27तांक्यू...
16:28पर इसमें शक्कर होती ना...
16:29तो ये... बहुत अच्छी हो जाते है...
16:34सौरी, पापा...
16:35अभी लाई...
16:36अरे, नहीं, नहीं...
16:37मैं मज़ाग कर रहा हूँ...
16:40सीरियसली...
16:41मज़ाग सीरियसली कैसे करते है...
16:43पता नहीं होने...
16:44पापा...
16:49एक बात कूँँ, शुरृती...
16:52तुम्हारी विदाई तो हम बहुत पहले कर चुके थे...
16:56पर तुम्हारी ग्रहस्ती...
16:57आज से, अभी से शुरू गया...
17:00बेटी को अगर...
17:01तो...
17:03सास ससुर के रूप में माबाब मिल जाये न...
17:06तो उसे जनम देने वालों की चिंता मिट जाती है...
17:10मगर...
17:13ये... ये सुख तुम्हारे नसीप में...
17:17तुम दोनों की पास अगर कुछ है...
17:20तो है एक दूसरी का प्यार...
17:22और विश्वास...
17:23उसे कभी खोने नहीं देना...
17:26पता है...
17:28तुम जिस दोर से गुजर रही हो...
17:31दोर से... कभी मुझे और तुम्हारी ममा को गुजरना पड़ा था...
17:36जब हमें...
17:39हमें घर छोड़ना पड़ा था...
17:41लेकिन उस बुरे वक्त में तुम्हारी ममा ने बहुत साथ दिया मेरा...
17:46शादी के वक्त जो वचन हम लोगों ने लिये थे...
17:49वो बुरा वक्त उन वचनों पर अमल करने का था...
17:53और हमने किया...
17:55उन बुरे दिनों ने...
17:57हमारे रिष्टों की नीव...
17:59हमारे रिष्टों की नीव...
18:01इतनी मस्बूत कर दी...
18:04आगे जिन्दगी में...
18:06कहीं तुफान आये... पर हमारे नीव को उठला नहीं पाए...
18:10तुम्हें भी अपने रिष्टे को एक मिसाल बनाना है...
18:14तुम्हारी अनकी दोस्त, उसकी प्रेरिणा, उसकी ताकत बनो...
18:18कि कमजोरी कभी नहीं बनना...
18:21तुम्हारी आँखों में उसे अपनी जीत नज़रानी चाहिए...
18:27समझ रही हो न...
18:29जी पापा...
18:32मैं वादा करती हूँ...
18:34मैं हमेशाँ ऐसे ही करूँगी...
18:37मैं आपको नहीं करते हूँ...
18:39मैं आपको नहीं पनाना।
18:40मैं आपको अपपार करा हूँ...
18:44अब मैं चलूँ...
18:45मुझे भी बहुत काम होते हैं...
18:48जी पापा...
18:50अरे... पापा...
18:53देखो ना...
18:55अपनी जीद्गी की नए शुरुवात करते वे मैं तो ये भूली गई...
18:59कि आज ही के दिन...
19:08पापा बोलिये, आपको क्या गिफ्ट चाहिए?
19:13तुम और आरियन दोनों खुश रहो.
19:16इससे ज़्यादा, इससे बड़ी गिफ्ट मेरे लिए क्या हो सकते है?
19:27अब आप जा सकते हैं.
19:29तान्क्यू, इंस्पिक्टर.
19:38शुटता.
19:59तुम्होर जितनी लगन और वफादारी है,
20:02उराई के साथ जुण्ञा में दिखाते हो न?
20:03अच्छे काम में दिखाते तो इस तरह से नजरे चुकानी नहीं पड़ती
20:08मैं तुमसे नहीं, तुमसे मिलने आओ
20:13संजे दोशी
20:22अब तुम खुली हवा में सास ले सकते हूँ
20:25लेकिन याद रखना, इस हवा में फिर से जहर मत खोलना
20:33सो गलतिया करने पर कृशन भगवान ने शिशुपाल का अंध कर दिया था
20:38जबकि वो तो भगवान थे, मैं तो मामूली सा इंसान हूँ
20:43फिर भी तुम्हारी बहुत सारी गलतियां देख चुका हूँ
20:48अब और नहीं देख पाँगा
20:51इसलिए दुबारा गलती करने की चुरत करने से पहले इतना ध्यान में रखना
20:56कि मैं तुम्हें दुबारा बच्चताने का भी मौका नहीं दूँगा
21:01ज़रूरत से ज्यादा समझदार हूँ
21:04मैं भी तुम्हारी समझदार हूँ
21:07आरेन ने घर छोड़ा है इसलिए इतना दम भर रहे हूँ न तुम
21:12लेकिन ये मत भूलो ओ मगरवाल
21:15वो मेरा खुण है
21:19मेरा पेटा है वो
21:22वो वापस जरूर आएगा
21:36आरेन ने घर छोड़ा है इसलिए इतना दम भर रहे हूँ न तुम
21:42लेकिन ये मत भूलो ओ मेरा खुण है इसलिए इतना दम भर रहे हूँ न तुम
21:46लेकिन ये मत भूलो ओ मेरा खुण है इसलिए इतना दम भर रहे हूँ न तुम

Recommended