कोटा. राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय का 13वां दीक्षांत समारोह शनिवार को यूनिवर्सिटी परिसर में आयोजित किया गया। अध्यक्षता करते हुए राज्यपाल व कुलाधिपति कलराज मिश्र ने कहा कि आजकल संविधान की काफी चर्चा चल है, लेकिन जब लोगों से पूछा जाता है कि संविधान का उद्देश्य क्या है व प्रस्तावना कैसी है? तो मुझे बड़ा दुख होता है, क्योंकि बहुत कम लोगों को इसका ज्ञान है। संविधान के मौलिक अधिकार की बात करते हैं, लेकिन संविधान के मौलिक कर्तव्य की बात नहीं करते। इसी संविधान के माध्यम से भारत का इतना बड़ा लोकतांत्रिक देश चल रहा है। कुछ लोग इसको विकृत करने की कोशिश करते हैं और कहते हैं कि संविधान बदल दिया जाएगा, जबकि डॉ. भीमराव अंबेडकर व उनके सहयोगियों ने यह संविधान बड़े अध्ययन के साथ बनाया है। उन्होंने कहा कि हमारे संविधान को कोई खंडित नहीं कर सकता। यह संविधान पवित्र ग्रंथ है। इसमें संविधान की 368 धारा ऐसी है, जिसमें संशोधन की प्रक्रिया है, लेकिन बदला नहीं जा सकता। साल 1973 में केशव भारती का केस आया था, उसमें संविधान को बदलने की विभिन्न प्रकार की चिंताएं हुई थीं, तब न्यायाधीशों ने कहा कि संविधान का बेसिक फीचर बदला नहीं जा सकता है। इसलिए अधिक भ्रम में नहीं आना चाहिए। मैं चाहता हूं कि लोग संविधान का अध्ययन करें। उन्होंने कहा कि एआई के उपयोग से सुविधा बड़ी है तो मानव की उपयोगिता पर भी बहुत से स्तरों पर प्रश्न चिन्ह लग रहे हैं। ऐसे में जरूरी है कि प्रौद्योगिकी शिक्षा के तहत एआई के सकारात्मक उपयोग के साथ भविष्य में इससे होने वाले परिणामों पर शोध अनुसंधान हो।
दीक्षांत अतिथि अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो. टीजी सीताराम ने कहा कि आप ऐसे समय में अपने कॅरियर की शुरुआत कर रहे हैं, जब प्रतिस्पर्धा बहुत कड़ी है, अवसर बहुत हैं और चुनौतियां बहुत कठिन हैं, फिर भी अपने जुनून, दृढ़ संकल्प और अभिनव भावना के साथ, मुझे विश्वास है कि आप इस अवसर पर खड़े होंगे और सार्थक प्रभाव डालेंगे।
आरटीयू कुलपति प्रोफेसर एसके सिंह ने कहा कि दीक्षांत विद्यार्थी का नव जीवन है। अर्जित शिक्षा और संस्कारों से विद्यार्थी समाज और अपने हित में शुरुआत करता है। मैं यह मानता हूं कि जो कुछ विद्यार्थियों ने शिक्षा के अंतर्गत जीवन में अर्जित किया है, उसका समाज, देश और विश्व-मानवता के लिए अर्थपूर्ण उपयोग जरूरी है। कुलसचिव धीरज सोनी समेत अन्य प्रबन्ध मण्डल एवं विद्या परिषद के सदस्य मौजूद रहे।
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इन्हें मिला कुलाधिपति व कुलपति पदक
समारोह में वर्ष 2022 का कुलाधिपति पदक जयपुर के पोद्दार मैनेजमेंट एंड टेक्निकल कैंपस की एमबीए कोर्स की छात्रा नयाशी जैन और 2023 का जयपुर के एसएस जैन सुबोध पीजी कॉलेज की एमएससी की छात्रा नेहा सुराणा को दिया गया। वहीं, 2022 का कुलपति पदक जयपुर के आर्या इंस्टीट्यूट आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी की छात्रा दिव्यांशी यादव और 2023 का आर्या इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी की छात्रा गजल लता को दिया।
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47 को डॉक्टरेट की उपाधि
उपाधियों में 2022 और 2023 में इंजीनियरिंग की 35, मैनेजमेंट की 8 और कंप्यूटर एप्लीकेशन के 4 स्टूडेंट को पीएचडी की डिग्री दी गई। वहीं, बीटेक के 15073, एमबीए के 1610, एमसीए के 896, एमटेक के 428, बीआर्क के 197, एमआर्क के 5 व बीएचएमसीटी के 1 विद्यार्थी को उपाधि मिली है।
दीक्षांत अतिथि अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो. टीजी सीताराम ने कहा कि आप ऐसे समय में अपने कॅरियर की शुरुआत कर रहे हैं, जब प्रतिस्पर्धा बहुत कड़ी है, अवसर बहुत हैं और चुनौतियां बहुत कठिन हैं, फिर भी अपने जुनून, दृढ़ संकल्प और अभिनव भावना के साथ, मुझे विश्वास है कि आप इस अवसर पर खड़े होंगे और सार्थक प्रभाव डालेंगे।
आरटीयू कुलपति प्रोफेसर एसके सिंह ने कहा कि दीक्षांत विद्यार्थी का नव जीवन है। अर्जित शिक्षा और संस्कारों से विद्यार्थी समाज और अपने हित में शुरुआत करता है। मैं यह मानता हूं कि जो कुछ विद्यार्थियों ने शिक्षा के अंतर्गत जीवन में अर्जित किया है, उसका समाज, देश और विश्व-मानवता के लिए अर्थपूर्ण उपयोग जरूरी है। कुलसचिव धीरज सोनी समेत अन्य प्रबन्ध मण्डल एवं विद्या परिषद के सदस्य मौजूद रहे।
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इन्हें मिला कुलाधिपति व कुलपति पदक
समारोह में वर्ष 2022 का कुलाधिपति पदक जयपुर के पोद्दार मैनेजमेंट एंड टेक्निकल कैंपस की एमबीए कोर्स की छात्रा नयाशी जैन और 2023 का जयपुर के एसएस जैन सुबोध पीजी कॉलेज की एमएससी की छात्रा नेहा सुराणा को दिया गया। वहीं, 2022 का कुलपति पदक जयपुर के आर्या इंस्टीट्यूट आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी की छात्रा दिव्यांशी यादव और 2023 का आर्या इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी की छात्रा गजल लता को दिया।
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47 को डॉक्टरेट की उपाधि
उपाधियों में 2022 और 2023 में इंजीनियरिंग की 35, मैनेजमेंट की 8 और कंप्यूटर एप्लीकेशन के 4 स्टूडेंट को पीएचडी की डिग्री दी गई। वहीं, बीटेक के 15073, एमबीए के 1610, एमसीए के 896, एमटेक के 428, बीआर्क के 197, एमआर्क के 5 व बीएचएमसीटी के 1 विद्यार्थी को उपाधि मिली है।
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00:20In the name of the Father, the Son, and the Holy Spirit. Amen.
00:30In the name of the Father, the Son, and the Holy Spirit. Amen.
01:00In the name of the Father, the Son, and the Holy Spirit. Amen.