अड़चने क्यों आती है?
अच्छे कर्म करने पर अच्छा फल मिलता है फिर भी काम करते समय हमें अड़चनों का सामना क्यूँ करना पड़ता है? हमारे जीवन में अड़चने किस बिनाह पर आती है और हम उनसे कैसे बच सकते है?
Transcript
00:00अच्छे कर्म करने से अच्छा फल मिलता है।
00:26फिर भी परिवार में या कारेले में कुछ भी काम करते हुए अच्छे की वो निर्मन होती हैं।
00:32यहाँ पुर्वाभव में बहुत अच्छे की हैं।
00:34देखो अभी कितने लोग जॉब करते हैं गवर्मेंट में।
00:38तो आठ गंटा पुरा काम करते हैं।
00:41मजा कर लेते हैं।
00:42तो यह मजा का दूसरे भोव में हिसाब पुरा आजाएगा।
00:45अठ्रा गंटा काम करो, बारा गंटे का पगार मिलेगा।
00:48यह कुद्रत न्याय करेगी।
00:50इस लाइफ में हमने जितना भी गुना किया,
00:52दूसरे लाइफ में भुगत के ही रहना पड़ता है।
00:54तभी जो अर्चन आती है,
00:56तो अर्चनों का संभाव से निकाल करो।
00:58अर्चन आपको नुकसान करने वाले नहीं,
01:00आपको शक्ति देके जाने वाली है।
01:02आप जितना एजस्मेंट करते जाओगे,
01:04अर्चन कम होते जाओगे,
01:06आपकी शक्ति बढ़ते जाओगे।
01:08और समझ लेना, मेरी अर्चन किया हुआ ही मुझे आता है,
01:10किसी का दोश्ट नहीं है।
01:12किसी को दोशित मत देखो,
01:14किसी को दुख पीन मत दो,
01:16अर्चन का एजस्मेंट लेकर सॉलुषन निकालो।
01:18हमारी बुद्धी को सॉलुषन में डालो।
01:20और किसी को दोशित मत देखो।
01:22दिरे दिरे अर्चन,
01:24वो सब विनाश ही है,
01:26खतम होते जाएगी एक एक बात।
01:28एक एक का निकाल करते जाओगे,
01:30खतम होते जाएगी।