सभी जन्मों के कर्मों को एक साथ कैसे खत्म करें #sanjivmalik

  • 3 months ago
सभी जन्मों के कर्मों को एक साथ कैसे खत्म करें #sanjivmalik
Transcript
00:00सवाल है जनम जनमांत्रों के संचित कर्मों को कैसे नेश्ट करें
00:05तीन मेजर तरीके होते हैं किसी भी तरह के कर्मों को समाप्त करने के लिए
00:10एक कर्म है जीने हम संचित कर्म कहते हैं जो तीर अभी स्टोर्ड बड़े होई हैं
00:18एक कर्म है जो पकचुके हैं, जो तीर ऐपयाठोड को पड़े है जो तीर कामाण से निकलचोड करते है
00:23और संचित कर्म है पिछले सारे जनमों से तडռना आप नहीं चेड़खाणी कर सकते हैं
00:28जो तीर कमान से निकल चल चुका है उसको आप छेड़खानी नहीं कर सकते
00:34यानि कि इस जीवन में जो करम आपको फल देने के लिए बने हैं उनको छेड़खानी नहीं कर सकते
00:40यानि जीवन में आने वाली जो समस्यां हैं उनका आप एकदम से समाधान
00:44मैं कहूं कि एकदम से वो करक्ट हो जाएंगे वो नी पॉसिबल
00:47जो तीर छूट चुके हैं वो इस जीवन के प्रारब्ध करम है
00:51लेकिन जो करम अभी जो तुनीर में पेंडिंग है ना
00:55जो तुनीर में जो तीर पड़े होई हैं वो हैं संचित करम
00:59वो हैं जनमों जनमों के संचित करम उसको नष्ट करने के लिए
01:03उसे दूर करने के लिए क्या कह जाता है तो उसको दूर करने
01:06का जो सबसे उत्तम उपाय है पहली जो चीज़ है वो है
01:10माफी प्रार्थना करम का जो बिल्कुल सीधा सीधा प्रार्थना है
01:14जो रूल है उसके जो नियम है करमों के बंदन से चूटने का
01:18जो उपाय है मैं आपको वही उपाय से बहुत आरहा हूँ पहला जो उपाय है
01:22पहला जो करमों के बंदन से चूटने का प्रार्थ है अपनी जिम्मवारी को स्विकार करें
01:27कि कोई परमात्मा ने मेरे साथ ऐसा कर दिया वैसा कर दिया
01:30इसका सिंपल सा अर्थ है पहली चीज है अपनी जिम्मवारी को स्विकार करना
01:34यानि की अगर मेरे जीवन में कोई भी तकलीफ है कोई भी दुख है कोई भी पीडा है
01:40उसके लिए कौन जिम्मवार है उसके लिए केवल और केवल मैं स्व्यम जिम्मवार हूँ
01:46अगर मेरे जीवन में कोई तकलीफ है तो
01:48मेरी समस्याओं के लिए कोई दूसरा कोई तीसरा परसंद जिम्मवार नहीं है
01:54एस सिंपल ऐस तैट ठीक है ये पहली बात
01:57दूसरी जो चीज है वो है आत्मिक रूप से माफ़ी माँगना
02:01माफ़ी माँगना मतलब पहली चीज जिम्मवारी स्विकार करना और दूसरी चीज है
02:07दूसरी चीज है आत्मिक रूप से माफ़ी माँगना
02:09माफ़ी माँगना का मतलब सिंपल है कि
02:11मन से वचन से करम से अगर मैंने कुछ भी गलत किया है
02:15तो हे प्रभू मुझे एक शमा करना
02:17माफ़ी प्राह्टना तो आप करो ही करो
02:19जब आप माफ़ी प्राह्टना करते हो तो इतना बड़ा चेंज आता है
02:23माफ़ी प्राह्टना में हम क्या कहते हैं
02:24इसमें सबसे इंपोर्टन जो चीज है माफ़ी प्राह्टना में
02:27वो है हो पोनो पोनो प्रेर की दुखम में
02:30आप कर सकते हैं इसको
02:31माफ़ी प्राह्टने में होता है
02:32I am sorry, please forgive me, thank you and I love you
02:35यह आप किसके प्रती कहते हैं
02:37आप उस वेक्ति के प्रती कहते हैं
02:38जिसके प्रती आपसे कोई बुरा करम किया हुआ है
02:41मतलब वो वेक्ति इस जीवन में आपको तकलीफ दिये जा रहा है
02:44तो definitely हो पोनो पोनो प्रेर
02:46वो रास्ता है जिसके दुबारा आप अपनी
02:48sorry का भाव convey करते हो
02:51मुझे माफ़ कर दो
02:53मैं धन्यवाद भी करता हूँ
02:55और I love you का भाव का मतलब है
02:57यहाँ पर भाव बेजा जाता है कि
02:59मैं एक प्रेम का भाव
03:00एक universal प्रेम का भाव
03:02ब्रात्री भाव का भाव
03:04मैं आपके प्रती ये बेजता हूँ
03:06तो please मुझे क्षमा कर दो
03:07ये प्रास्ना कितने दिन तक करनी है
03:09दिन में कम से कम
03:1115-20 मिनट ये प्रास्ना जुरूर करें
03:13कितने दिन तक करें
03:15जब तक आपको तकलीफ में आराम नहीं आजाता
03:17मिनिमम 21 दिन तक जुरूर करें
03:20आप गजब के परिणाम देखेंगे
03:22हो पोनो पोनो प्रेर
03:24हिंदी में आप ऐसे भी कहते हैं
03:31अगर मुझसे जाने अंजाने में
03:33कुई भी गलती हुई हो तो प्लीज मुझे माफ करें
03:35मैं अपनी गलती पर शर्मिंदा हूँ
03:37मैं माफ़ी चाहता हूँ और मैं उस वक्ति के परती
03:39संदेश देना चाहता हूँ कि
03:41I love you and thank you
03:43और किसी और ने मेरे परती अगर गलती की है
03:45तो मैं अभी और यही आपकी उपस्थिती
03:47मैं उससे माफ़ी माँगता हूँ
03:49और इस वक्ति के परती धन्यवाद का संदेश देना चाहता हूँ
03:51यह बहुत जरूरी है
03:53कितनी बार करें दिन में
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