हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि को बहुत ही अधिक प्रभावशाली माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अगर सोमवार के दिन अमावस्या तिथि पड़े, तो इसे सोमवती अमावस्या/Somvati Amavasya कहा जाता है। चैत्र महीने की सोमवती अमावस्या 8 अप्रैल सोमवार को है। यह अमावस्या साल 2024 की पहली सोमवती अमावस्या होगी।
इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं और बरगद के वृक्ष की पूजा करती हैं। अमावस्या का दिन पितरों के लिए भी विशेष रूप से अर्पित होता है। इस दिन देश की पवित्र नदियों और तीर्थ स्थानों में स्नान और पितरों के लिए पूजा-पाठ, तर्पण, श्राद्ध और दान दक्षिणा करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है.
इस बार सोमवती अमावस्या/Somvati Amavasya पर साल का पहला सूर्य ग्रहण भी लगने जा रहा है। हिंदू पंचांग के अनुसार, पहली सोमवती अमावस्या की तिथि 08 अप्रैल को सुबह 03 बजकर 21 मिनट से शुरू होगी और इसका समापन रात 11 बजकर 50 मिनट पर होगा। ऐसा माना जाता है कि सोमवती अमावस्या के दिन व्रत करने से वैवाहिक जीवन की समस्याएं दूर होती हैं और आपको परिवार में सुख शांति बढ़ती है।
इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं और बरगद के वृक्ष की पूजा करती हैं। अमावस्या का दिन पितरों के लिए भी विशेष रूप से अर्पित होता है। इस दिन देश की पवित्र नदियों और तीर्थ स्थानों में स्नान और पितरों के लिए पूजा-पाठ, तर्पण, श्राद्ध और दान दक्षिणा करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है.
इस बार सोमवती अमावस्या/Somvati Amavasya पर साल का पहला सूर्य ग्रहण भी लगने जा रहा है। हिंदू पंचांग के अनुसार, पहली सोमवती अमावस्या की तिथि 08 अप्रैल को सुबह 03 बजकर 21 मिनट से शुरू होगी और इसका समापन रात 11 बजकर 50 मिनट पर होगा। ऐसा माना जाता है कि सोमवती अमावस्या के दिन व्रत करने से वैवाहिक जीवन की समस्याएं दूर होती हैं और आपको परिवार में सुख शांति बढ़ती है।
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