Gori mhari mhe to chalya ae pardesh Song
ऐ गोरी म्हारी म्हे तो चाल्या रे परदेश
राजस्थानी लोकगीत जिसको संजय जी बिरख और उनकी माता श्री रुकमणी देवी जी ने गाया हैं।
राजस्थानी लोकगीत जिसको संजय जी बिरख और उनकी माता श्री रुकमणी देवी जी ने गाया हैं।
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