म्हे जावां छा म्हाके गांव, बाबा म्हाकी राम राम

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खाटूश्यामजी. सतरंगी अलबेले मस्ताने फाल्गुनी लक्खी मेले का समापन बारस को हुआ। 11 दिनों के श्रद्धा, उल्लास और मस्ती के माहौल के बाद मेले के अंतिम दिन भक्त बाबा के दरबार में पहुंचे तो उनकी आंखे विदाई की घड़ी में नम हो गई। कई भक्त जयकारे लगाकर तो कोई भजन के भावों में मस्त मलं