The Video is spreading with this message:- यह लड़का तमिलनाडु का रहने वाला है इसने योग विद्या के बल पर आसमान में उड़कर कर दिखाया जिससे वैज्ञानिक भी हैरान रह गए । रामायण और हनुमान जी को काल्पनिक कहने वालों के लिये खुली चुनोती है ।
The Truth is:- सभी को प्रणाम!
कृपया योग को बदनाम न करें न होने दें और ऐसे रूमर्स को न फैलाएं और फैलने से रोकने के लिए इसको क्रॉस चेक अवश्य कर लें की जानकारी सही है अथवा गलत।
विडिओ मे व्यक्ति विगणेश प्रभु जी हैं जो की भारत के एक जादूगर हैं और वह पहले ऐसे भारतीय हैं जिनको मायाजाल रत्न अवॉर्ड प्राप्त हुआ है । उन्होंने यह जादू एक अदृश्य रस्सी के माध्यम से किया था जो रस्सी एक क्रेन के माध्यम से खींची गई थी।
Appeal to all:- विगणेश प्रभु जी हैं जो की भारत के एक जादूगर हैं और वह पहले ऐसे भारतीय हैं जिनको मायाजाल रत्न अवॉर्ड प्राप्त हुआ है । उन्होंने यह जादू एक अदृश्य रस्सी के माध्यम से किया था जो रस्सी एक क्रेन के माध्यम से खींची गई थी। आप चाहें तो तमिल नाडु सरकार से भी पता कर सकते हैं उनके द्वारा भी विगणेश जी को समाणित किया गया है। अतः कृपया झूठ न फैले इसका ध्यान दें। विशेष रूप से योग को बदनाम करता हुआ कोई भी झूठ न फैले पहले से ही भारतीय गलत नीतियों ने योग को बदनाम कर रखा है। हर कोई गली नुक्कड़ मे योग करवाने लग जाता है बिना योग शिक्षा और बिना डिग्री के, तंत्र का ज्ञान नही और लोग तंत्र योग को भी भूत प्रेत से जोड़ देते हैं और कुछ लोगों को आदत होती है जिस विषय मे शिक्षा ग्रहण नहीं की पर वो विषय प्रसिद्धि प्राप्त कर रहा है तो उसमे घुस जाओ, भारत मे यह अधिकतर यही होता है अपने मूल विषय पर कार्य नहीं करेंगे अपितु और विषयों मे घुस जाएंगे नतीजा धोबी का कुत्ता जैसा हाल जो जाता है परंतु यह लोग योग को अपनी बेवकूफईयों से बहुत बदनाम कर रहे हैं और योग पर लोगों की विश्वसनीयता को कम करवा देते हैं। यही कारण हैं योग पर मीम, कार्टून, गलत गीत, चुटकुले बनते हैं और तो और आठवीं फेल योग गुरु बन जाते हैं और जब किसी बड़े प्लेटफॉर्म पर जवाब देना होता है तो बसिक्स ऑफ योग भी नहीं आता होता। योग को केवल आसन मात्र बना कर रख दिया हुआ है।
The Truth is:- सभी को प्रणाम!
कृपया योग को बदनाम न करें न होने दें और ऐसे रूमर्स को न फैलाएं और फैलने से रोकने के लिए इसको क्रॉस चेक अवश्य कर लें की जानकारी सही है अथवा गलत।
विडिओ मे व्यक्ति विगणेश प्रभु जी हैं जो की भारत के एक जादूगर हैं और वह पहले ऐसे भारतीय हैं जिनको मायाजाल रत्न अवॉर्ड प्राप्त हुआ है । उन्होंने यह जादू एक अदृश्य रस्सी के माध्यम से किया था जो रस्सी एक क्रेन के माध्यम से खींची गई थी।
Appeal to all:- विगणेश प्रभु जी हैं जो की भारत के एक जादूगर हैं और वह पहले ऐसे भारतीय हैं जिनको मायाजाल रत्न अवॉर्ड प्राप्त हुआ है । उन्होंने यह जादू एक अदृश्य रस्सी के माध्यम से किया था जो रस्सी एक क्रेन के माध्यम से खींची गई थी। आप चाहें तो तमिल नाडु सरकार से भी पता कर सकते हैं उनके द्वारा भी विगणेश जी को समाणित किया गया है। अतः कृपया झूठ न फैले इसका ध्यान दें। विशेष रूप से योग को बदनाम करता हुआ कोई भी झूठ न फैले पहले से ही भारतीय गलत नीतियों ने योग को बदनाम कर रखा है। हर कोई गली नुक्कड़ मे योग करवाने लग जाता है बिना योग शिक्षा और बिना डिग्री के, तंत्र का ज्ञान नही और लोग तंत्र योग को भी भूत प्रेत से जोड़ देते हैं और कुछ लोगों को आदत होती है जिस विषय मे शिक्षा ग्रहण नहीं की पर वो विषय प्रसिद्धि प्राप्त कर रहा है तो उसमे घुस जाओ, भारत मे यह अधिकतर यही होता है अपने मूल विषय पर कार्य नहीं करेंगे अपितु और विषयों मे घुस जाएंगे नतीजा धोबी का कुत्ता जैसा हाल जो जाता है परंतु यह लोग योग को अपनी बेवकूफईयों से बहुत बदनाम कर रहे हैं और योग पर लोगों की विश्वसनीयता को कम करवा देते हैं। यही कारण हैं योग पर मीम, कार्टून, गलत गीत, चुटकुले बनते हैं और तो और आठवीं फेल योग गुरु बन जाते हैं और जब किसी बड़े प्लेटफॉर्म पर जवाब देना होता है तो बसिक्स ऑफ योग भी नहीं आता होता। योग को केवल आसन मात्र बना कर रख दिया हुआ है।
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