आप मंदिर जाते हैं तो भगवान को भोग लगाने के लिए कई तरह के प्रसाद बनाकर ले जाते होंगे. एक से एक पकवान, जिनसे ईश्वर प्रसन्न हों और आपकी हर मुराद पूरी हो
पर हमारे देश में एक मंदिर ऐसा भी है, जहां लोग प्रसाद नहीं बल्कि जूतों की माला चढ़ाते हैं. ये मंदिर माता का है.
Karnataka Footwear festival celebrated at Lakamma temple, इस मंदिर में देवी को पहनाई जाती हैं चप्पलों की माला, होती है हर मुराद पूरी
मंदिर कनार्टक के गुलबर्ग जिले में है. नाम है लकम्मा देवी मंदिर. इस मंदिर में हर साल ‘फुटवियर फेस्टिवल’ भी होता है, जिसमें काफी दूर से लोग आते हैं.
इस मंदिर के हजारों मील दूर तक ये मान्यता है कि मंदिर में सभी की मनोकामनाएं पूरी होती है. अगर सच्चे दिल से यहां कुछ मांगा जाए तो देवी उसे पूरा करती हैं.
पर हमारे देश में एक मंदिर ऐसा भी है, जहां लोग प्रसाद नहीं बल्कि जूतों की माला चढ़ाते हैं. ये मंदिर माता का है.
Karnataka Footwear festival celebrated at Lakamma temple, इस मंदिर में देवी को पहनाई जाती हैं चप्पलों की माला, होती है हर मुराद पूरी
मंदिर कनार्टक के गुलबर्ग जिले में है. नाम है लकम्मा देवी मंदिर. इस मंदिर में हर साल ‘फुटवियर फेस्टिवल’ भी होता है, जिसमें काफी दूर से लोग आते हैं.
इस मंदिर के हजारों मील दूर तक ये मान्यता है कि मंदिर में सभी की मनोकामनाएं पूरी होती है. अगर सच्चे दिल से यहां कुछ मांगा जाए तो देवी उसे पूरा करती हैं.
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