शरीर में हार्मोन की गड़बड़ी होने से अधिकतर महिला में अंडा न बन पाने का कारण बनता है। इस वजह से महिला गर्भधारण करने में असमर्थ हो जाती है। ऐसी महिलाएं को चिकिस्तक अक्सर कुछ सुझाव देते है की अपने वजन को नियंत्रित करे और खान-पान पर विशेष ध्यान दे, नियमित रूप से व्यायाम-योगा करे आदि। इन कार्यो को करने से अंडाशय से अंडे बनने में मदद मील सके। कुछ महिलाओं के अंडाशय में गांठ की समस्या होती है जिसे ओवरियन सिस्ट कहते है। अंडाशय में गांठ होने से अंडे बन नहीं पाते है। इन महिलाओं को पीरियड्स सही से नहीं आते है और माँ बनने में असफल हो जाती हैं. महिला की उम्र 35 के पार जाने पर उनके अंडो की गुणवत्ता में कमी आने लगती है, इस समस्या को लेकर महिला अधिक उदास हो जाती है। लेकिन अंडे की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए कुछ उपाय कर सकते है। जिन महिला को अधिक उम्र होने पर माँ बनने की इच्छा हो रही है। अंडाशय में अंडे न बनने का मुख्य कारण महिला की गलत आदते जैसे शराब व धूम्रपान की लत होती है। सिगरेट में अनेक केमिकल होते है जो अंडो को प्रभावित कर देते है और अंडे की गुणवत्ता को कम कर देते है। इसके अलावा शराब महामारी चक्र को प्रभावित करता है। अच्छे अंडे नहीं बनने का कारण आपका अधिक वजन हो सकता है। इसलिए, अपने वजन को नियंत्रित करना अति आवश्यक होता है। वजन नियंत्रित होने से अंडे प्रभावित नहीं होते है। पानी की कमी होने ब्लड सर्कलुशन में कमी आ सकती है इसलिए, आपको अधिक पानी पीना चाहिए। शरीर में पानी होने से ओवरी अपना कार्य सही तरीके से करता है और अंडे भी स्वस्थ होते है। इसके अलावा आप रोजाना स्वस्थ भोजन व व्यायाम करना शुरू कर दे। महिला को अपने अंडो की गुणवत्ता सुधारने के लिए स्वस्थ आहार लेना चाहिए। आहार में पोषक तत्वों से भरे फल व सब्जियों को शामिल करना चाहिए। जैसे की अंडा, एवोकाडो, तिल के बीज, अधिक पानी पीना, हरी सब्जियां, नट्स आदि है। अपने स्ट्रेंज को नियंत्रित करने के लिए घरेलु उपचार का उपयोग करे, ताकि अंडे की गुणवत्ता की कमी को कम किया जा सके। शरीर में हार्मोन के असामन्य होने से अंडो पर अधिक प्रभाव पड़ता हैं।
#MahilaMeAndaNaBanPaneKaKaran
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