हिंदुओं में अपनी धार्मिक पहचान, या यूं कहिए धर्म के लिए गर्व की भावना जगाना और पूजा पाठ के लिए श्रद्धा पैदा करना, हिंदुत्व का एक दशक पुराना प्रॉजेक्ट है, लेकिन वह पूरी तरह से कामयाब नहीं हुआ है. हाल ही में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (#RSS) प्रमुख मोहन भागवत (#MohanBhagwat) ने जो भाषण दिया है, वह इसी बेताबी को दर्शाता है. इसमें भागवत ने इस बात पर बहुत अधिक चिंता जताई थी कि हिंदु लोग अपने धर्म के बाहर शादियां कर रहे हैं.
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